सैफई में मुलायम सिंह के पोते और लालू यादव की बेटी की शाही शादी में भले ही सादगी न दिखी हो, लेकिन इस वैभव के पीछे राजनीति जरूर दिखाई दी।
पीएम नरेंद्र मोदी करीब पौने ग्यारह बजे यहां पहुंचे और 15 मिनट तक मंच पर लालू यादव और मुलायम सिंह यादव के साथ बैठे रहे। उन्होंने रस्म के तहत दूल्हे पर फूलों की पंखुड़ियां ही नहीं बरसाईं बल्कि अपने धुर विरोधियों के साथ दो-दो बार कैमरे पर एक साथ फोटो भी खिंचवाई।
संदेश साफ था कि पीएम आने वाले बजट सत्र से पहले राजनीति दरवाजे खोलना चाहते हैं। दिल्ली में बीजेपी को करारी हार का समाना करना पड़ा है। बिहार की सियासी जंग सामने है, जहां उनका मुकाबला लालू और नीतीश से होना है। ऐसे में पीएम संसद में अपनी राह और कठिन नहीं बनाना चाहते।
दरअसल, सरकार के सामने आठ अध्यादेशों को पास कराने की चुनौती है और बजट पास करवाने के साथ दूसरे विधायी कार्य भी हैं। लोकसभा में भले ही उनके पास संख्याबल हो, लेकिन राज्यसभा में सरकार अल्पमत में है। पीएम ने सैफई आकर राजनीतिक सीमाएं तोड़ने की कोशिश की, वह चाहते हैं कि कम से कम अगर समाजवादी और जेडीय़ू जैसी पार्टियों का समर्थन न मिले तो विरोध तो कुंद तो किया ही जा सके।
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