वैसे हरभजन सिंह खुद भी गर्म मिजाज के लिए जाने जाते हैं... (फाइल फोटो)
मुंबई:
क्रिकेटर रोहित शर्मा ने मुंबई इंडियन्स और राइजिंग पुणे सुपरजायंट के बीच खेले गए मैच के दौरान सोमवार को अंपायर के एक फैसले के खिलाफ उनसे जोरदार बहस कर ली थी. हालांकि उनके साथी ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने रोहित का बचाव किया है और उन्होंने स्पष्ट किया है कि रोहित शर्मा वास्तव में बहस नहीं, बल्कि कुछ और ही कर रहे थे. हरभजन के अनुसार लोग फालतू में ही रोहित को निशाना बना रहे हैं. हालांकि जो कुछ भी मैदान पर हुआ, वह सबने कैमरे पर देखा है. ऐसे में भज्जी की बात हजम नहीं होती. फिर भी उन्होंने अपने कप्तान को बचाने का हरसंभव प्रयास किया है, लेकिन मैच रेफरी का कुछ और ही मानना रहा और रोहित को इसकी सजा भुगतनी पड़ी...
मैच रेफरी ने अंपायर के साथ बहस के लिए रोहित शर्मा को सजा दी है. उन्होंने रोहित को आचार संहिता के उल्लंघन का दोषी पाया है. दूसरी ओर हरभजन का मानना है कि कप्तान रोहित शर्मा ने अंपायर के साथ दुर्व्यवहार नहीं किया था.
हरभजन ने कहा, ‘वैसे गेंद काफी बाहर थी लेकिन मैं नहीं जानता कि यह वाइड थी या नहीं. अगर बल्लेबाज के दोनों पांव उस तरफ मूव करते हैं तो फिर गेंदबाज को भी उतना अंतर मिलना चाहिए, लेकिन रोहित ने एक ही पांव उस तरफ बढ़ाया था और मेरे हिसाब से उसे वाइड होना चाहिए था. लेकिन हमें अंपायर के फैसले के हिसाब से चलना होगा.'
भज्जी के अनुसार रोहित शर्मा तो केवल केवल नियम स्पष्ट करने को कह रहे थे. भज्जी ने कहा कि रोहित अंपायर के पास नियम के बारे में जानने के लिए गए थे.
भज्जी ने रोहित का पूरा बचाव करते हुए कहा, ‘रोहित तब जानना चाहता था कि नियम क्या हैं और उसे कहां खड़ा होना चाहिए था. वह अंपायर पर नहीं चिल्लाया था और केवल इतना पूछा था कि उन्होंने यह गेंद वाइड क्यों नहीं दी. वह पूछ रहा था कि मुझे कहां खड़ा होना चाहिए था ताकि यह गेंद वाइड दी जाती. अगर गेंद इतनी अधिक बाहर जाती है तो आप अधिक बाहर निकल सकते हो.’
गौरतलब है कि आखिरी ओवर में जब मुंबई को 17 रन की दरकार थी तब रोहित क्रीज पर थे. पहली गेंद पर ही हार्दिक पंड्या का विकेट गिर गया था. फिर रोहित ने छक्का लगा दिया. जब पुणे के तेज गेंदबाज जयदेव उनादकट ने देखा कि रोहित ऑफ स्टंप से बाहर आकर खेल रहे हैं तो उन्होंने गेंद काफी बाहर कर दी, लेकिन अंपायर ने वाइड नहीं दी. रोहित को लगा कि यह वाइड है. वह अंपायर के पास गए और उनसे बहस करते दिखे. भले ही भज्जी ने रोहित का बचाव किया हो, लेकिन इसके लिये उन पर मैच शुल्क का 50 प्रतिशत जुर्माना भी लगाया गया है.
(इनपुट भाषा से भी)
मैच रेफरी ने अंपायर के साथ बहस के लिए रोहित शर्मा को सजा दी है. उन्होंने रोहित को आचार संहिता के उल्लंघन का दोषी पाया है. दूसरी ओर हरभजन का मानना है कि कप्तान रोहित शर्मा ने अंपायर के साथ दुर्व्यवहार नहीं किया था.
हरभजन ने कहा, ‘वैसे गेंद काफी बाहर थी लेकिन मैं नहीं जानता कि यह वाइड थी या नहीं. अगर बल्लेबाज के दोनों पांव उस तरफ मूव करते हैं तो फिर गेंदबाज को भी उतना अंतर मिलना चाहिए, लेकिन रोहित ने एक ही पांव उस तरफ बढ़ाया था और मेरे हिसाब से उसे वाइड होना चाहिए था. लेकिन हमें अंपायर के फैसले के हिसाब से चलना होगा.'
भज्जी के अनुसार रोहित शर्मा तो केवल केवल नियम स्पष्ट करने को कह रहे थे. भज्जी ने कहा कि रोहित अंपायर के पास नियम के बारे में जानने के लिए गए थे.
भज्जी ने रोहित का पूरा बचाव करते हुए कहा, ‘रोहित तब जानना चाहता था कि नियम क्या हैं और उसे कहां खड़ा होना चाहिए था. वह अंपायर पर नहीं चिल्लाया था और केवल इतना पूछा था कि उन्होंने यह गेंद वाइड क्यों नहीं दी. वह पूछ रहा था कि मुझे कहां खड़ा होना चाहिए था ताकि यह गेंद वाइड दी जाती. अगर गेंद इतनी अधिक बाहर जाती है तो आप अधिक बाहर निकल सकते हो.’
गौरतलब है कि आखिरी ओवर में जब मुंबई को 17 रन की दरकार थी तब रोहित क्रीज पर थे. पहली गेंद पर ही हार्दिक पंड्या का विकेट गिर गया था. फिर रोहित ने छक्का लगा दिया. जब पुणे के तेज गेंदबाज जयदेव उनादकट ने देखा कि रोहित ऑफ स्टंप से बाहर आकर खेल रहे हैं तो उन्होंने गेंद काफी बाहर कर दी, लेकिन अंपायर ने वाइड नहीं दी. रोहित को लगा कि यह वाइड है. वह अंपायर के पास गए और उनसे बहस करते दिखे. भले ही भज्जी ने रोहित का बचाव किया हो, लेकिन इसके लिये उन पर मैच शुल्क का 50 प्रतिशत जुर्माना भी लगाया गया है.
(इनपुट भाषा से भी)
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