बारामती में ननद सुप्रिया सुले का दिखेगा 'पावर' या भाभी सुनेत्रा पवार कामयाब होंगी दिखाने में सियासी 'तेवर'?

राकांपा के शरद पवार गुट के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने इस सूची की घोषणा की और बताया कि सुप्रिया सुले और अमोल कोल्हे को क्रमशः बारामती एवं शिरूर निर्वाचन क्षेत्रों से फिर उम्मीदवार बनाया गया है .

बारामती में ननद सुप्रिया सुले का दिखेगा 'पावर' या भाभी सुनेत्रा पवार कामयाब होंगी दिखाने में सियासी 'तेवर'?

महाराष्ट्र के बारामती निर्वाचन क्षेत्र में चुनावी मुकाबला ‘पवार बनाम पवार' होने से खासा रोमांचक हो गया है क्योंकि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने शनिवार को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार को सुप्रिया सुले के सामने मैदान में उतार दिया. सुले पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार की बेटी और अजित पवार की चचेरी बहन हैं. फिलहाल अजित पवार महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम हैं, ऐसे में उन्हें सियासी फायदा

बारामती सीट से राकांपा उम्मीदवार बनने के बाद 60 वर्षीय सुनेत्रा पवार ने कहा कि यह उनके लिए सौभाग्यशाली दिन है.

उन्होंने एक मराठी चैनल से कहा, ‘‘मैं नरेन्द्र मोदी, अमित शाह और महायुति (शिवसेना, भाजपा और राकांपा) के सभी नेताओं को मुझे चुनाव लड़ने योग्य समझने के लिए धन्यवाद देती हूं.''

सुले के खिलाफ लड़ने के सवाल पर सुनेत्रा ने कहा, ‘‘फैसला जनता के हाथ में है.'' सुनेत्रा की उम्मीदवारी की घोषणा राकांपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष सुनील तटकरे ने की.

वहीं, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) ने शनिवार को महाराष्ट्र से लोकसभा चुनाव के लिए अपने पांच उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की, जिसमें बारामती से सुप्रिया सुले को एक बार फिर से टिकट दिया गया है.

सूची के अनुसार, प्रदेश के अहमदनगर निर्वाचन क्षेत्र में नीलेश लंके को मैदान में उतारा गया है, जो अजित पवार खेमे से पाला बदलते हुये शरद पवार गुट में शामिल हुये थे .

राकांपा के शरद पवार गुट के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने इस सूची की घोषणा की और बताया कि सुप्रिया सुले और अमोल कोल्हे को क्रमशः बारामती एवं शिरूर निर्वाचन क्षेत्रों से फिर उम्मीदवार बनाया गया है .

पाटिल ने बताया कि भास्कर भागरे को नासिक जिले की डिंडोरी सीट से और पूर्व कांग्रेस विधायक अमर काले को वर्धा से उम्मीदवार बनाया गया है.

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इस बीच, तटकरे ने कहा कि बारामती में लड़ाई पारिवारिक नहीं बल्कि विचारधारा और सिद्धांतों की है. शरद पवार कई बार बारामती लोकसभा सीट से चुनाव जीत चुके हैं.



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