IPL के पहले क्वालिफायर में स्मिथ की पुणे और एलिमिनेटर में गंभीर की केकेआर जीती (फाइल फोटो)
इस सीज़न घरेलू टी20 लीग में कप्तानों की रेस में विराट कोहली का जलवा कई वजहों से नहीं चल पाया. लेकिन जिन चार कप्तानों की टीम ने लीग स्टेज में अपना जलवा दिखाया उन्होंने अपने प्रदर्शन से भी अपनी टीम का झंडा ऊंचा किए रखा. इस रेस में गौतम गंभीर, डेविड वॉर्नर, रोहित शर्मा और स्टीवन स्मिथ में होड़ लगी रही. कोलकाता के कप्तान गौतम गंभीर इस सीज़न अपनी टीम के लिए 'पारस' बन गए हैं.
गौतम गंभीर का हर दांव सही साबित हुआ
गौतम गंभीर ने इस सीज़न अपनी टीम में कई बार अलग-अलग स्तर पर बदलाव किए. उनका हर दांव टीम के लिए अब तक कारगर साबित हुआ है. उन्होंने ओपनर के रोल में खुद के साथ रॉबिन उथप्पा, क्रिस लिन, कॉलिन डि ग्रैंडहोम और सुनील नरेन जैसे खिलाड़ियों को कामयाबी के साथ आज़माया. गंभीर खुद चौथे नंबर पर भी आकर बल्लेबाज़ी कर रहे हैं और कई बार मैच विनर साबित हुए हैं. लीग के 14 में से 8 मैच जीतने वाले कप्तान गंभीर ने ने एलिमिनेटर मैच में भी मैच विनर की भूमिका निभाई. गंभीर ने इस सीज़न में 15 मैचों में 4 अर्द्धशतकीय पारी (स्ट्राइक रेट 129.94) के साथ 44.18 के औसत से 486 रन बनाए हैं.
कप्तानी की रेस में रोहित शर्मा भी कम नहीं
कप्तानों की रेस में मुंबई के रोहित शर्मा भी लाजवाब हैं. रोहित की अगुवाई में मुंबई टीम 14 में से 10 मैच जीतकर लीग में टॉप पर रही. फ़ाइनल के लिए उसे बेशक क्वालिफ़ायर 2 में गंभीर की टीम से टक्कर लेनी है. मुंबई फ़ैन्स को रोहित के बल्ले से ज़रूर बड़ी उम्मीदें बनी हुई हैं. रोहित शर्मा ने 15 मैचों में 23.58 के औसत से 3 अर्द्धशतकों (स्ट्राइक रेट- 124.66) के साथ 283 रन बनाए हैं.
फाइनल में नहीं पहुंच पाई SRH लेकिन छाए रहे वॉर्नर
कप्तान डेविड वॉर्नर की टीम फ़ाइनल तक का सफ़र नहीं कर पाई. लेकिन हैदराबाद के कप्तान डेविड वॉर्नर का बल्ला इस सीज़न जमकर बोला. शिखर धवन ने उनके साथ बल्लेबाज़ी की ज़िम्मेदारी खूब संभाली. गेंदबाज़ी में भुवनेश्वर कुमार (26 विकेट), राशिद ख़ान (17 विकेट) और सिद्धार्थ कौल (16 विकेट) जैसे गेंदबाज़ों ने टीम का झंडा लीग स्टेज में ऊपर किए रखा. वॉर्नर ने इस सीज़न 14 मैचों में 58.27 के औसत से 641 रन बनाए. इसमें उनका एक शतक और 4 अर्द्धशतकीय (स्ट्राइक रेट-141.81) पारियां शामिल हैं.
सबसे पहले फाइनल में पहुंची स्मिथ की पुणे टीम
इस सीज़न में पुणे के कप्तान बने स्टीवन स्मिथ की टीम ने सबसे पहले फ़ाइनल में जगह बनाई. कप्तानी में उन्हें धुरंधर एमएस धोनी से भी अच्छी मदद मिली. स्मिथ ने बॉर्डर-गावस्कर सीरीज़ के अपने फ़ॉर्म को बरक़रार रखा और साबित कर दिया कि हर फ़ॉर्म में उनका जादू बराबर चल सकता है. स्मिथ के लिए धोनी क्वालिफ़ायर 1 वन में ट्रंप कार्ड साबित हुए. जबकि लीग स्टेज में जयदेव उनादकट (22 विकेट), इमरान ताहिर (18 विकेट), बेन स्टोक्स (12 विकेट) और शार्दूल ठाकुर (11 विकेट) ने गेंदबाज़ी कमज़ोर नहीं पड़ने दी. बल्लेबाज़ी में स्मिथ (421 रन) और धोनी (280 रन) के साथ टीम के कम से कम छह बल्लेबाज़ (राहुल त्रिपाठी- 388, अजिंक्य रहाणे- 338, मनोज तिवारी- 317, बेन स्टोक्स- 316) ज़िम्मेदारी के साथ टीम को पहली बार फ़ाइनल में पहुंचाने में अपना रोल बखूबी निभाते रहे.
