धर्मस्थल:
जनता दल एस के नेता एचडी कुमारस्वामी को सत्य परीक्षण की चुनौती देने वाले कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा सोमवार को खुद इससे पीछे हट गए जबकि कुमारस्वामी ने शपथ ले कर येदियुरप्पा के खिलाफ अपने आरोपों की पुष्टि की। उधर येदियुरप्पा ने बस भगवान मंजूनाथ के दर्शन तक खुद को सीमित रखा और वहां प्रार्थना की। मुख्यमंत्री ने कुमारस्वामी को भगवान की प्रतिमा के सामने कसम लेकर उनपर (येदियुरप्पा पर) लगाए गए भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद के आरोपों को साबित करने की चुनौती दी थी। कुमारस्वामी ने येदियुरप्पा पर यह भी आरोप लगाया था कि पैसे, भविष्य में गठबंधन सहित अन्य प्रलोभन देकर उन्हें खामोश करने का प्रयत्न किया गया। येदियुरप्पा ने बाद में कहा कि भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी और धार्मिक नेताओं ने उनसे कहा था कि वह धर्म को राजनीति से नहीं मिलाएं और उनकी सलाह पर उन्होंने सत्य परीक्षण का विचार त्याग दिया। येदियुरप्पा ने बताया, सुत्तुर के तरलाबालु के स्वामीजी पेजावर तथा नितिन गडकरी ने मुझे कसम लेने से मना किया। कुमारस्वामी ने येदियुरप्पा के बाद मंदिर का दर्शन किया। उन्होंने देवता के समक्ष शपथ ली और कहा कि उन्होंने पिछले छह-सात महीनों में येदियुरप्पा के खिलाफ जो आरोप लगाए हैं, वह उनपर अडिग हैं। जद :एस: नेता ने कहा, पूजा अर्चना के बाद मैंने भगवान के समक्ष शपथ ली कि मैंने 14 जून को मीडिया से कहा था कि युदियुरप्पा ने समझौते के लिए दूत भेजा था कि मैं उनके भ्रष्ट कृत्यों का और भंडाफोड़ करने से बाज आऊं जो शत-प्रतिशत सच है.. कुमारस्वामी ने अपनी चुनौती से पीछे हटने पर येदियुरप्पा पर तीखा प्रहार किया और मंजूनाथेश्वर (भगवान मंजूनाथ) को राजनीतिक जंग में घसीटने के लिए उन्हें गद्दार करार दिया। उधर, मंदिर में प्र्थना करने के बाद येदियुरप्पा ने कहा, मैंने अपने लिए कुछ नहीं मांगा। अपने राज्य के छह करोड़ लोगों की तरफ से मैंने भगवान मंजूनाथ से कर्नाटक की समृद्धि के लिए प्रार्थना की। उन्होंने कहा, पिछले तीन सालों से राज्य में प्रचूर मात्रा में वर्षा हो रही है और भगवान की दया से समृद्धि बढ़ रही है। मैं चाहता हूं कि यह अगले दो सालों तक भी चलता रहे। येदियुरप्पा ने विपक्षी दल कांग्रेस तथा जनता दल एस के इस आरोप को भी खारिज किया कि भाजपा सरकार ने राज्य को कर्ज के गर्त में ढकेल दिया है। उन्होंने दावा किया, पिछले तीन साल से राज्य में विकास हो रहा है और उसकी वित्तीय स्थिति भी अच्छी है। येदियुरप्पा ने करीब 30 विधायकों और वीएस आचार्य और एमपी रेणुकाचार्य सहित अन्य मंत्रियों के साथ मंदिर में दर्शन किए। जब उनसे मंत्रिमंडल के विस्तार के बारे में पूछ गया तो उन्होंने कहा, मैं यहां राजनीतिक मुद्दे पर बात नहीं करना चाहता। दर्शन के बाद वह कुछ विकास कार्यों का शुभारंभ करने के लिए बस से पास के तीर्थस्थल कुक्के सुब्रमन्या रवाना हो गए।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं