कोलकाता:
संप्रग द्वारा अलग तेलंगाना राज्य के निर्माण को मंजूरी दिए जाने के बाद दार्जीलिंग में गोरखालैंड राज्य बनाने की जीजेएम की मांग के जोर पकड़ने के साथ ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज राज्य के विभाजन की संभावना को खारिज कर दिया और पर्वतीय क्षेत्रों में आंदोलन के लिए कांग्रेस पर ठीकरा फोड़ा।
ममता ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘दार्जीलिंग पश्चिम बंगाल का हिस्सा है। पश्चिम बंगाल के विभाजन का कोई प्रश्न नहीं उठता। हम एकजुट हैं, हम एक रहेंगे और साथ रहेंगे।’’
जीजेएम के महासचिव रोशन गिरी की अध्यक्षता में छह सदस्यीय एक दल की गोरखालैंड की मांग के साथ हाल ही में हुई दिल्ली यात्रा का जिक्र करते हुए ममता ने कहा, ‘‘मैं प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर पूछूंगी कि क्या यह सही कदम था या नहीं कि कुछ केंद्रीय मंत्रियों ने तीन या चार मोर्चा नेताओं को कुछ दिन पहले दिल्ली बुलाया था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘उनके साथ एक बैठक भी हुई। उन्होंने वापस आकर कहा कि कुछ केंद्रीय नेताओं ने उन्हें दार्जीलिंग हिल्स में अपने आंदोलन को तेज करने की सलाह दी है। उन्हें इसके मुताबिक स्वायत्तता का भी आश्वासन दिया गया है।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘राज्य की स्वीकृति के बिना एक केंद्र शासित प्रदेश? यह हास्यास्पद है। क्या यह बच्चे के हाथ में झुनझुना है?’’ दार्जीलिंग में शांति होने का दावा करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मैं केंद्र सरकार से इस बात पर नजर रखने का अनुरोध करती हूं कि दार्जीलिंग में शांति में अड़चन नहीं पैदा हो।’’
ममता ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘दार्जीलिंग पश्चिम बंगाल का हिस्सा है। पश्चिम बंगाल के विभाजन का कोई प्रश्न नहीं उठता। हम एकजुट हैं, हम एक रहेंगे और साथ रहेंगे।’’
जीजेएम के महासचिव रोशन गिरी की अध्यक्षता में छह सदस्यीय एक दल की गोरखालैंड की मांग के साथ हाल ही में हुई दिल्ली यात्रा का जिक्र करते हुए ममता ने कहा, ‘‘मैं प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर पूछूंगी कि क्या यह सही कदम था या नहीं कि कुछ केंद्रीय मंत्रियों ने तीन या चार मोर्चा नेताओं को कुछ दिन पहले दिल्ली बुलाया था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘उनके साथ एक बैठक भी हुई। उन्होंने वापस आकर कहा कि कुछ केंद्रीय नेताओं ने उन्हें दार्जीलिंग हिल्स में अपने आंदोलन को तेज करने की सलाह दी है। उन्हें इसके मुताबिक स्वायत्तता का भी आश्वासन दिया गया है।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘राज्य की स्वीकृति के बिना एक केंद्र शासित प्रदेश? यह हास्यास्पद है। क्या यह बच्चे के हाथ में झुनझुना है?’’ दार्जीलिंग में शांति होने का दावा करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मैं केंद्र सरकार से इस बात पर नजर रखने का अनुरोध करती हूं कि दार्जीलिंग में शांति में अड़चन नहीं पैदा हो।’’
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