कार्बन उत्सर्जन में कटौती के भारत की मुहिम के मुरीद हुए बिल गेट्स

‘लाइफस्टाइल फॉर द एनवायरनमेंट (लाइफ) मूवमेंट’ पहल के मौके पर गेट्स ने ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी लाने के लिए नवीन तकनीकों और सभी की भागीदारी की आवश्यकता पर बल दिया.

कार्बन उत्सर्जन में कटौती के भारत की मुहिम के मुरीद हुए बिल गेट्स

बिल गेट्स ने कार्बन उत्सर्जन कटौती को लेकर भारत के प्रयासों की सराहना की

नई दिल्ली :

माइक्रोसॉफ्ट के सह संस्थापक बिल गेट्स ने रविवार को कहा कि वह कार्बन उत्सर्जन (carbon emissions) में कटौती के भारत के प्रयासों और नेतृत्व से प्रेरित हैं. उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए सामूहिक वैश्विक कार्रवाई की पहले से कहीं अधिक जरूरत है और ‘हम अपने जलवायु लक्ष्यों को हासिल कर पाएं', यह सुनिश्चित करने में भारत की भूमिका व नेतृत्व बेहद अहम है.‘लाइफस्टाइल फॉर द एनवायरनमेंट (LIFE) मूवमेंट' नाम की एक वैश्विक पहल के शुभारंभ के मौके पर गेट्स ने ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी लाने के लिए नवीन तकनीकों और सभी की भागीदारी की आवश्यकता पर बल दिया.

गेट्स ने कहा, यह सुनिश्चित करने के लिए कि इन नवीन तकनीकों को व्यापक रूप से अपनाया जाता है, तो न केवल बड़े निवेश और निजी व सार्वजनिक क्षेत्रों के बीच भागीदारी की जरूरत होगी, बल्कि लोगों के सहयोग की भी आवश्यकता पड़ेगी.व्यक्तिगत प्रयास सरकारों व व्यवसायों को इन नवाचारों में निवेश करने और हमें आवश्यक सफलताएं हासिल करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे.गेट्स ने जलवायु समर्थक व्यवहार को बढ़ावा देने की खातिर नागरिक कार्रवाई की वैश्विक पहल का नेतृत्व करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को बधाई दी. उन्होंने कहा, हम साथ मिलकर एक हरित औद्योगिक क्रांति की शुरुआत कर सकते हैं.

वहीं जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण जैसे क्षेत्रों में काम करने वाले वन मिलियन फॉर वन बिलियन फाउंडेशन के प्रबंध निदेशक मानव सुबोध का कहना है कि अब हर क्षेत्र में पर्यावरण को सुरक्षित और संरक्षित करने की जरूरत है. इलेक्ट्रिक वाहन और अक्षय ऊर्जा तकनीक की पिछले कुछ वर्षों में सफलता के साथ क्लीन एनर्जी इंडस्ट्री के निर्माण के लिए तकनीक औऱ नीति की जरूरत है. और अधिक ग्रीन इनोवेशन फंड भी लांच किए जाने चाहिए, जिसमें तकनीक और शोध पर फोकस हो. बड़े कारपोरेट घराने को आगे आकर ग्रीन इंटरप्रेन्योरशिप को मदद करनी चाहिए. स्कूल-कॉलेज से लेकर यूनिवर्सिटी तक इस मुहिम में शामिल किए जाएं तो जलवायु परिवर्तन के खिलाफ मुहिम में भारत और अधिक कामयाबी पा सकता है.  

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‘नज थ्योरी' के लेखक प्रोफेसर कैस सनस्टीन ने कहा कि भारत और प्रधानमंत्री मोदी पर्यावरण संरक्षण, जलवायु परिवर्तन के खिलाफ कार्रवाई और मानव व्यवहार के मामले में विश्व नेता रहे हैं और हममें से कई लोग प्रेरणा और विचारों के लिए भारत की तरफ देख रहे हैं.



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)