
दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी सरकार के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जब सिविल लाइन्स के फ्लैग स्टाफ रोड स्थित बंगले में रहने पहुंचे, तो माना जाने लगा था कि उनसे कुछ ही दूरी पर स्थित एक और भव्य बंगला भी अब आबाद हो जाएगा, जिसे अब तक मंत्री-अधिकारी अपना आशियाना बनाने से बचते आए हैं।
क्या दिक्कत है बंगले में...?
दरअसल, इस भव्य बंगले को वर्ष 1993 में दिल्ली के पहले मुख्यमंत्री मदनलाल खुराना ने अपना आशियाना बनाया, लेकिन कार्यकाल पूरा होने से पहले ही उनका नाम हवाला में आने की वजह से उन्हें पद छोड़ना पड़। उनसे पहले मांगेराम गुप्ता भी यहां रहे, लेकिन वह भी पार्षद के रूप में अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए, और इन्हीं कारणों से मुख्यमंत्री बनने पर साहिब सिंह वर्मा इस बंगले में रहने नहीं आए।
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