राहुल गांधी एक बार फिर यात्रा पर निकल रहे हैं. 'भारत जोड़ो यात्रा' का नाम बदलकर अब 'भारत न्याय यात्रा' कर दिया गया है. इंडिया गठबंधन के साथी दलों को भी यात्रा में आने का न्यौता दिया गया है. आलोचकों द्वारा प्वाइंट आउट करने के बाद रूट में अब अरुणाचल प्रदेश को भी शामिल कर लिया गया है. राहुल गांधी इस बार कम समय में ज्यादा फासला तय करेंगे. क्योंकि वो पदयात्रा कम और बस यात्रा ज्यादा करेंगे.
'भारत न्याय यात्रा' इस बार भारत के पूर्व से पश्चिम की यात्रा होगी. मणिपुर के इंफाल से 14 जनवरी को शुरू होकर 20-21 मार्च को महाराष्ट्र के मुंबई में खत्म होगी, तो 66 दिनों में 6700 किलोमीटर ये ज्यादा का सफर तय होगा. कुल 15 राज्यों से राहुल गांधी गुजरेंगे.
यात्रा का रूट चुनावी दृष्टि से बेहद रणनीतिक
इस बार यात्रा का जो रूट तय किया गया है वो चुनावी दृष्टि से बेहद रणनीतिक है. राहुल गांधी उन जिलों या राज्यों में ज्यादा समय बिताने वाले हैं, जहां कांग्रेस और बीजेपी की सीधी टक्कर हो सकती है, लेकिन सवाल ये है कि क्या 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' कांग्रेस के खाते में नई सीटें जोड़ पायेगी?
मणिपुर, नगालैंड, असम, अरुणाचल प्रदेश और मेघालय जैसे पूर्वोतर भारत की 25 सीटों के लिए राहुल गांधी 13 दिन वहां रहेंगे. कांग्रेस को लगता है कि मणिपुर की घटनाओं को लेकर स्थानीय लोगों में नाराजगी है और बीजेपी को यहां पर घेरा जा सकता है.
ओडिशा में कांग्रेस का संगठन कमजोर है और यहां पाने के लिए बहुत कुछ नहीं है, तो राहुल गांधी 4 दिन में 4 जिले ही जा रहे हैं. जबकि छत्तीसगढ में 5 दिन में 7 जिले राहुल गांधी कवर करेंगे. यहां पर कांग्रे की बीजेपी से सीधी टक्कर होनी है. उत्तर प्रदेश में कांग्रेस समाजवादी पार्टी के सामने काफी जूनियर पार्टनर है, लेकिन यात्रा में राहुल उन्हीं जगहों से गुजरेंगे, जहां से कांग्रेस चुनाव लड़ने का मन बना रही है. तभी 12 दिन में 20 जिले कवर किये जा रहे हैं.
मध्यप्रदेश और राजस्थान में राहुल गांधी की पहली यात्रा जा चुकी थी, तो इस बार वहां पर कम वक्त दिया जा रहा है. एमपी में 7 दिन तो राजस्थान में राहुल गांधी केवल 1 ही दिन बिताने वाले हैं.
रूट के वो इलाके चुन-चुनकर तय किए गए हैं, यहां पर कांग्रेस बीजेपी को सीधी टक्कर देते हुए दिखना चाहती है. जैसे यूपी की ही बात करें तो बनारस, प्रयागराज, अमेठी, रायबरेली और लखनऊ होते हुए शाहजहांपुर, अलीगढ़ तथा आगरा से होते हुए यात्रा का रूट बनाया गया है. ढाई महीने से कम वक्त में कुल 100 लोकसभा सीटों से ये यात्रा गुजर रही है.
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