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This Article is From Nov 18, 2023

"छोटा भाई अभी तक तो जिंदा है, लेकिन...": NDTV से उत्‍तराखंड टनल में फंसे श्रमिक के भाई ने कहा

बिहार के एक श्रमिक सुशील शर्मा भी सुरंग में फंसे हुए हैं और बाहर उनके बड़े भाई हरिद्वार शर्मा उनके बाहर आने का इंतजार कर रहे हैं.

"हालात बेहद खराब हैं. बर्दाश्‍त करने की एक हद होती है..."

Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन जारी, लेकिन अंदर फंसे लोगों की हिम्‍मत अब जवाब दे रही
"मैंने आज अपने भाई से बात की उसने बताया, हालात बेहद खराब"
"हम चिंतित हैं कि आखिर अंदर फंसे लोगों का क्‍या होगा?"
उत्‍तरकाशी:

उत्‍तराखंड के उत्‍तरकाशी में हुए सुरंग हादसे को लगभग 150 घंटे बीत चुके हैं. सुरंग के अंदर 40 मजदूर फंसे हुए हैं. इन्‍हें बाहर निकालने के लिए रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन जारी है, लेकिन अंदर फंसे लोगों की हिम्‍मत अब जवाब दे रही है. वहीं, बाहर श्रमिकों के परिजन भी बेहद चिंतित हैं. परिजनों को रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन के बारे में अवगत तो कराया जा रहा है, लेकिन कोई ये बताने के लिए तैयार नहीं है कि आखिर फंसे हुए लोग कब बाहर आएंगे...?

बिहार के एक श्रमिक सुशील शर्मा भी सुरंग में फंसे हुए हैं और बाहर उनके बड़े भाई हरिद्वार शर्मा उनके बाहर आने का इंतजार कर रहे हैं. NDTV से बातचीत करते हुए हरिद्वार शर्मा ने बताया, "मेरा छोटा भाई सुरंग के अंदर फंसा हुआ है. आज सात दिन हो गए हैं, कंपनी और सरकार कुछ करते हुए नजर नहीं आ रही है. मैंने आज अपने भाई से बात की, तो उसने बताया कि हमारी हिम्‍मत जवाब दे रही है. हालात बेहद खराब हैं. बर्दाश्‍त करने की एक हद होती है..."

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हरिद्वार शर्मा ने बताया कि श्रमिक जिस कंपनी के कॉन्‍ट्रेक्‍ट में काम कर रहे थे, वो भी सही जवाब नहीं देती है. उन्‍होंने कहा, "कंपनी वाले कहते हैं कि हम कोशिश कर रहे हैं... लोगों को बाहर निकालने की कोशिश की जा रही है." उन्‍होंने दावा किया कि पिछले 24 घंटों से रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन थमा हुआ है और कोई नई मशीन भी नहीं आई है. हमें बस दिलासा दिया जा रहा है कि मशीन आ रही है. लेकिन मशीन कब आएगी, कोई पता नहीं है. हम चिंतित हैं कि आखिर अंदर फंसे लोगों का क्‍या होगा?

परिजन ने बताया, "सुबह भाई से बात हुई, तो उसने बताया कि अभी तक हम ठीक हैं, लेकिन हालात लगातार बिगड़ रहे हैं. अन्‍य लोगों के बारे में भी बताया कि वे भी ठीक हैं. हम अपने घरवालों को भी लगातार दिलासा दे रहे हैं कि आज लोग बाहर आ जाएंगे, कल तक बाहर आ जाएंगे. वे भी चिंतित हैं. इधर, रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन में जुटी टीम सिर्फ एक ही जगह से ड्रिल करने में लगी हुई है, इसका कोई और भी विकल्‍प हो सकता है?"      

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निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में मलबे को भेदकर श्रमिकों तक पहुंचने का रास्ता बनाने के कार्य में फिर रुकावट आने से पिछले छह दिन से सुरंग में फंसे उन 40 श्रमिकों का इंतजार और बढ़ गया है जो बाहर निकाले जाने की प्रतीक्षा कर रहे हैं. उत्तरकाशी जिला आपातकालीन नियंत्रण कक्ष से शनिवार सुबह मिली जानकारी के अनुसार, फिलहाल सुरंग में ड्रिलिंग का काम रुका हुआ है.

12 नंवबर की सुबह हुए हादसे के बाद से लगातार चलाए जा रहे बचाव अभियान की जानकारी देते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग और अवसंरचना विकास कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचआइडीसीएल) के निदेशक अंशु मनीष खाल्को ने शुक्रवार शाम कहा था कि मलबे में ड्रिलिंग कर छह मीटर लंबे चार पाइप डाल दिए गए हैं, जबकि पांचवें पाइप को डालने की कार्रवाई चल रही है.

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