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This Article is From Dec 14, 2020

Year Ender 2020 : Covid-19 से पस्त तो हुई इकोनॉमी, लेकिन इन सेक्टरों को हुआ सबसे ज्यादा फायदा

लॉकडाउन और पोस्ट कोविड के टाइम में बहुत से सेक्टर्स ऐसे रहे, जिन्होंने अपने और भी बड़ा बाजार तैयार किया है, हम एक बार नजर डाल रहे हैं कि आखिर किन-किन सेक्टरों में बड़े बदलाव देखे गए और किनको बहुत फायदा हुआ.

Year Ender 2020 : Covid-19 से पस्त तो हुई इकोनॉमी, लेकिन इन सेक्टरों को हुआ सबसे ज्यादा फायदा
Post-Covid Economy : कोविड-19 अर्थव्यस्था और कई सेक्टरों के लिए बड़े बदलाव लेकर आया. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली:

वैश्विक महामारी कोरोनावायरस (Coronavirus) के प्रकोप को फैले एक साल से ज्यादा का वक्त हो गया है. एक अनजान नए वायरस और फिर महीनों के लॉकडाउन ने दुनियाभर के लिए बहुत कुछ बदला, खासकर अर्थव्यवस्था (Post-Covid Economy) के लिए. लॉकडाउन हमारे लिए अनिश्चितता लेकर आया लेकिन धीरे-धीरे बहुत से सेक्टर्स ने आपदा में अवसर ढूंढ लिया. लॉकडाउन और पोस्ट कोविड के टाइम में बहुत से सेक्टर्स ऐसे रहे, जिन्होंने अपने और भी बड़ा बाजार तैयार किया है, हम एक बार नजर डाल रहे हैं कि आखिर किन-किन सेक्टरों में बड़े बदलाव देखे गए और किनको बहुत फायदा हुआ.

फार्मा सेक्टर

कोरोनावायरस ने हेल्थवर्कर्स की जिंदगी जरूर मुश्किल कर दी, लेकिन हेल्थकेयर और फार्मा कंपनियों इस मौके का पूरा फायदा उठाया है. एक तरफ हेल्थ इंडस्ट्री की जहां पर जरूरतों और कमियों की तरफ व्यापक रूप से नजर डाला गया. वहीं, कोविड के डर के बीच लोगों ने दवाइयों और हेल्थ सप्लीमेंट का खूब सहारा लिया. 

फेस मास्क, हैंड सैनिटाइज़र और हाइजीन जरूरी आदतों में शामिल हो गए और इन सभी चीजों की जरूरतों ने फार्मा सेक्टर के लिए बड़ा बाजार तैयार किया. कोविड की शुरुआत में तो फेसमास्क और सैनिटाइज़र के लिए मची होड़ तो आपको याद ही होगी. वहीं, अगर बात करें ऑनलाइन दवाइयों की होम डिलीवरी की तो, लोग इस नई आदत को भी अपनाने लगे हैं. दवाइयों की ऑनलाइन डिलीवरी करने वाले प्लेटफॉर्म्स को बाजार में आए हुए बहुत ज्यादा वक्त नहीं हुआ है लेकिन कोविड ने उन्हें मजबूती से पैर जमाने का मौका जरूर दिया है.

यह भी पढ़ें: तीन महीने में 2 फीसदी की फास्ट रिकवरी! अब माइनस 7.5% GDP ग्रोथ का RBI ने जताया अनुमान

ई-कॉमर्स सेक्टर

कोविड टाइम्स में ई-कॉमर्स कंपनियों पर लोगों की सबसे ज्यादा निर्भरता बढ़ी. एमेजॉन, फ्लिपकार्ट और दूसरे ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म्स के साथ-साथ ऑनलाइन ग्रोसरी और ई-रिटेल शॉप्स के लिए बड़े मौके पैदा हुए हैं. भारत में ग्रोफर्स और बिग बास्केट जैसी कंपनियां पहले से ही लगातार अपना बेस बढ़ा रही थीं, लेकिन लॉकडाउन के दौरान ई-कॉमर्स को छूट मिलने के बाद इन कंपनियों ने अपनी सर्विसेज़ और एफिसिएंशी बढ़ाई. कोविड के चलते लोगों की शॉपिंग हैबिट में लॉन्ग टर्म का चेंज देखा गया और इसका सबसे बड़ा फायदा ई-कॉमर्स सेक्टर को हुआ है.

