अहमदाबाद:
गुजरात में पिछले सप्ताह स्थानीय चुनाव में वोटिंग को आवश्यक करने के लिए नोटीफिकेशन जारी हो गया। हालांकि इसके लिए नियम तय नहीं हुए थे। अब आखिर उसका इन्तजार भी खत्म हो गया। गुरुवार को सरकार का एक और नोटिफिकेशन सामने आ गया है जिसमें इसके नियम भी तय कर दिए गए हैं।
गुजरात सरकार ने कम्पल्सरी वोटिंग का कानून तो बहुत पहले ही पारित कर दिया था लेकिन लगातार उसके लिए नियमों को लेकर असमंजस बना रहा। इन नियमों का बेसब्री से इन्तजार भी हो रहा था। अब नियम तय कर दिए गए हैं। स्थानीय चुनावों में अगर बिना किसी वाजिब कारण के आपने वोट नहीं डाला तो 100 रुपये जुर्माना हो सकता है।
सरकार ने वोटिंग किन-किन सूरतों में न करने पर छूट मिल सकती है, यह भी तय कर दिया है। करीब 12 कारण बताए गए हैं, जिनके तहत मतदान न करने पर कोई जुर्माना नहीं भरना पड़ेगा। इन नियमों में ज्यादातर स्वास्थ्य संबंधी हैं। अगर वोटर वोटिंग के दिन बीमार हो तो उसे वोट न डालने पर कोई जुर्माना नहीं देना होगा। अगर किसी वजह से अस्पताल में भरती हो तो छूट होगी। इसके अलावा अगर किसी जरूरी काम से विदेश या राज्य से बाहर गए हों तो भी वोटिंग न करने की छूट मिल सकेगी। शिक्षा से जुड़े कारण भी माने जाएंगे, जैसे कि शिक्षा से जुड़ी अगर कोई जरूरी वजह हो तो भी छूट मिल सकती है।
अगर स्थानीय चुनाव में वोट नहीं डाला तो पहले एक माह का नोटिस दिया जाएगा। इस पर कारण बताने होंगे। अगर कारणों से सरकार संतुष्ट नहीं हुई तो जुर्माना देना पड़ेगा। हालांकि इन नियमों को बहुत कड़क नहीं कहा जा सकता। अमीर लोगों को वोट न देने की स्थिति में ज्यादा कोई दिक्कत नहीं होगी, लेकिन अगर गरीब व्यक्ति वोट न दे तो उसके लिए यह जुर्माना भारी पड़ सकता है।
गुजरात सरकार ने कम्पल्सरी वोटिंग का कानून तो बहुत पहले ही पारित कर दिया था लेकिन लगातार उसके लिए नियमों को लेकर असमंजस बना रहा। इन नियमों का बेसब्री से इन्तजार भी हो रहा था। अब नियम तय कर दिए गए हैं। स्थानीय चुनावों में अगर बिना किसी वाजिब कारण के आपने वोट नहीं डाला तो 100 रुपये जुर्माना हो सकता है।
सरकार ने वोटिंग किन-किन सूरतों में न करने पर छूट मिल सकती है, यह भी तय कर दिया है। करीब 12 कारण बताए गए हैं, जिनके तहत मतदान न करने पर कोई जुर्माना नहीं भरना पड़ेगा। इन नियमों में ज्यादातर स्वास्थ्य संबंधी हैं। अगर वोटर वोटिंग के दिन बीमार हो तो उसे वोट न डालने पर कोई जुर्माना नहीं देना होगा। अगर किसी वजह से अस्पताल में भरती हो तो छूट होगी। इसके अलावा अगर किसी जरूरी काम से विदेश या राज्य से बाहर गए हों तो भी वोटिंग न करने की छूट मिल सकेगी। शिक्षा से जुड़े कारण भी माने जाएंगे, जैसे कि शिक्षा से जुड़ी अगर कोई जरूरी वजह हो तो भी छूट मिल सकती है।
अगर स्थानीय चुनाव में वोट नहीं डाला तो पहले एक माह का नोटिस दिया जाएगा। इस पर कारण बताने होंगे। अगर कारणों से सरकार संतुष्ट नहीं हुई तो जुर्माना देना पड़ेगा। हालांकि इन नियमों को बहुत कड़क नहीं कहा जा सकता। अमीर लोगों को वोट न देने की स्थिति में ज्यादा कोई दिक्कत नहीं होगी, लेकिन अगर गरीब व्यक्ति वोट न दे तो उसके लिए यह जुर्माना भारी पड़ सकता है।
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