जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव (Jammu and Kashmir Assembly elections) के लिए राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. इसी क्रम में भारतीय जनता पार्टी (BJP) इस चुनाव में कोई कोर-कसर छोड़ने के मूड में नहीं दिख रही है. कई बीजेपी नेता भी जीत को लेकर काफी आश्वस्त दिखाई दे रहे हैं. राम माधव की वापसी को लेकर भी पार्टी में उत्साह है.
क्या जम्मू-कश्मीर में बीजेपी अकेले चुनाव लड़ेगी? क्या कश्मीर में निर्दलीय उम्मीदवारों के समर्थन से पार्टी मैदान में उतरेगी? या क्या किसी अन्य राजनीतिक दल से गठबंधन नहीं करेगी बीजेपी? जम्मू कश्मीर में होने वाले चुनाव और इनमें बीजेपी की भूमिका को लेकर इन दिनों यह सवाल उठ रहे हैं.
बीजेपी में लगातार मीटिंगों का दौर चल रहा है. माना जा रहा है कि राम माधव की वापसी भी जोड़तोड़ की रणनीति के तहत हुई है.
बीजेपी की नजर जम्मू क्षेत्र की सीटों पर
जानकारी के मुताबिक जम्मू कश्मीर में इस बार चुनाव 90 सीटों पर होगा. बीजेपी की नजर जम्मू की 43 विधानसभा सीटों पर टिकी हैं. बीजेपी को उम्मीद है कि जम्मू रीजन से उसे करीब 35-37 सीटें मिल सकती हैं. वह बहुमत के लिए कश्मीर रीजन से जीतने वाले 8-10 निर्दलीय विधायकों पर दांव लगाएगी.
इसके अलावा बीजेपी जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के लिए ऐसे लोगों को मौका देगी, जिनकी उम्र 40 साल से कम होगी. कश्मीर के लिए बीजेपी ने दूसरे दलों के अल्पसंख्यक नेताओं पर नजरें टिका दी हैं.
इसी सप्ताह शुरू होगा चुनाव प्रचार
बीजेपी 21 अगस्त को कैंडिडेट्स की पहली लिस्ट जारी करने वाली है. पार्टी अगले हफ्ते से चुनाव प्रचार की शुरुआत भी कर सकती है. वहां पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह चुनावी रैलियां करेंगे.
दिलचस्प बात है कि इसी हफ्ते पीडीपी नेता और महबूबा मुफ्ती की सरकार में मंत्री रहे चौधरी जुल्फिकार अली बीजेपी में शामिल हो गए हैं. माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में कई नेता बीजेपी के साथ आ सकते हैं.
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