भारतीय जनता पार्टी ने अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों को लेकर एक महीने का अभियान शुरू किया है. इस दौरान पिछले 9 सालों में केंद्र सरकार द्वारा किये गए कार्यों के बारे में लोगों को सूचित किया जा रहा है. अब विदेश मंत्री एस जयशंकर भी लोगों को मोदी सरकार की उपलब्धियां गिनवा रहे हैं. बीते 9 सालों में भारत की विदेश नीति के बारे में उन्होंने कहा कि आज दुनिया हिन्दुस्तान को 'विकास साझीदार' के तौर पर देखती है.
पीएम नरेंद्र मोदी की विदेश नीति के 9 साल पूरे होने पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में एस जयशंकर ने कहा, "दुनिया, विशेष रूप से ग्लोबल साउथ, भारत को एक विकास भागीदार के रूप में देखता है. एक विश्वसनीय, प्रभावी विकास भागीदार के रूप में. भारत अर्थव्यवस्था पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल रहा है, जिसे दुनिया ने भी माना है."
#WATCH | At a press conference on 9 years of PM Narendra Modi's foreign policy, EAM Dr S Jaishankar says, "...A large part of the world sees us as a development partner, not just as a development partner but a development partner who lives up to what PM enunciated...Today, the… pic.twitter.com/fSxJv0vVD0
— ANI (@ANI) June 8, 2023
जयशंकर ने उत्तरी सीमा पर स्थिति का हवाला और बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के खिलाफ खड़े होने का हवाला देते हुए कहा कि भारत अब जबरदस्ती से प्रभावित नहीं होता है.
उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने पर पड़ोसी देशों के नेताओं के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने आने से लेकर आज तक विदेश नीति को लेकर स्पष्टता रही जो दुनिया को जानने, पड़ोस प्रथम सहित अन्य रूपों में सामने आई.
विदेश मंत्री ने वैश्विक मंच पर भारत के योगदान की चर्चा करते हुए कहा कि आर्थिक सहित विभिन्न क्षेत्रों में भारत ने महत्वपूर्ण योगदान दिया, जिसमें कोविड रोधी टीके की आपूर्ति का अभियान ‘ऑपरेशन मैत्री' शामिल है. उन्होंने देशों को आर्थिक स्थिरता प्रदान करने में भारत के योगदान का उल्लेख करते हुए श्रीलंका के आर्थिक संकट का उदाहरण दिया. उन्होंने विदेशों में रहने वाले भारतीयों के कल्याण का उल्लेख करते हुए कहा कि हमने लगभग हर वर्ष किसी न किसी अभियान को संचालित किया.
भारतीय कूटनीति का उल्लेख करते हुए जयशंकर ने कहा कि हम अतीत की गिरफ्त से बाहर आ चुके हैं और दुनिया को देखने का हमारा नजरिया बदला है तथा विश्व अब हमसे जुड़ना चाहता है.
विदेश मंत्री ने इस संबंध में यूक्रेन युद्ध के दौरान भारतीय छात्रों को वापस लाने, सूडान और अफगानिस्तान से भारतीय नागरिकों को वापस लाने संबंधी अभियानों का जिक्र किया. जयशंकर ने जलवायु परिवर्तन से निपटने में भारत की भूमिका तथा अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन जैसी पहल का भी उल्लेख किया.
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