फाइल फोटो
श्रीनगर:
कश्मीर घाटी में प्रशासन ने स्कूलों और कॉलेजों को मंगलवार को फिर से खोलने का फैसला किया है. सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में तीन आतंकवादियों के मारे जाने के बाद कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए सोमवार को स्कूलों और कॉलेजों को बंद कर दिया गया था. अधिकारियों ने कहा, "घाटी में मंगलवार को सभी स्कूल और कॉलेज फिर से खुलेंगे. हालांकि जिला मजिस्ट्रेट तय करेंगे कि सुरक्षा के कारण क्या किसी शैक्षणिक संस्थान को फिर से बंद करने की जरूरत है."
अलगाववादियों ने भी कहा है कि घाटी में कोई बंद आयोजित नहीं किया जाएगा. अनंतनाग जिले में गोलीबारी के बाद सोमवार को शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने का आदेश दिया गया था. सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया एक आतंकवादी एस्सा फजीली राजौरी के बाबा गुलाम शाह बादशाह विश्वविद्यालय का पूर्व बीटेक छात्र था जो आठ माह पहले आतंकवादी समूह से जुड़ गया था.
हालांकि, तहरीक-उल-मुजाहिद्दीन (टीयूएम) संगठन ने कहा कि एस्सा उनके संगठन का कमांडर था, लेकिन सोमवार शाम को श्रीनगर के अहमद नगर इलाके में मृतक आतंकवादी की अंत्येष्टि में इस्लामिक स्टेट (आईएस) के झंडे देखे गए. सोशल मीडिया पर प्रसारित हुए संदेशों में आईएस सहयोगियों ने कहा कि फजीली आतंकवादी समूह की भारतीय शाखा अंसार गजवतुल हिंद में में शामिल हो गया था. दावों के बावजूद शीर्ष खुफिया अधिकारियों सहित सुरक्षा बल अब तक जम्मू और कश्मीर में आईएस की उपस्थिति के दावों को सख्ती से खारिज करते रहे हैं.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
अलगाववादियों ने भी कहा है कि घाटी में कोई बंद आयोजित नहीं किया जाएगा. अनंतनाग जिले में गोलीबारी के बाद सोमवार को शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने का आदेश दिया गया था. सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया एक आतंकवादी एस्सा फजीली राजौरी के बाबा गुलाम शाह बादशाह विश्वविद्यालय का पूर्व बीटेक छात्र था जो आठ माह पहले आतंकवादी समूह से जुड़ गया था.
हालांकि, तहरीक-उल-मुजाहिद्दीन (टीयूएम) संगठन ने कहा कि एस्सा उनके संगठन का कमांडर था, लेकिन सोमवार शाम को श्रीनगर के अहमद नगर इलाके में मृतक आतंकवादी की अंत्येष्टि में इस्लामिक स्टेट (आईएस) के झंडे देखे गए. सोशल मीडिया पर प्रसारित हुए संदेशों में आईएस सहयोगियों ने कहा कि फजीली आतंकवादी समूह की भारतीय शाखा अंसार गजवतुल हिंद में में शामिल हो गया था. दावों के बावजूद शीर्ष खुफिया अधिकारियों सहित सुरक्षा बल अब तक जम्मू और कश्मीर में आईएस की उपस्थिति के दावों को सख्ती से खारिज करते रहे हैं.
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