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विमान के पहिए में छिपे बच्चे के जिंदा रहने पर क्या बोले डॉक्टर, जानें यहां

Stowaway Child Kabul to Delhi Flight: काबुल से दिल्ली पहुंचा 14 साल का बच्चा विमान के पहिए में छिपकर 42000 फीट की ऊंचाई पर डेढ़ घंटे तक ज़िंदा रहा. डॉक्टरों के मुताबिक, उसकी उम्र, टायरों की गर्मी और शरीर की प्रतिक्रिया ने उसकी जान बचाई. 

विमान के पहिए में छिपे बच्चे के जिंदा रहने पर क्या बोले डॉक्टर, जानें यहां
ये घटना भले ही एक चमत्कार लगती हो, लेकिन इसके पीछे कई खतरनाक पहलू हैं.

Stowaway Child Kabul to Delhi Flight: जब कोई कहे कि एक बच्चा 42000 फीट की ऊंचाई पर बिना ऑक्सीजन और बिना गर्म कपड़ों के जिंदा बच गया, तो यकीन करना मुश्किल होता है. लेकिन यह कहानी हकीकत है. अफगानिस्तान का एक 14 साल का बच्चा काबुल से दिल्ली आने वाली फ्लाइट के पहिए में छिपकर करीब डेढ़ घंटे की जोखिम भरी यात्रा कर गया और जिंदा बच गया. ये घटना केएएम एयर की फ्लाइट RQ4401 की है. इस फ्लाइट में बच्चा लैंडिंग गियर यानी पहिए के पास के हिस्से में छिप गया था. आमतौर पर उड़ान के दौरान यहां ना तो ऑक्सीजन होती है, ना ही गर्मी. ऊपर से तापमान माइनस 50 डिग्री तक पहुंच सकता है. यह घटना मेडिकल साइंस के लिए भी हैरानी की बात है.

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प्लेन के पहिए में छिपकर काबुल से दिल्ली पहुंचा बच्चा - Stowaway Child Kabul to Delhi Flight

स्टाफ की पड़ी नजर

जब फ्लाइट दिल्ली पहुंची तो एयरपोर्ट स्टाफ की नजर उस बच्चे पर पड़ी. उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया. अब वो ठीक है और उसे वापस काबुल भेज दिया गया है. लेकिन सवाल उठता है आखिर वह बचा कैसे?

डॉक्टर का जवाब: एक चमत्कार ही है

इस मामले पर दिल्ली के अपोलो हॉस्पिटल के डॉक्टर निखिल मोदी ने न्यूज18 को जानकारी दी. उन्होंने कहा कि विमान जब उड़ान भरता है, तो उसकी ऊंचाई 30 हजार से 42 हजार फीट के बीच होती है. वहां ऑक्सीजन बहुत कम हो जाती है और तापमान बहुत गिर जाता है. आमतौर पर इतनी ऊंचाई पर इंसान का बेहोश हो जाना या मौत हो जाना कोई नई बात नहीं है. ऐसे में इस बच्चे का बच जाना मेडिकल साइंस के लिए एक अजूबा है.

डॉक्टर मोदी ने बताया कि विमान के अंदर एक खास सिस्टम होता है जो हवा और तापमान को सामान्य बनाए रखता है. लेकिन जहाज के बाहर, खासकर पहिए के पास ऐसा कुछ नहीं होता. वहां हवा बहुत तेज होती है और तापमान इतना गिर जाता है कि शरीर सुन्न हो सकता है.

क्या वजह हो सकती है बचने की?

डॉक्टर मोदी के मुताबिक, बच्चे की उम्र ने उसकी जान बचाने में बड़ी भूमिका निभाई. उसकी उम्र सिर्फ 14 साल थी, इसलिए उसका शरीर कम जगह में भी एडजस्ट हो गया. इसके अलावा, जब विमान उड़ता है तो उसके पहिए और इंजन गर्म हो जाते हैं. शायद उसी गर्मी ने थोड़ी देर तक उसे ठंड से बचाया.

बच्चे का बचना हैरानी की बात

टेक ऑफ और लैंडिंग के समय पहिए तेजी से मूव करते हैं और उनके आसपास थोड़ी जगह भी बनती है. संभव है कि बच्चा वहीं बैठ गया हो. ऊंचाई पर जाने पर इंसान को सांस लेने में तकलीफ होती है, सिर दर्द हो सकता है, बेहोशी या दौरे भी पड़ सकते हैं. लेकिन बच्चा इन सब से कैसे बच गया, यह समझ से परे है. कुछ मामलों में शरीर 'हाइपोथर्मिया' के कारण एक तरह की नींद में चला जाता है और एनर्जी की खपत कम हो जाती है. शायद यही उसके जिंदा बचने की एक वजह हो सकती है.

यह भी जान लें

ये घटना भले ही एक चमत्कार लगती हो, लेकिन इसके पीछे कई खतरनाक पहलू हैं. ऐसा करना जानलेवा हो सकता है. अफगानिस्तान से आने वाला यह बच्चा बच गया, लेकिन हर बार किस्मत साथ दे, जरूरी नहीं.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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