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आईटी सेक्टर और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स

इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी की कंपनियों के लिए इस साल ने बड़े मौके पैदा किए. लॉकडाउन में बंद पूरी दुनिया इन्फोटेक के भरोसे आ गई. अच्छे इंटरनेट कनेक्शन से लेकर जॉब और घर की जरूरतों ने लोगों को कई ऐप्स और प्लेटफॉर्म्स पर सहारा लेने को मजबूर किया. इसके साथ ही साइबर सिक्योरिटी की जरूरत भी पहले से ज्यादा महसूस की जा रही है. इस दौरान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी नए यूजर्स और कंटेंट की बाढ़ आ गई. लॉकडाउन ने लोगों को बाहरी दुनिया से जुड़ने के लिए सोशल मीडिया पर ज्यादा निर्भर कर दिया. वहीं, सोशल मीडिया के इस्तेमाल करने के तरीके में भी बदलाव देखा गया. अब नेटवर्किंग साइट्स पर लोग दूसरों से इंटरैक्शन ही नहीं कर रहे, बल्कि करियर भी बिल्ड कर रहे हैं.

फिटनेस और वेलनेस सेक्टर

लॉकडाउन में फिटनेस और हेल्थ को लेकर सबसे ज्यादा जागरूकता देखी गई, जिसका फायदा होम फिटनेस को बढ़ावा देने वाली कंपनियां और ट्रेनर्स सहित वेलनेस सेक्टर की कंपनियों ने भी खूब उठाया. जिम का एक्सेस न होने पर होम फिटनेस के इक्विपमेंट और ट्रेनर्स की मांग में बढ़ोतरी देखी गई.

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एजुकेशन सेक्टर

कोरोनावायरस ने भारत में एजुकेशन सेक्टर के लिए बड़े बदलाव किए. देश में अधिकतर राज्यों में अभी भी स्कूल बंद हैं और पूरा स्कूल ऑनलाइन आ गया है. ऑनलाइन स्कूलिंग में कोरोनावायरस के चलते क्रांतिकारी बदलाव हुए हैं. महामारी के पहले ही BYJU's, Unacademy जैसे बहुत से लर्निंग प्लेटफॉर्म थे, जो मोबाइल और इंटरनेट के जरिए पढ़ाई के मिथ को तोड़ रहे थे, लेकिन कोविड के बाद से बहुत से नए लर्निंग प्लेटफॉर्म और ऐप्स आ गए हैं और कंपनियों ने इस मौके का फायदा उठाया है.

प्राइवेट सेक्टर

प्राइवेट सेक्टर का नाम लिस्ट में इसलिए क्योंकि इस सेक्टर ने कोविड में बहुत बड़ा बदलाव देखा. प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए कोविड जरूर सैलरी कट और कुछ मामलों में जॉब कट तक लेकर आया, लेकिन बड़े पिक्चर में इस सेक्टर की कंपनियों के वर्क कल्चर में अब तक का सबसे बड़ा बदलाव देखा गया. आखिरकार, प्राइवेट कंपनियों ने वर्क फ्रॉम होम कल्चर को बढ़ावा दिया. वर्क फ्रॉम होम कल्चर ने कंपनियों को अपने इंफ्रास्ट्रक्चर और खर्च में कटौती करने का मौका दिया, वहीं कर्मचारियों की एफिसिएंशी भी बढ़ी. बहुत सी कंपनियों ने वर्क फ्रॉम होम का फायदा देखते हुए काफी लंबे वक्त तक के लिए इसी वर्क स्टाइल को अपनाने का फैसला किया है, जिसमें फेसबुक और एमेजॉन जैसी बड़ी कंपनियां शामिल हैं.

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