
ऋषभ पंत की शानदार पारी भी दिल्ली को जीत नहीं दिला पाई (फाइल फोटो)
Quick Reads
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
एक छोर से ऋषभ संघर्ष करते रहे, दूसरे छोर से विकेट गिरते रहे
दिल्ली की पारी के आखिरी ओवर में पवन नेगा का शिकार बने पंत
36 गेंदों पर 57 रन की पारी खेली, तीन चौके और चार छक्के लगाए
बाएं हाथ के आक्रामक बल्लेबाज ऋषभ पंत की पारी का महत्व इसलिए और बढ़ जाता है कि 4 अप्रैल को ही उनके पिता का असामयिक निधन हुआ है. अंतिम संस्कार के लिए उन्हें टीम का साथ छोड़कर रुड़की जाना पड़ा था. पिता की इस तरह अचानक मौत पंत के लिए बड़ा झटका थी लेकिन बड़े जीवट वाले इस खिलाड़ी ने अपनी मनोस्थिति को बखूबी नियंत्रित किया. पिता का अंतिम संस्कार करके वे वापस लौटे और अपनी टीम के लिए बेहतरीन पारी खेली. टी20 में टीम इंडिया के लिए भी खेल चुके पंत ने अपनी पारी में चार छक्के लगाए जिसमें 140 किमी प्रति घंटे से अधिक की रफ्तार से गेंद फेंकने वाले टाइमल मिल्स की गेंद पर लगाया गया छक्का शामिल था.
ट्रेनिंग के दौरान ऋषभ गुरुद्वारे में रहते थे
अपने क्रिकेट के शौक को परवान चढ़ाने के लिए ऋषभ ने बेहद संघर्ष किया है. उनके पिता राजेंद्र पंत ने कुछ समय पहले एनडीटीवी को बताया था कि ट्रेनिंग के लिए ऋषभ को रुड़की से दिल्ली आना पड़ा था. दिल्ली के सोनेट क्लब के कोच तारक सिन्हा ने क्रिकेटरों के लिए एक कैंप रखा था और इस कैंप में भाग लेने के लिए ऋषभ रुड़की से दिल्ली आए थे. इस दौरान वे गुरुद्वारे में रहते थे और वहीं लंगर खाते थे. कड़ी मेहनत की बदौलत ऋषभ ने दिल्ली की रणजी टीम में जगह बनाई और फिर जूनियर वर्ल्डकप के अपने चमकीले प्रदर्शन की बदौलत टीम इंडिया में भी स्थान बनाने में कामयाब हुए. टी 20 में पंत ने एकमात्र टी20 मैच इंग्लैंड के खिलाफ बेंगलुरू में ही खेला था और वे पांच रन बनाकर नाबाद रहे थे.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं