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This Article is From Sep 07, 2023

"जीरो ट्रस्ट" मॉडल, G20 के दौरान साइबर हमलों को रोकने के लिए सुरक्षा एजेंसी अलर्ट

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि साइबर खतरों को ध्यान में रखते हुए, भारत ने अपने महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के आसपास सतर्कता बढ़ा दिया है.

"जीरो ट्रस्ट" मॉडल, G20 के दौरान साइबर हमलों को रोकने के लिए सुरक्षा एजेंसी अलर्ट
नई दिल्ली:

विदेशों से होने वाले साइबर खतरों की आशंका के बीच भारत ने इस सप्ताह के अंत में दिल्ली में होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन से पहले अपने महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के आसपास सतर्कता बढ़ा दिया है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने एनडीटीवी को बताया कि भारतीय एजेंसियां ​​चीन-पाकिस्तान के साइबर हैकर्स पर नजर रखने के लिए ओवरटाइम काम कर रही हैं. साइबर खतरों को ध्यान में रखते हुए, भारत ने अपने महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के आसपास सतर्कता का स्तर बढ़ा दिया है. 

अधिकारी के अनुसार, खतरे के पैमाने को ध्यान में रखते हुए, साइबर सुरक्षा को कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम द्वारा नियंत्रित किया जा रहा है. जबकि बाकी दिल्ली को दिल्ली पुलिस की साइबर सुरक्षा विंग द्वारा सुरक्षित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि 28 होटलों में भी अलर्ट बढ़ा दिया गया है. जहां वीवीआईपी और प्रतिनिधि ठहरेंगे.

आईटीसी मौर्या में साइबर दस्ते तैनात किए गए हैं, जहां अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन रहेंगे. इसके अलावा, द ललित, शांगरी-ला, क्लेरिजेस, इरोस होटल, रेडिसन ब्लू, ताज होटल, प्राइड प्लाजा, विवांता बाय ताज, होटल ग्रैंड, एंबेसडर बाय ताज, द अशोक, हयात रीजेंसी, जेडब्ल्यू मैरियट, पुलमैन में भी व्यवस्था की गई है. रोज़ेट, अंदाज़ दिल्ली, द लोधी, द लीला, द सूर्या, द शेरटन एट साकेत, ओबेरॉय गुड़गांव, लीला गुड़गांव, ट्राइडेंट गुड़गांव, इंपीरियल डेल्ह, द ओबेरॉय और आईटीसी भारत गुड़गांव. में भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है. इन सभी होटलों को "जीरो ट्रस्ट" मॉडल, पर काम करने के लिए कहा गया है.

गृह मंत्रालय की साइबर इकाई ने कहा कि "जीरो ट्रस्ट" मॉडल किसी निजी नेटवर्क पर किसी भी पहुंच या डेटा ट्रांसफर से पहले प्रत्येक डिवाइस और व्यक्ति के लिए मजबूत प्रमाणीकरण और प्राधिकरण पर निर्भर करता है.  ये व्यवस्थाएं गृह मंत्रालय में एक बैठक के बाद की जा रही हैं. गौरतलब है कि बैठक में सुरक्षा एजेंसियों द्वारा G20 शिखर सम्मेलन के दौरान साइबर हमलों के इतिहास पर चर्चा की गई थी. बताते चलें कि फरवरी 2011 में, पेरिस जी20 शिखर सम्मेलन के आसपास एक स्पीयर फ़िशिंग हमला सामने आया था. जिसमें जी20 दस्तावेज़ों तक पहुंचने के उद्देश्य से फ्रांसीसी वित्त मंत्रालय के अधिकारियों को फ़िशिंग ईमेल और मैलवेयर अटैचमेंट भेजे गए थे. 

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