महबूबा मुफ्ती (फाइल फोटो)
जम्मू-कश्मीर:
जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने घाटी के उन युवकों को बड़ी राहत दी है, जिनके खिलाफ पथराव के मामलों में मुकदमा दर्ज था. मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने 4,327 युवकों के खिलाफ दर्ज पथराव के मामलों को वापस लेने का आदेश दिया है. एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि पुलिस महानिदेशक एस पी वैद्य के नेतृत्व वाली विशेषाधिकार प्राप्त समिति की अनुशंसा के बाद यह कदम उठाया गया है. समिति ने आज महबूबा को रिपोर्ट सौंपी.
उन्होंने कहा कहा कि आज के फैसले से मामलों को वापस लेने की वह प्रक्रिया बहाल हो गई है जो पिछले साल सत्ता संभालने के बाद मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शुरू की थी. अधिकारी ने कहा कि महबूबा 2008 से 2014 के बीच युवकों के खिलाफ दर्ज मामलों की समीक्षा की प्रक्रिया शुरू की थी और दो महीने के भीतर ही 634 युवाओं से संबंधित 104 मामलों को वापस लिया था. घाटी में हिंसा और अशांति जारी रहने की वजह से मामले वापस लेने की प्रक्रिया बाधित हो गई. उन्होंने कहा कि कुल 744 मामलों से जुड़े 4,327 युवकों के खिलाफ पथराव के मामले वापिस लिए गए हैं.
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प्रवक्ता ने कहा कि इसके साथ ही मुख्यमंत्री के आदेश पर वापस लिए गए मामलों की संख्या 848 हो गई और इनसे कुल 4,957 युवकों को लाभ पहुंचा. मुख्यमंत्री ने वादा किया था कि उन युवकों के खिलाफ मामले वापस लिए गए जाएंगे जो जघन्य अपराधों में शामिल नहीं हैं. प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री ने हाल ही में आदेश दिया था कि 2015 के बाद के मामलों को वापस लिया जाए और विशेषधिकार प्राप्त समिति की रिपोर्ट मिलने में इस संदर्भ में फैसला किया जाएगा.
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युवकों के खिलाफ मामलों को वापस लेने की मांग समाज के कई तबकों से आती रही है. प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री ने आज के फैसले को युवकों के लिए उम्मीद की किरण करार दिया और कहा कि यह उनके लिए अपनी जिंदगी को फिर से संवारने का मौका है. महबूबा ने उम्मीद जताई कि इस फैसले से राज्य में सकारात्मक माहौल पैदा होने में मदद मिलेगी.
VIDEO: इंडिया 8 बजे: केंद्र सरकार ने कश्मीर पर बातचीत के लिए वार्ताकार नियुक्त किया (इनपुट भाषा से)
उन्होंने कहा कहा कि आज के फैसले से मामलों को वापस लेने की वह प्रक्रिया बहाल हो गई है जो पिछले साल सत्ता संभालने के बाद मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शुरू की थी. अधिकारी ने कहा कि महबूबा 2008 से 2014 के बीच युवकों के खिलाफ दर्ज मामलों की समीक्षा की प्रक्रिया शुरू की थी और दो महीने के भीतर ही 634 युवाओं से संबंधित 104 मामलों को वापस लिया था. घाटी में हिंसा और अशांति जारी रहने की वजह से मामले वापस लेने की प्रक्रिया बाधित हो गई. उन्होंने कहा कि कुल 744 मामलों से जुड़े 4,327 युवकों के खिलाफ पथराव के मामले वापिस लिए गए हैं.
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प्रवक्ता ने कहा कि इसके साथ ही मुख्यमंत्री के आदेश पर वापस लिए गए मामलों की संख्या 848 हो गई और इनसे कुल 4,957 युवकों को लाभ पहुंचा. मुख्यमंत्री ने वादा किया था कि उन युवकों के खिलाफ मामले वापस लिए गए जाएंगे जो जघन्य अपराधों में शामिल नहीं हैं. प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री ने हाल ही में आदेश दिया था कि 2015 के बाद के मामलों को वापस लिया जाए और विशेषधिकार प्राप्त समिति की रिपोर्ट मिलने में इस संदर्भ में फैसला किया जाएगा.
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युवकों के खिलाफ मामलों को वापस लेने की मांग समाज के कई तबकों से आती रही है. प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री ने आज के फैसले को युवकों के लिए उम्मीद की किरण करार दिया और कहा कि यह उनके लिए अपनी जिंदगी को फिर से संवारने का मौका है. महबूबा ने उम्मीद जताई कि इस फैसले से राज्य में सकारात्मक माहौल पैदा होने में मदद मिलेगी.
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