गौतम गंभीर का हर दांव सही साबित हुआ
गौतम गंभीर ने इस सीज़न अपनी टीम में कई बार अलग-अलग स्तर पर बदलाव किए. उनका हर दांव टीम के लिए अब तक कारगर साबित हुआ है. उन्होंने ओपनर के रोल में खुद के साथ रॉबिन उथप्पा, क्रिस लिन, कॉलिन डि ग्रैंडहोम और सुनील नरेन जैसे खिलाड़ियों को कामयाबी के साथ आज़माया. गंभीर खुद चौथे नंबर पर भी आकर बल्लेबाज़ी कर रहे हैं और कई बार मैच विनर साबित हुए हैं. लीग के 14 में से 8 मैच जीतने वाले कप्तान गंभीर ने ने एलिमिनेटर मैच में भी मैच विनर की भूमिका निभाई. गंभीर ने इस सीज़न में 15 मैचों में 4 अर्द्धशतकीय पारी (स्ट्राइक रेट 129.94) के साथ 44.18 के औसत से 486 रन बनाए हैं.
कप्तानी की रेस में रोहित शर्मा भी कम नहीं
कप्तानों की रेस में मुंबई के रोहित शर्मा भी लाजवाब हैं. रोहित की अगुवाई में मुंबई टीम 14 में से 10 मैच जीतकर लीग में टॉप पर रही. फ़ाइनल के लिए उसे बेशक क्वालिफ़ायर 2 में गंभीर की टीम से टक्कर लेनी है. मुंबई फ़ैन्स को रोहित के बल्ले से ज़रूर बड़ी उम्मीदें बनी हुई हैं. रोहित शर्मा ने 15 मैचों में 23.58 के औसत से 3 अर्द्धशतकों (स्ट्राइक रेट- 124.66) के साथ 283 रन बनाए हैं.
फाइनल में नहीं पहुंच पाई SRH लेकिन छाए रहे वॉर्नर
कप्तान डेविड वॉर्नर की टीम फ़ाइनल तक का सफ़र नहीं कर पाई. लेकिन हैदराबाद के कप्तान डेविड वॉर्नर का बल्ला इस सीज़न जमकर बोला. शिखर धवन ने उनके साथ बल्लेबाज़ी की ज़िम्मेदारी खूब संभाली. गेंदबाज़ी में भुवनेश्वर कुमार (26 विकेट), राशिद ख़ान (17 विकेट) और सिद्धार्थ कौल (16 विकेट) जैसे गेंदबाज़ों ने टीम का झंडा लीग स्टेज में ऊपर किए रखा. वॉर्नर ने इस सीज़न 14 मैचों में 58.27 के औसत से 641 रन बनाए. इसमें उनका एक शतक और 4 अर्द्धशतकीय (स्ट्राइक रेट-141.81) पारियां शामिल हैं.
सबसे पहले फाइनल में पहुंची स्मिथ की पुणे टीम
इस सीज़न में पुणे के कप्तान बने स्टीवन स्मिथ की टीम ने सबसे पहले फ़ाइनल में जगह बनाई. कप्तानी में उन्हें धुरंधर एमएस धोनी से भी अच्छी मदद मिली. स्मिथ ने बॉर्डर-गावस्कर सीरीज़ के अपने फ़ॉर्म को बरक़रार रखा और साबित कर दिया कि हर फ़ॉर्म में उनका जादू बराबर चल सकता है. स्मिथ के लिए धोनी क्वालिफ़ायर 1 वन में ट्रंप कार्ड साबित हुए. जबकि लीग स्टेज में जयदेव उनादकट (22 विकेट), इमरान ताहिर (18 विकेट), बेन स्टोक्स (12 विकेट) और शार्दूल ठाकुर (11 विकेट) ने गेंदबाज़ी कमज़ोर नहीं पड़ने दी. बल्लेबाज़ी में स्मिथ (421 रन) और धोनी (280 रन) के साथ टीम के कम से कम छह बल्लेबाज़ (राहुल त्रिपाठी- 388, अजिंक्य रहाणे- 338, मनोज तिवारी- 317, बेन स्टोक्स- 316) ज़िम्मेदारी के साथ टीम को पहली बार फ़ाइनल में पहुंचाने में अपना रोल बखूबी निभाते रहे.
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