तीन दिन बचे संसद के शीत सत्र के।
नई दिल्ली:
संसद के शीत सत्र में आज के दिन को मिलाकर कुल 3 दिन शेष बचे हैं और यह भी ऐसा लग रहा है कि हंगामे में ही बीत जाएंगे। राज्यसभा में आज यानी सोमवार को राज्यसभा में डीडीसीए के मुद्दे पर हंगामा हुआ। अरुण जेटली ने कहा कि मैं हर बहस के लिए तैयार हूं। वहीं, डीडीसीए में कथित भ्रष्टाचार के मुद्दे पर वित्त मंत्री अरूण जेटली के इस्तीफे की मांग को लेकर कांग्रेस सदस्यों के हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने के कुछ ही मिनट बाद स्थगित कर दी गई।
जीएसटी जैसे कई महत्वपूर्ण बिल लंबित पड़े हैं जिन्हें सरकार ने लोकसभा में तो पास करा लिया है लेकिन राज्यसभा में विपक्ष के हमलावर रुख़ की वजह से सरकार उन विधेयकों को पास कराने में अब तक नाक़ाम रही है।
आज सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने के वी थामस, के सी वेणुगोपाल, पी वेणुगोपाल, सुष्मिता देव समेत कुछ अन्य सदस्यों के कार्यस्थगल के नोटिस को अस्वीकार कर दिया और उनसे अन्य अवसरों पर इन्हें उठाने को कहा। कांग्रेस के सदस्य कुछ कहना चाहते थे और पार्टी के मुख्य सचेतक ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अध्यक्ष से नोटिस पर विचार करने का आग्रह किया।
क्षुब्ध नजर आ रही सुमित्रा महाजन ने कहा, ‘‘आज मैं आपमें से किसी को बोलने से नहीं रोकूंगी। आप जो बोलना चाहते हैं बोलें।’’ इस पर संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि सदन को हर दिन बाधित नहीं किया जा सकता, प्रश्नकाल चलने की अनुमति दी जानी चाहिए।
अध्यक्ष ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को अपनी बात रखने के लिए कहा। लेकिन वह कुछ बोल नहीं सके और पीछे बैठे सदस्य से कागजात मांगते देखे गए। इसके बाद वह सदन से बाहर गए और के सुरेश के साथ कुछ कागजात लेकर वापस लौटे। और फिर बात रखने की अनुमति देने की मांग करने लगे। अध्यक्ष ने कहा कि अब प्रश्नकाल शुरू हो गया है, इसलिए आप अपनी बात शून्यकाल में रखें।
सदन में उस समय कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी मौजूद थे लेकिन सदन में पार्टी के नेता मल्लिकाजरुन खड़गे उपस्थित नहीं थे। सोनिया गांधी को ज्योतिरादित्य सिंधिया और के सुरेश से कुछ पूछते देखा गया। इसके बाद कांग्रेस सदस्य अध्यक्ष के आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। वे ‘जेटली इस्तीफा दो’, हिटलरशाही नहीं चलेगी’ के नारे लगा रहे थे।
वैसे संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा था कि उन्हें विपक्ष की ओर से राज्यसभा में कुछ महत्वपूर्ण बिलों को पारित करने में सहयोग का संकेत मिला है। उन्होंने कहा था कि मुझे लग रहा है कि सोमवार से संसद अच्छे ढंग से चलेगी। इससे पहले शुक्रवार को राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी और सभी दलों से राज्यसभा को सुचारू ढंग से चलने देने की अपील की थी।
जीएसटी जैसे कई महत्वपूर्ण बिल लंबित पड़े हैं जिन्हें सरकार ने लोकसभा में तो पास करा लिया है लेकिन राज्यसभा में विपक्ष के हमलावर रुख़ की वजह से सरकार उन विधेयकों को पास कराने में अब तक नाक़ाम रही है।
आज सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने के वी थामस, के सी वेणुगोपाल, पी वेणुगोपाल, सुष्मिता देव समेत कुछ अन्य सदस्यों के कार्यस्थगल के नोटिस को अस्वीकार कर दिया और उनसे अन्य अवसरों पर इन्हें उठाने को कहा। कांग्रेस के सदस्य कुछ कहना चाहते थे और पार्टी के मुख्य सचेतक ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अध्यक्ष से नोटिस पर विचार करने का आग्रह किया।
क्षुब्ध नजर आ रही सुमित्रा महाजन ने कहा, ‘‘आज मैं आपमें से किसी को बोलने से नहीं रोकूंगी। आप जो बोलना चाहते हैं बोलें।’’ इस पर संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि सदन को हर दिन बाधित नहीं किया जा सकता, प्रश्नकाल चलने की अनुमति दी जानी चाहिए।
अध्यक्ष ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को अपनी बात रखने के लिए कहा। लेकिन वह कुछ बोल नहीं सके और पीछे बैठे सदस्य से कागजात मांगते देखे गए। इसके बाद वह सदन से बाहर गए और के सुरेश के साथ कुछ कागजात लेकर वापस लौटे। और फिर बात रखने की अनुमति देने की मांग करने लगे। अध्यक्ष ने कहा कि अब प्रश्नकाल शुरू हो गया है, इसलिए आप अपनी बात शून्यकाल में रखें।
सदन में उस समय कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी मौजूद थे लेकिन सदन में पार्टी के नेता मल्लिकाजरुन खड़गे उपस्थित नहीं थे। सोनिया गांधी को ज्योतिरादित्य सिंधिया और के सुरेश से कुछ पूछते देखा गया। इसके बाद कांग्रेस सदस्य अध्यक्ष के आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। वे ‘जेटली इस्तीफा दो’, हिटलरशाही नहीं चलेगी’ के नारे लगा रहे थे।
वैसे संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा था कि उन्हें विपक्ष की ओर से राज्यसभा में कुछ महत्वपूर्ण बिलों को पारित करने में सहयोग का संकेत मिला है। उन्होंने कहा था कि मुझे लग रहा है कि सोमवार से संसद अच्छे ढंग से चलेगी। इससे पहले शुक्रवार को राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी और सभी दलों से राज्यसभा को सुचारू ढंग से चलने देने की अपील की थी।
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