दिल्ली के एयरोसिटी में जेडब्ल्यू मैरियट होटल के कर्मचारियों पर 55 वर्षीय महिला ने खराब सेवा की शिकायत करने और होटल के बिल के भुगतान के लिए समय मांगने पर खुद को घंटों बंधक बनाकर रखने और उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है. महिला एक व्यावसायिक संगठन के लिए कानूनी सलाहकार के तौर पर काम करती है. होटल ने इन आरोपों से इनकार किया है और इन्हें बेबुनियाद बताया है.
जेडब्ल्यू मैरियट के प्रवक्ता ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘जेडब्ल्यू मैरियट नयी दिल्ली एयरोसिटी संबंधित मामले में होटल के खिलाफ लगे इन आरोपों का दृढ़ता से खंडन करता है और मामले की जांच में होटल संबंधित अधिकारियों के साथ सहयोग कर रहा है.''
प्रवक्ता ने आगे कहा, ‘‘हम पूरी निष्ठा, नैतिकता और मूल्यों के साथ काम करते हैं जो हम अपने सभी भागीदारों, सहयोगियों और मेहमानों के प्रति भी दिखाते हैं. चूंकि मामला वर्तमान में पुलिस देख रही है, इसलिए हम कोई और जानकारी देने में असमर्थ हैं.''
महिला अपना नाम नहीं बताना चाहती. उसने पुलिस को दी अपनी शिकायत में कहा कि होटल के कर्मचारियों ने उसे फटकारा और दो पुरुष कर्मचारियों की निगरानी में बंधक बना लिया, जो लगातार होटल में हर जगह उसके पीछे रहते थे.
महिला ने अपनी शिकायत में लिखा है, ‘‘जब मैं शौचालय गई, तब वे बाहर इंतजार करते रहे.'' शिकायत के आधार पर इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (आईजीआई) हवाईअड्डा पुलिस थाना ने एक प्राथमिकी दर्ज की है.
प्राथमिकी के अनुसार, विवाद 26 दिसंबर 2022 को आयोजित एक कार्यक्रम के बिल के भुगतान को लेकर हुआ था जिसके लिए संगठन ने होटल में 94 कमरे और हॉल बुक किए थे. इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए कंपनी ने 55 लाख रुपये का अग्रिम भुगतान किया, जिसमें देश और विदेश के विभिन्न हिस्सों के लोगों ने भाग लिया.
जब 31 दिसंबर, 2022 को कार्यक्रम समाप्त हुआ, तो आयोजकों ने खराब सेवा और भोजन की गुणवत्ता को लेकर शिकायत की.
हालांकि, कंपनी ने 31 दिसंबर को 25 लाख रुपये का एक और भुगतान किया और होटल से कहा कि वह एक जनवरी, 2023 को सभी बिल की जांच करने और अग्रिम राशि को समायोजित करने के बाद शेष राशि का भुगतान करेगी.
शिकायतकर्ता ने प्राथमिकी में आरोप लगाया कि कमरे के किराए में छूट के संदर्भ में कुछ विसंगतियां थीं और उसके संगठन ने बिल की पूरी तरह से जांच करने के लिए समय मांगा था क्योंकि वे पहले ही बिल का 80 प्रतिशत भुगतान कर चुके थे.
उसने प्राथमिकी में कहा, ‘‘हमने एक जनवरी तक 30 कमरे बुक किए थे और हमने उनसे अनुरोध किया था कि वे हमें एक जनवरी तक शेष भुगतान करने की अनुमति दें, लेकिन उन्होंने मुझे और कुछ अन्य आयोजकों को बंधक बना लिया और हमें होटल से बाहर नहीं जाने दिया.''
उन्होंने कहा कि संकट में फंसी महिलाओं के लिए दिल्ली पुलिस के हेल्पलाइन नंबर 1091 पर संपर्क करने के बाद एक उपनिरीक्षक को होटल भेजा गया जिसके बाद होटल के कर्मचारियों ने उन्हें जाने दिया.
उसने कहा, ‘‘रात के 12 बजकर 10 मिनट पर मुझे घर जाने दिया गया. होटल के कर्मचारियों ने मुझे कई घंटों तक अवैध रूप से बंधक बनाकर रखा और पूरे समय परेशान किया.''
उसने यह भी आरोप लगाया है कि कार्यक्रम के दौरान होटल के एक शेफ ने जानबूझकर उसे अनुचित तरीके से छुआ, जिसके लिए उसने उसे डांटा और वह चला गया. महिला ने कहा, ‘‘मैं उसका नाम नहीं जानती लेकिन अगर वह मेरे सामने आता है तो मैं उसे पहचान सकती हूं.''
महिला ने पीटीआई-भाषा को बताया कि घटना पिछले साल दिसंबर में होने के बावजूद पुलिस ने 11 अप्रैल तक इस मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं की थी.
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हालांकि, आईजीआई पुलिस के अनुसार, महिला की प्रारंभिक शिकायत में कुछ बिंदुओं को स्पष्ट करने के लिए उसका थाने आना जरूरी था. बहरहाल, व्यस्तता के कारण महिला थाने नहीं आ पा रही थी और जब वह 11 अप्रैल को आई तब प्राथमिकी दर्ज की गई.
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