साहिबाबाद में एक युवक की हत्या का सनसनीखेज खुलासा हुआ है. अपनी किस्मत बदलने की चाहत रखने वाले दो लोगों ने एक खतरनाक साजिश रची. उन्होंने एक ड्रग एडिक्ट से दोस्ती की. एक हफ़्ते में उन्होंने उसे शराब पिलाकर दोस्ती कर ली. फिर उन्होंने उसे छत के पंखे से लटका दिया. जब उसकी मौत हो गई, तो उन्होंने चाकू से उसका सिर काट दिया, ठीक वैसे ही जैसे उन्हें एक काला जादू करने वाले ने सलाह दी थी.
उनका मानना था कि बलि देने से उनके सितारे फिर से चमकेंगे और उन्हें गरीबी से बाहर निकलने का रास्ता मिलेगा. मुजफ्फरनगर के रहने वाले विकास गुप्ता और धनंजय सैनी अपनी कम आय से नाखुश थे. गुप्ता दिल्ली में ऑटो चलाते थे, जबकि सैनी राजधानी में एक भोजनालय में रसोइया था. वे दिल्ली के जीटीबी एन्क्लेव में किराए के मकान में रहते थे.
परमात्मा ने किया था काला जादू का दावा
शुक्रवार को हत्या के आरोप में दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस ई-रिक्शा चालक विकास उर्फ परमात्मा की तलाश कर रही है, जो दिल्ली में गुप्ता के साथ एक कमरे में रहता था. परमात्मा ने ही दावा किया था कि वह काला जादू जानता है और उसने गुप्ता और सैनी को यह भरोसा दिलाया था कि अगर वे उसे किसी अनाथ का कटा हुआ सिर लाकर दे दें तो उन्हें 5-5 लाख रुपए मिलेंगे.
दोनों को राजू के बारे में पता चला - एक खाद्य ठेले पर काम करने वाला जो नशे का आदी था. मूल रूप से बिहार के मोतिहारी का रहने वाला राजू ने कम उम्र में ही अपने माता-पिता को खो दिया था, वह अकेला रहता था, जिसका मतलब था कि अगर वह लापता हो जाता तो कोई भी उसके बारे में पूछताछ नहीं करता.
रोड पर मिला शव
22 जून को पुलिस को लोनी-भोपुरा रोड पर एक बिना सिर के एक शव मिला. डीसीपी (ट्रांस-हिंडन) निमिष पाटिल ने कहा कि सिरहीन शव की तस्वीरें आस-पास के पुलिस थानों में प्रसारित होने के बाद राजू के रिश्तेदार गणेश शाह ने उसकी पहचान की. पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज से गुप्ता पर ध्यान केंद्रित किया, जिसमें पंजीकरण संख्या DL1 RQ-9275 वाली एक ऑटो-रिक्शा दिखाई दी. नंबर पुलिस को गुप्ता के चाचा मुन्ना तक ले गया, जो वाहन का मालिक था.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट की मुताबिक एक हफ़्ते की दोस्ती के बाद गुप्ता और सैनी ने राजू को 22 जून को शराब और ड्रग्स का लालच देकर किराए के कमरे में बुलाया. जब उसने कुछ पैग पी लिए, तो दोनों ने - परमात्मा के साथ - उसके गले में कपड़ा बांधा और उसे छत से तब तक लटकाए रखा जब तक कि उसकी मौत नहीं हो गई.
पाटिल ने कहा, "उन्होंने शव को अपने ऑटो में लाद लिया और गाजियाबाद में पंचशील के पास एक जंगली इलाके में चले गए. वहां उन्होंने चाकू से सिर को अलग कर दिया, उसे एक बाल्टी में रखा और शव को झाड़ियों के बीच फेंक दिया. फिर वे अपने कमरे में लौट आए."
माना जाता है कि तीनों ने जीटीबी एन्क्लेव में किराए के कमरे में राजू के सिर के साथ एक अनुष्ठान किया. पुलिस ने कहा कि परमात्मा सिर लेकर कमरे से बाहर निकल गया. पुलिस के अनुसार, गुप्ता और सैनी एक-दूसरे को पहले से जानते थे, क्योंकि दोनों मुजफ्फरनगर के रहने वाले हैं.
पाटिल ने बताया कि लंबे समय से वे अपनी आय बढ़ाने के लिए विकल्प तलाश रहे थे।जब सब कुछ विफल हो गया, तो उन्होंने काले जादू का सहारा लिया और परमात्मा, जो उनमें से एक के साथ एक ही कमरे में रहता था, ने उन्हें यह वादा करके बहकाया कि वह उनकी किस्मत बदल सकता है." गुप्ता और सैनी के खिलाफ धारा 302 (हत्या) और आईपीसी की अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.
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