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बिहार चुनाव में महिलाएं क्यों अहम.. 20 साल के वोटिंग ट्रेंड से समझ लीजिए

Bihar Women Voters: बिहार में महिला वोटों के लिए सभी दलों में मारा-मारी मची हुई है. नीतीश कुमार सरकार महिलाओं के लिए कई योजनाएं चला रहे हैं. वहीं तेजस्वी यादव भी लगातार महिला वोटों को लुभाने की कोशिश में लगे हुए हैं.

बिहार चुनाव में महिलाएं क्यों अहम.. 20 साल के वोटिंग ट्रेंड से समझ लीजिए
बिहार चुनाव में महिला वोटों पर नजर
  • बिहार विधानसभा चुनाव में महिला वोटर्स पर सारे राजनीतिक दलों की नजर है
  • महिला वोटर्स नीतीश कुमार और जेडीयू की मजबूत समर्थक रही हैं
  • आरजेडी ने इस बार के चुनाव में कुल 24 महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया है
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पटना:

बिहार विधानसभा चुनाव में महिला वोटर निर्णायक भूमिका निभा रही हैं. पिछले 20 साल में महिला वोटर की तादाद लगातार बढ़ी है. साल 2000 के विधानसभा चुनाव से लेकर 2020 के विधानसभा इलेक्शन तक महिला वोटर्स का ट्रेंड काफी अहम रहा है. सभी राजनीतिक दल महिलाओं को अपने पाले में करने के लिए हर संभव दांव आजमा रहे हैं. सीएम नीतीश कुमार तो पहले ही महिलाओं के लिए कई योजनाएं राज्य में चला रहे हैं. अब तेजस्वी यादव भी कई ऐलान के जरिए बड़ा दांव खेला है. आइए समझते हैं महिला वोट का ट्रेंड और कैसे राज्य में बदली सियासी चाल. 

2000 चुनाव का हाल जानिए 

2000 के बिहार विधानसभा चुनाव में कुल 62.57 प्रतिशत कुल वोट पड़े थे. इसमें पुरुष वोटर्स की तादाद 70.71 प्रतिशत थी जबकि 53.28 फीसदी महिला वोटर्स अपने घरों से निकली थीं. यानी पुरुष वोटर की तुलना में महिलाओं का वोट प्रतिशत काफी कम था. 

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2005 में कम पड़े थे महिला वोट 

2005 के फरवरी में हुए विधानसभा चुनाव बिहार में कुल 46.5 प्रतिशत वोट पड़े थे. इसमें पुरुषों का अनुपात 49.95 फीसदी का था जबकि महिला वोटर्स की तादाद 42.52 फीसदी ही रही. यानी पिछली चुनाव की तुलना में करीब 10 प्रतिशत महिलाएं कम वोट देने निकलीं. 

नीतीश के पहले टर्म में कम ही थी महिलाओं की वोटिंग 

2005 के अक्तूबर में बिहार में हुए मध्यावधि चुनाव में  राज्य में कुल 45.85 प्रतिशत वोट पड़े थे.47.02 पुरुषों ने इस बार के चुनाव में वोट डाला था. जबकि महिलाओं का प्रतिशत 44.49 फीसदी था. इसी चुनाव में राज्य में नीतीश कुमार की सरकार बनी थी. 

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2010 में महिलाओं ने बनाया रिकॉर्ड 

2010 के विधानसभा चुनाव में महिलाओं ने नीतीश सरकार के लिए जमकर वोटिंग की थी. इस चुनाव में कुल 52.47 प्रतिशत वोट पड़े थे जिसमें महिलाओं का अनुपात 54.49 प्रतिशत का था. जबकि पुरुष का मत प्रतिशत 51.12 फीसदी ही थी. यानी महिलाओं ने पुरुषों को वोटिंग के मामले में मात दे दी थी.

2015 में फिर नीतीश के साथ 

2015 के विधानसभा चुनाव में महिलाएं एक बार फिर जमकर वोट करने निकलीं. बिहार में हुए इस चुनाव में कुल 56.66 प्रतिशत वोट पड़े थे. इस चुनाव में 60.48 प्रतिशत महिला वोटर अपने घरों से वोट करने निकली थीं. पुरुष वोटर इस बार भी पिछड़ गए थे और उनका वोट प्रतिशत 53.32 प्रतिशत ही रहा. इस बार के चुनाव में राज्य में महागठबंधन की सरकार बनी थी.

2020 में भी सरकार बनवाने में अहम भूमिका 

2020 के विधानसभा चुनाव में महिला वोटर की तादाद में थोड़ी कमी तो जरूर आई लेकिन फिर वो पुरुषों के मुकाबले काफी ज्यादा था. इस विधानसभा चुनाव में कुल 56.93 प्रतिशत वोट पड़े थे. 59.69 प्रतिशत महिलाओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था जबकि 54.45 प्रतिशत पुरुष वोट देने के लिए निकले थे. इस बार भी नीतीश कुमार सरकार बनाने में सफल रहे थे. 

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