विज्ञापन
This Article is From Jun 05, 2023

पहलवान साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया रेलवे की ड्यूटी पर लौटे, बोले- जारी रहेगा संघर्ष

Wrestlers Protest: साक्षी और बजरंग ने तीन जून की रात गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की और उसके बाद से ही मीडिया में उनके आंदोलन से नाम वापस लेने की अटकलें लगाई जा रही थी. साक्षी ने इस मुलाकात की पुष्टि की और कहा कि यह औपचारिक मुलाकात थी और इसमें कोई समाधान नहीं निकला है.

Bajrang Punia, Vinesh Phogat, Sakshi Malik: प्रदर्शनकारी पहलवानों ने कहा- संघर्ष जारी रहेगा

नई दिल्‍ली:

पहलवान साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया रेलवे की ड्यूटी पर लौट रहे हैं. हालांकि, इन्‍होंने कहा है कि उनका संघर्ष जारी रहेगा. साक्षी ने ट्वीट किया, "ये खबर बिल्कुल गलत है. इंसाफ की लड़ाई में ना हम में से कोई पीछे हटा है और ना हटेगा. सत्याग्रह के साथ साथ रेलवे में अपनी जिम्मेदारी निभा रही हूं. इंसाफ मिलने तक हमारी लड़ाई जारी है. कृपया कोई गलत खबर ना चलाई जाये."

पहलवानों ने 3 जून को की थी अमित शाह से मुलाकात

साक्षी और बजरंग ने तीन जून की रात गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की और उसके बाद से ही मीडिया में उनके आंदोलन से नाम वापस लेने की अटकलें लगाई जा रही थी. साक्षी ने इस मुलाकात की पुष्टि की और कहा कि यह औपचारिक मुलाकात थी और इसमें कोई समाधान नहीं निकला है.

गृहमंत्री से सामान्य मुलाकात हुई और कोई अंतिम समाधान नहीं निकला : साक्षी मलिक

उन्होंने गृहमंत्री से मुलाकात को लेकर मीडिया से बातचीत में कहा कि हमारी सामान्य बातचीत हुई और कोई अंतिम समाधान नहीं निकला. हमारी मांग आखिर तक यही रहेगी कि आरोपी पर गंभीर आरोप लगे हैं और उसे गिरफ्तार किया जाना चाहिए. वहीं तोक्यो ओलिंपिक कांस्य पदक विजेता बजरंग ने ट्वीट किया कि आंदोलन वापस लेने की खबरें कोरी अफवाह है.ये खबरें हमें नुकसान पहुंचाने के लिये फैलाई जा रही है. उन्होंने आगे लिखा कि हम न पीछे हटे हैं और न ही हमने आंदोलन वापस लिया है. महिला पहलवानों की एफआईआर वापस लेने की खबर भी झूठी है. इंसाफ मिलने तक लड़ाई जारी रहेगी.

बृजभूषण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर कर रहे हैं प्रदर्शन

एक अवयस्क समेत सात महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे बृजभूषण की गिरफ्तारी की मांग को लेकर ये पहलवान 23 अप्रैल से जंतर मंतर पर धरने पर बैठे थे, लेकिन 28 मई को नये संसद भवन के उद्घाटन के मौके पर वहां महिला महापंचायत के आयोजन के लिये बढ़ने की कोशिश के बाद दिल्ली पुलिस ने पहलवानों को कानून और व्यवस्था बिगाड़ने के आरोप में हिरासत में ले लिया था. उन्हें शाम को छोड़ दिया गया, लेकिन जंतर-मंतर को खाली कराके उन्हें दोबारा वहां प्रदर्शन की अनुमति नहीं देने का ऐलान किया गया.

इसके बाद पहलवान 30 मई को हरिद्वार में अपने पदक गंगा में विसर्जित करने गए लेकिन किसान और खाप नेताओं के समझाने के बाद पदक बहाए बिना लौट आये थे. (इनपुट्स भाषा से भी)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com