टूर्नामेंट की सबसे मज़बूत टीम के खिलाफ महेंद्र सिंह धोनी कैसे रोकेंगे हार

टूर्नामेंट की सबसे मज़बूत टीम के खिलाफ महेंद्र सिंह धोनी कैसे रोकेंगे हार

महेंद्र सिंह धोनी (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

पुणे बनाम कोलकाता यानी धोनी Vs गंभीर। घरेलू मैदान पर महेंद्र सिंह धोनी के पास चुनौती टूर्नामेंट की सबसे मज़बूत टीम दिख रही केकेआर के खिलाफ जीत दर्ज करने की है और लगातार तीन हार के सिलसिले को रोकने की है। पुणे की टीम की मुख्य चिंता उसकी गेंदबाज़ी में नज़र आ रही है।

इस टीम की गेंदबाजी तेज गेंदबाज इशांत शर्मा, तिसारा परेरा और आरपी सिंह के साथ बेहद कमज़ोर दिखती है। इन तीनों तेज गेंदबाज़ों की इकॉनमी 10 के करीब की रही है और इनके आंकड़ों से साफ है कि धोनी के पास दिक्कत क्या है?

पुणे की चिंता है खराब तेज़ गेंदबाज़ी
इशांत- 4 मैचों में 9.86 की इकॉनमी, 3 विकेट
परेरा - 2 मैचों में 3 विकेट, इकॉनमी 9.60
आरपी सिंह - 2 मैचों में 1 विकेट, इकॉनमी - 10.20

वैसे, खराब शुरुआत को सुधारना मुरुगन अश्विन और आर अश्विन के लिए भी आसान नहीं होता।

पुणे की बल्लेबाज़ी तो मज़बूत दिखती है, लेकिन अब तक जिस तरह की उम्मीद इस लाइनअप से की जाती है उस पर वह खरे नहीं उतरे हैं। स्मिथ और पीटरसन अपने रंग में नज़र नहीं आए हैं

खराब बल्लेबाज़ी
रहाणे - 52 की औसत से 156 रन
ड्यूप्लेसी - 172 रन 43 की औसत से
पीटरसन - 73 रन 36.50 की औसत से
स्मिथ - 47 रन 15.66 की औसत से

लेकिन इसके उलट कोलकाता की टीम न सिर्फ शानदार खेल दिखा रही है, बल्कि अपने खिलाड़ियों को रोटेट करते हुए टूर्नामेंट की सबसे मज़बूत टीम नज़र आ रही है। टीम में विकल्पों की कोई कमी नहीं और खिलाड़ी अपने रोल में फ़िट दिखता है। केकेआर सबसे संतुलित टीमों में शुमार है। रॉबिन उथप्पा के साथ खुद कप्तान गंभीर ओपन करते हुए टीम के लिए उदाहरण पेश करते हैं।

केकेआर की ताकत- मज़बूत सलामी जोड़ी
गंभीर - 4 मैचों में 226 रन 113 की औसत और 90* की सर्वश्रेष्ठ, 2 अर्धशतकों के साथ..120.85
उथप्पा - 4 मैच, 134 रन , 33.50 की औसत , 127.61 की स्ट्राइक रेट , 53 सर्वश्रेष्ठ

गेंदबाज़ी में सुनील नरेन के साथ ब्रैड हॉग, पीयूष चावला, शाकिब अल हसन, कुलदीप यादव जैसे बेहतरीन स्पिनरों की भरमार है।

केकेआर की ताकत - बेहतरीन स्पिनर्स की भरमार
सुनील नरेन - 6 की इकॉनमी, 2 विकेट
शाकिब - 6.57 की इकॉनमी, 0 विकेट
हॉग - 7 की इकॉनमी, 3 विकेट
चावला - 7.25 की इकॉनमी , 4 विकेट

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मैदान पर इनमें से कोई भी तीन उतरें विपक्षी बल्लेबाज़ों के लिए खतरे की घंटी बजना तय होता है। तेज़ गेंदबाज़ी में भी उमेश और मॉर्कल जेसे विकल्प मौजूद हैं। ऐसे में लगातार चौथी हार से बचने के लिए धोनी की टीम को कुछ खास करने की ज़रूरत होगी..क्योंकि अगर यहां हारे तो फिर टूर्नामेंट के अगले दौर में जाना पुणे के लिए बेहद मुश्किल हो जाएगा।