बेन स्टोक्स इंग्लैंड के ऑलराउंडर हैं और यह उनका पहला आईपीएल था...
नई दिल्ली:
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 10वें सीजन के साथ ही लीग का एक दौर पूरा हो गया. इस सीजन में फ्रेंचाइजियों ने कई खिलाड़ियों ने पर ऊंचे दांव लगाए. उनमें से कुछ ने अपनी कीमत को जायज ठहराया, जबकि कुछ ने निराश किया. सीजन की रनरअप रही राइजिंग पुणे सुपरजायंट ने भी इंग्लैंड के एक ऑलराउंडर पर बड़ा दांव खेला था. सब यही सोच रहे थे कि पवन नेगी जैसे पूर्व के महंगे क्रिकेटरों की तरह कहीं यह खिलाड़ी भी पुणे को महंगा न साबित हो जाए, लेकिन उसने निराश नहीं किया और टीम को प्लेऑफ तक ले जाने में अहम भूमिका निभाई. और हां, फाइनल में पुणे को उनकी कमी भी खली. यदि वह होते तो मैच का परिणाम कुछ और हो सकता था और आईपीएल को नया चैंपियन भी मिल जाता...
हम जिस क्रिकेटर की बात कर रहे हैं, वह हैं इंग्लैंड के ऑलराउंडर बेन स्टोक्स. स्टोक्स ने इंग्लैंड टीम के भारत दौरे में खासा प्रभावित किया था. इसके बाद तो भारत के युवराज सिंह जैसे क्रिकेटरों ने भी कहा था कि स्टोक्स पर इस साल धन की बारिस होगी और बोली में कुछ ऐसा ही हुआ था. अंत में राइजिंग पुणे सुपरजायंट ने उन्हें 14.5 करोड़ में खरीदने में सफल रही.
वैसे स्टोक्स की कीमत की इतनी चर्चा हुई कि उन पर अच्छे प्रदर्शन का बेहद दबाव था. कुछ मैचों में उनका प्रदर्शन उतना प्रभावी नहीं भी रहा, लेकिन जब उन्होंने एक बार लय पा ली, तो लगभग हर मैच में टीम की जीत में योगदान देने लगे. पुणे को प्लेऑफ तक पहुंचाने में उनके ऑराउंड खेल का अहम रोल रहा.
जड़ा शतक, झटके 12 विकेट...
शुरुआती मैचों में हार के बाद स्टोक्स ने टीम की जीत में अहम भागीदारी की. उन्होंने आईपीएल के इस सीजन 12 मैच खेले. स्टोक्स के बल्ले से 316 रन निकले और उनका औसत 31.60 रहा. उन्होंने एक शतक भी लगाया. स्टोक्स ने यह शतक गुजरात लॉयन्स के खिलाफ जड़ा था. इस मैच में उन्होंने मुश्किल दौर में 103 रन बनाकर टीम को जीत दिलाई थी. गेंदबाजी की बात करें, तो वह इसमें बल्ले से भी अधिक प्रभावी रहे. उन्होंने 12 मैचों में 12 विकेट हासिल किए.
फाइनल में होते तो तस्वीर बदल जाती..
इंग्लैंड ने चैंपियन्स ट्रॉफी की तैयारियों के लिए बेन स्टोक्स को प्लेऑफ से पहले ही वापस बुला लिया था. वैसे जिस तरह की वह गेंदबाजी करते हैं, उससे वह फाइनल में काफी प्रभावी रहते. पुणे को बल्ले से भी उनकी कमी खली, क्योंकि अंतिम ओवर में बड़ी हिट नहीं लग पाई, जैसे कि उन्होंने गुजरात के खिलाफ शतक जड़ते हुए लगाईं थीं. यदि वह फाइनल में होते तो शायद नतीजा बदल जाता.
हम जिस क्रिकेटर की बात कर रहे हैं, वह हैं इंग्लैंड के ऑलराउंडर बेन स्टोक्स. स्टोक्स ने इंग्लैंड टीम के भारत दौरे में खासा प्रभावित किया था. इसके बाद तो भारत के युवराज सिंह जैसे क्रिकेटरों ने भी कहा था कि स्टोक्स पर इस साल धन की बारिस होगी और बोली में कुछ ऐसा ही हुआ था. अंत में राइजिंग पुणे सुपरजायंट ने उन्हें 14.5 करोड़ में खरीदने में सफल रही.
वैसे स्टोक्स की कीमत की इतनी चर्चा हुई कि उन पर अच्छे प्रदर्शन का बेहद दबाव था. कुछ मैचों में उनका प्रदर्शन उतना प्रभावी नहीं भी रहा, लेकिन जब उन्होंने एक बार लय पा ली, तो लगभग हर मैच में टीम की जीत में योगदान देने लगे. पुणे को प्लेऑफ तक पहुंचाने में उनके ऑराउंड खेल का अहम रोल रहा.
जड़ा शतक, झटके 12 विकेट...
शुरुआती मैचों में हार के बाद स्टोक्स ने टीम की जीत में अहम भागीदारी की. उन्होंने आईपीएल के इस सीजन 12 मैच खेले. स्टोक्स के बल्ले से 316 रन निकले और उनका औसत 31.60 रहा. उन्होंने एक शतक भी लगाया. स्टोक्स ने यह शतक गुजरात लॉयन्स के खिलाफ जड़ा था. इस मैच में उन्होंने मुश्किल दौर में 103 रन बनाकर टीम को जीत दिलाई थी. गेंदबाजी की बात करें, तो वह इसमें बल्ले से भी अधिक प्रभावी रहे. उन्होंने 12 मैचों में 12 विकेट हासिल किए.
फाइनल में होते तो तस्वीर बदल जाती..
इंग्लैंड ने चैंपियन्स ट्रॉफी की तैयारियों के लिए बेन स्टोक्स को प्लेऑफ से पहले ही वापस बुला लिया था. वैसे जिस तरह की वह गेंदबाजी करते हैं, उससे वह फाइनल में काफी प्रभावी रहते. पुणे को बल्ले से भी उनकी कमी खली, क्योंकि अंतिम ओवर में बड़ी हिट नहीं लग पाई, जैसे कि उन्होंने गुजरात के खिलाफ शतक जड़ते हुए लगाईं थीं. यदि वह फाइनल में होते तो शायद नतीजा बदल जाता.
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