आईपीएल-9 में भवुनेश्वर कुमार अब तक 23 विकेट ले चुके हैं। (फाइल फोटो)
बॉडी लैंग्वेज के मामले में भुवनेश्वर कुमार कहीं से भी तेज गेंदबाज नहीं लगते। तेज गेंदबाजों की तरह न तो वे विकेट लेने के बाद आक्रामक अंदाज में प्रतिक्रिया जताते हैं, न ही विपक्षी बल्लेबाज पर छींटाकशी करते हैं। यहां तक कि बातचीत के दौरान भी कई बार वे इतनी धीमी आवाज में बोलते हैं कि सुन पाना ही कठिन होता है। लेकिन यूपी का यह गेंदबाज अपने प्रदर्शन से सबसे ज्यादा असरदार है और यही कारण है कि यह IPL-9 में सर्वाधिक विकेट लेते हुए पर्पल कैप होल्डर है।
भुवनेश्वर का आईपीएल-9 का प्रदर्शन: मैच 16, पारी 16, ओवर 62, मेडन 5, रन 465, विकेट 23, सर्वश्रेष्ठ 4/29, औसत 20.21, इकोनॉमी 7.50 और स्ट्राइक रेट 16.21.
टीम इंडिया के सबसे किफायती गेंदबाजों में से एक
वनडे और टी-20 क्रिकेट की बात करें तो तेज गेंदबाजी डिपार्टमेंट में 'भुवी' को इस समय जसप्रीत बुमराह के साथ टीम इंडिया का सबसे सटीक और किफायती गेंदबाज माना जा सकता है। आईपीएल में उनका यह प्रदर्शन इस लिहाज से और महत्वपूर्ण माना जा सकता है कि जिम्बाब्वे दौरे पर टी-20 और वनडे खेलने जाने वाली टीम इंडिया में स्थान नहीं मिलने की निराशा को जज्ब करते हुए उन्होंने इसे अंजाम दिया है।
तीनों तरह के फार्मेट के हिसाब से हैं फिट
जिम्बाब्वे और वेस्टइंडीज दौरे के लिए टीम इंडिया का चयन 23 मई को हुआ और तब तक आईपीएल प्लेऑफ दौर में पहुंच चुका था। आश्चर्यजनक रूप से भुवनेश्वर का नाम केवल इंडीज दौरे में चार टेस्ट खेलने वाली टीम में है। इकोनॉमी रेट और विकेट झटकने के मामले में बेजोड़ भुवनेश्वर का नाम जिम्बाब्वे दौरे की टीम से क्यों नदारद है, इसका कारण चयनकर्ता ही बेहतर बता सकते हैं। यह बात अलग है कि क्रिकेट का कोई भी फॉर्मेट हो, भुवनेश्वर ने हर बार अपने चयन को सार्थक साबित किया है। यही कारण है कि एक गेंदबाज के रूप में उन्हें काफी ऊंचा रेट किया जाता है।
तेज गति से कराने लगे हैं गेंद को स्विंग
वर्ष 2016 की बात करें तो भुवनेश्वर को कुछ समय तक चोट के कारण बाहर रहना पड़ा। चोट से उबरकर उन्होंने शानदार अंदाज में वापसी की और अपनी गति में भी इजाफा करने में सफल रहे। इस दौर में यह कहा जाने लगा कि बेशक भुवी की गति बढ़ी हैं, लेकिन अब वे उस चतुराई से गेंद स्विंग नहीं करा पा रहे जैसे कि पहले कराया करते थे। बहरहाल, आईपीएल में उन्होंने समीक्षकों की इस धारणा को भी दूर कर दिया। पहले की तुलना में अधिक फिट नजर आ रहे भुवनेश्वर ने टूर्नामेंट 135 से 140 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से गेंद को स्विंग कराया और लगभग सभी बल्लेबाजों को मुश्किल में डाला। सनराइजर्स के कप्तान डेविड वार्नर ने लगभग हर मुश्किल वक्त पर अपनी तेज गेंदबाजी की जोड़ी भुवनेश्वर और मुस्तफिजुर रहमान पर भरोसा जताया और लगभग हर बार ये अपने कप्तान की कसौटी पर खरे उतरे।
वनडे में इकोनॉमी रेट पांच रन प्रति ओवर से नीचे
आईपीएल से इतर इंटरनेशनल टी-20 और वनडे में भी भुवनेश्वर का प्रदर्शन शानदार है। इंटरनेशनल टी-20 में उन्होंने 14 मैचों में 20.13 के औसत से 15 विकेट लिए हैं। दाएं हाथ के इस गेंदबाज का इकोनॉमी रेट 6.16 का है और स्ट्राइक रेट 19.6 का। इसी तरह 57 वनडे में भुवनेश्वर ने 38.30 के औसत से 60 विकेट लिए हैं। खास बात यह है कि वनडे क्रिकेट में ज्यादातर विकेट बल्लेबाजों के मददगार बनने के बावजूद भुवी ने अपना इकोनॉमी रेट पांच रन प्रति ओवर (4.89) से नीचे ही रखा है। यही नहीं, जरूरत पड़ने पर भुवनेश्वर निचले क्रम पर अच्छी बल्लेबाजी भी कर लेते हैं। टेस्ट मैचों में तो उनके नाम पर तीन अर्धशतक भी दर्ज हैं। आईपीएल में भुवनेश्वर इस अंदाज में शानदार गेंदबाजी कर रहे हैं मानो चयनकर्ताओं के फैसले (?) को चुनौती दे रहे हों...।
भुवनेश्वर का आईपीएल-9 का प्रदर्शन: मैच 16, पारी 16, ओवर 62, मेडन 5, रन 465, विकेट 23, सर्वश्रेष्ठ 4/29, औसत 20.21, इकोनॉमी 7.50 और स्ट्राइक रेट 16.21.
