
एक देश से दूसरे देश जाने की चाह में लोग अपनी जान तक दांव पर लगा देते हैं. आपने डंकी रूट से कई छोटे देशों के लोगों को अमेरिका और बाकी बड़े देशों में जाते देखा होगा, लेकिन अब एक ऐसा मामला सामने आया है, जिससे हर कोई हैरान है. काबुल से दिल्ली आने वाली एक फ्लाइट के लैंडिंग गियर में छिपकर एक 13 साल का अफगानी बच्चा भारत पहुंच गया. जब ग्राउंड स्टाफ ने बच्चे को देखा और उससे पूछताछ हुई तो हर कोई दंग रह गया. आइए जानते हैं कि प्लेन में लैंडिंग गियर कहां होता है और यहां कैसे कोई बैठकर सफर कर सकता है.
हैरान करने वाली घटना
काबुल से भारत आई फ्लाइट के निचले हिस्से से निकले इस बच्चे से जब पूछा गया तो उसने बताया कि वो अफगानिस्तान के कुंदुज शहर का रहने वाला है. इसने सुरक्षाकर्मियों को बताया कि वो प्लेन के टेकऑफ करने से पहले ही लैंडिंग गियर में छिप गया था और वहीं बैठकर भारत पहुंच गया. इस घटना ने लोगों को हैरान कर दिया है.
कहां छिपकर बैठा था बच्चा?
अफगानिस्तान से आया ये बच्चा प्लेन के बीचोंबीच स्थित लैंडिंग गियर में बनी छोटी सी जगह पर छिपकर बैठ गया था. ये जगह वहां होती है, जहां प्लेन के टायर बंद होकर शिफ्ट होते हैं. जब भी प्लेन टेकऑफ करता है तो उसके टायर फोल्ड होकर अंदर चले जाते हैं और फ्लैप बंद हो जाता है, यहां सिर्फ टायरों के फिट होने की जगह होती है और इंसान मुश्किल से फिट हो सकता है. इसके बावजूद किसी तरह यहां लोग छिपकर बैठ जाते हैं.

फ्लाइट के पहिये में छिपकर काबुल से दिल्ली पहुंचा 13 साल का लड़का, हर कोई हैरान, जिंदा कैसे बचा?
ज्यादातर मामलों में मौत पक्की
- हजारों फीट की ऊंचाई पर उड़ने वाले प्लेन के लैंडिंग गियर में सफर करना काफी जानलेवा होता है. इसमें मौत लगभग पक्की होती है.
- सबसे पहले हाइड्रोलिक सिस्टम की ताकत से लैंडिंग गियर में बैठे इंसान की मौत हो सकती है.
- अगर इंसान टेकऑफ तक बच गया तो हजारों फीट ऊपर जाने के बाद ऑक्सीजन की कमी से उसके लंग्स काम करना बंद कर सकते हैं.
- प्लेन जब हजारों फीट की ऊंचाई पर उड़ता है तो बाहर का तापमान -50 डिग्री सेल्सियस तक हो सकता है, जिससे हाइपोथर्मिया हो सकता है.
अमेरिका और ब्रिटेन में ऐसे सबसे ज्यादा मामले सामने आते हैं, जब लोग प्लेन के लैंडिंग गियर में छिपकर यहां पहुंचने की नाकाम कोशिश करते हैं. अब तक ऐसे 100 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें महज कुछ ही लोग जिंदा बच पाए.

लैंडिंग से पहले होती है मौत
तमाम चीजों से अगर इंसान बच भी जाता है तो सबसे ज्यादा खतरा तब होता है जब प्लेन लैंड कर रहा होता है. प्लेन की लैंडिंग से पहले ही हवा में टायर बाहर निकल जाते हैं, यानी लैंडिंग गियर एक्टिवेट होता है. ऐसे में जो इंसान उसके अंदर बैठा होता है वो सैकड़ों फीट से नीचे गिरता है और उसकी मौत हो जाती है. ज्यादातर मामलों में यही देखा गया है, क्योंकि इस खतरनाक सफर में लैंडिंग के वक्त तक इंसान होश खो देता है, ऐसे में लैंडिंग गियर के साथ ही वो भी बाहर गिर जाता है.
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