दिल्ली कांग्रेस ने आज कहा कि वह सरकार के गठन में आम आदमी पार्टी का समर्थन करने की बजाए दोबारा चुनाव को तरजीह देगी। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद आप विधायकों का एक खेमा दोबारा सरकार का गठन चाहता है।
दिल्ली कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता मुकेश शर्मा ने कहा कि विधानसभा भंग कराने और फिर चुनाव कराने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाने के बाद आप को दोबारा सरकार के गठन को लेकर बात करने का नैतिक अधिकार नहीं है।
शर्मा ने कहा, 'दोबारा सरकार के गठन के लिए आप को समर्थन देने का सवाल ही नहीं उठता। अरविंद केजरीवाल नाटक करते हुए दिल्ली के लोगों को छोड़कर भाग गए। वह सदन भंग करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट गए। हम दोबारा पार्टी का समर्थन नहीं करेंगे।'
गौरतलब है कि आप ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन करने के बाद लोकसभा चुनावों में निराशाजनक प्रदर्शन किया और एक भी सीट जीतने में असफल रही। हालांकि सभी सातों लोकसभा सीटों पर पार्टी के उम्मीदवार दूसरे स्थानों पर रहे।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, 'कांग्रेस ने कभी भी आप सरकार से समर्थन वापस नहीं लिया। केजरीवाल ने सरकार छोड़ी और लोकसभा चुनाव में राजनीतिक लाभ पाने के लिए दिल्ली की जनता को बीच मझधार में छोड़ दिया। अब जब वह लोकसभा चुनाव में असफल रहे, वह दोबारा सरकार गठन की बात कर रहे हैं।'
लोकसभा चुनाव में भाजपा ने न केवल सातों सीटों पर जीत दर्ज की, बल्कि दिल्ली के 70 में से 60 विधानसभा क्षेत्रों में मतों के लिहाज से पहले स्थान पर रही। आप केवल 10 विधानसभा क्षेत्रों में पहले स्थान पर रही। पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद आप के कुछ विधायकों ने कल पार्टी के सामने भाजपा या कांग्रेस के समर्थन से दिल्ली में दोबारा सरकार के गठन से जुड़ा प्रस्ताव रखा था।
आप के एक खेमे को लगता है कि पार्टी को तत्काल चुनाव के बारे में नहीं सोचना चाहिए और दोबारा सरकार के गठन की संभावनाएं तलाशनी चाहिए। पार्टी सू़त्रों ने कहा कि आप के निवर्तमान विधायक तत्काल दोबारा चुनाव नहीं चाहते क्योंकि उन्हें लगता है कि अगर हाल फिलहाल चुनाव हुए तो ‘मोदी लहर’ उन्हें उड़ा ले जाएगी।
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