टीम इंडिया के सबसे किफायती गेंदबाजों में से एक
वनडे और टी-20 क्रिकेट की बात करें तो तेज गेंदबाजी डिपार्टमेंट में 'भुवी' को इस समय जसप्रीत बुमराह के साथ टीम इंडिया का सबसे सटीक और किफायती गेंदबाज माना जा सकता है। आईपीएल में उनका यह प्रदर्शन इस लिहाज से और महत्वपूर्ण माना जा सकता है कि जिम्बाब्वे दौरे पर टी-20 और वनडे खेलने जाने वाली टीम इंडिया में स्थान नहीं मिलने की निराशा को जज्ब करते हुए उन्होंने इसे अंजाम दिया है।
तीनों तरह के फार्मेट के हिसाब से हैं फिट
जिम्बाब्वे और वेस्टइंडीज दौरे के लिए टीम इंडिया का चयन 23 मई को हुआ और तब तक आईपीएल प्लेऑफ दौर में पहुंच चुका था। आश्चर्यजनक रूप से भुवनेश्वर का नाम केवल इंडीज दौरे में चार टेस्ट खेलने वाली टीम में है। इकोनॉमी रेट और विकेट झटकने के मामले में बेजोड़ भुवनेश्वर का नाम जिम्बाब्वे दौरे की टीम से क्यों नदारद है, इसका कारण चयनकर्ता ही बेहतर बता सकते हैं। यह बात अलग है कि क्रिकेट का कोई भी फॉर्मेट हो, भुवनेश्वर ने हर बार अपने चयन को सार्थक साबित किया है। यही कारण है कि एक गेंदबाज के रूप में उन्हें काफी ऊंचा रेट किया जाता है।
तेज गति से कराने लगे हैं गेंद को स्विंग
वर्ष 2016 की बात करें तो भुवनेश्वर को कुछ समय तक चोट के कारण बाहर रहना पड़ा। चोट से उबरकर उन्होंने शानदार अंदाज में वापसी की और अपनी गति में भी इजाफा करने में सफल रहे। इस दौर में यह कहा जाने लगा कि बेशक भुवी की गति बढ़ी हैं, लेकिन अब वे उस चतुराई से गेंद स्विंग नहीं करा पा रहे जैसे कि पहले कराया करते थे। बहरहाल, आईपीएल में उन्होंने समीक्षकों की इस धारणा को भी दूर कर दिया। पहले की तुलना में अधिक फिट नजर आ रहे भुवनेश्वर ने टूर्नामेंट 135 से 140 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से गेंद को स्विंग कराया और लगभग सभी बल्लेबाजों को मुश्किल में डाला। सनराइजर्स के कप्तान डेविड वार्नर ने लगभग हर मुश्किल वक्त पर अपनी तेज गेंदबाजी की जोड़ी भुवनेश्वर और मुस्तफिजुर रहमान पर भरोसा जताया और लगभग हर बार ये अपने कप्तान की कसौटी पर खरे उतरे।
वनडे में इकोनॉमी रेट पांच रन प्रति ओवर से नीचे
आईपीएल से इतर इंटरनेशनल टी-20 और वनडे में भी भुवनेश्वर का प्रदर्शन शानदार है। इंटरनेशनल टी-20 में उन्होंने 14 मैचों में 20.13 के औसत से 15 विकेट लिए हैं। दाएं हाथ के इस गेंदबाज का इकोनॉमी रेट 6.16 का है और स्ट्राइक रेट 19.6 का। इसी तरह 57 वनडे में भुवनेश्वर ने 38.30 के औसत से 60 विकेट लिए हैं। खास बात यह है कि वनडे क्रिकेट में ज्यादातर विकेट बल्लेबाजों के मददगार बनने के बावजूद भुवी ने अपना इकोनॉमी रेट पांच रन प्रति ओवर (4.89) से नीचे ही रखा है। यही नहीं, जरूरत पड़ने पर भुवनेश्वर निचले क्रम पर अच्छी बल्लेबाजी भी कर लेते हैं। टेस्ट मैचों में तो उनके नाम पर तीन अर्धशतक भी दर्ज हैं। आईपीएल में भुवनेश्वर इस अंदाज में शानदार गेंदबाजी कर रहे हैं मानो चयनकर्ताओं के फैसले (?) को चुनौती दे रहे हों...।
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