मुंबई:
लगभग दो साल पहले नशे की हालत में गाड़ी चलाकर एक्सीडेंट के मामले में अदालत ने नूरिया हवेलीवाला को दोषी करार दिया गया है। विशेष एनडीपीएस कोर्ट ने नूरिया को पांच साल की सजा के साथ साथ पांच लाख रुपये का जुर्माना देने को कहा है।
अदालत ने नूरिया को गैरइरादतन हत्या, नशे की हालत में गाड़ी चलने और सरकारी संपत्ति को नुक्सान पंहुचाने का दोषी पाया है। पांच लाख रुपये की जुर्माने की राशि को दुर्घटना में मारे गए पुलिस सब इंस्पेक्टर दीनानाथ शिंदे और मोटर साइकिल सवार अफज़ल इब्राहिम को और एक लाख रुपये को जख्मी लोगों में बांटने को कहा है।
अदालत ने नूरिया को सरकारी सम्पति के नुकसान के लिए 20 हजार रुपये का दंड लगाया है और इस पैसे से दुर्घटना में क्षतिग्रस्त क्वालिस कार की मरम्मत के लिए कहा गया है।
अदालत ने अपने फैसले में सजा के साथ-साथ जुर्माने का भी प्रावधान रखा लेकिन, तकनीकी सबूतों के अभाव के चलते अदालत ने नूरिया को एनडीपीएस की धाराओं से बरी कर दिया।
विशेष सरकारी वकील किरण रायकर के मुताबिक, "पुलिस ने बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा बनाए गए नियमों के मुताबिक नूरिया का ब्लड सैंपल नहीं लिया था और जो सैंपल लिया था वो भी नियमों के मुताबिक नहीं था, जिसका फायदा नूरिया को ट्रायल के दौरान मिला।"
रायकर ने कहा, "विशेष एनडीपीएस कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा, अगर पुलिस ने सही तरीके से ब्लड सैंपल लिए होते तो नूरिया को एनडीपीएस की धाराओं के तहत भी दोषी पाया जा सकता था।"
नूरिया पर 31 जनवरी 2010 को नशे की हालत में तेज गति से गाड़ी चलाने का आरोपी पाया गया है। नशे की हालत गाड़ी चलते हुए पहले पुलिस बैरीकेड को उड़ाया और नाकाबंदी कर रहे पुलिस वालो को कुचल दिया। घटना में दो लोग मारे गए और छह पुलिस वाले गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे।
अदालत ने नूरिया को गैरइरादतन हत्या, नशे की हालत में गाड़ी चलने और सरकारी संपत्ति को नुक्सान पंहुचाने का दोषी पाया है। पांच लाख रुपये की जुर्माने की राशि को दुर्घटना में मारे गए पुलिस सब इंस्पेक्टर दीनानाथ शिंदे और मोटर साइकिल सवार अफज़ल इब्राहिम को और एक लाख रुपये को जख्मी लोगों में बांटने को कहा है।
अदालत ने नूरिया को सरकारी सम्पति के नुकसान के लिए 20 हजार रुपये का दंड लगाया है और इस पैसे से दुर्घटना में क्षतिग्रस्त क्वालिस कार की मरम्मत के लिए कहा गया है।
अदालत ने अपने फैसले में सजा के साथ-साथ जुर्माने का भी प्रावधान रखा लेकिन, तकनीकी सबूतों के अभाव के चलते अदालत ने नूरिया को एनडीपीएस की धाराओं से बरी कर दिया।
विशेष सरकारी वकील किरण रायकर के मुताबिक, "पुलिस ने बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा बनाए गए नियमों के मुताबिक नूरिया का ब्लड सैंपल नहीं लिया था और जो सैंपल लिया था वो भी नियमों के मुताबिक नहीं था, जिसका फायदा नूरिया को ट्रायल के दौरान मिला।"
रायकर ने कहा, "विशेष एनडीपीएस कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा, अगर पुलिस ने सही तरीके से ब्लड सैंपल लिए होते तो नूरिया को एनडीपीएस की धाराओं के तहत भी दोषी पाया जा सकता था।"
नूरिया पर 31 जनवरी 2010 को नशे की हालत में तेज गति से गाड़ी चलाने का आरोपी पाया गया है। नशे की हालत गाड़ी चलते हुए पहले पुलिस बैरीकेड को उड़ाया और नाकाबंदी कर रहे पुलिस वालो को कुचल दिया। घटना में दो लोग मारे गए और छह पुलिस वाले गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे।
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