हरियाणा पुलिस ने कल देर रात फिरोजपुर के झिरका से कांग्रेस विधायक मामन खान (Mamman Khan) को गिरफ्तार कर लिया गया है. आज नूंह जिला अदालत में मामन खान को पेश किया जाएगा. लेकिन सवाल यह उठाया जा रहा है कि क्या मोनू मानेसर की गिरफ्तारी को बैलेंस करने के लिए मामन खान की गिरफ्तारी हुई है?
इस तरह मामन खान तक पहुंची हरियाणा पुलिस
दरअसल, 31 जुलाई को नूंह में हिंसा और आगजनी की घटना हुई थी, जिसमें पांच लोगों की मौत हुई थी. इसके साथ ही कई लोग घायल भी हुए थे. इसमें भारी संख्या में माल का नुकसान हुआ था. कई दुकानें क्षतिग्रस्त हो गई थी और 100 से ज्यादा वाहनों को जला दिया गया था. इस मामले में पुलिस ने तौफीक नाम के एक आरोपी को गिरफ्तार किया. अपने बयान में आरोपी ने मामन खान का नाम लिया है. तौफीक खान कहना है कि उन्होंने ही भीड़ और हिंसा को भड़काया था.
मामन खान ने पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में दायर की याचिका
हरियाणा पुलिस ने गिरफ्तारी से पहले मामन खान (Mamman Khan Arrested) को दो बार पूछताछ के लिए बुलाया था लेकिन वह पूछताछ में शामिल नहीं हुए थे. उन्होंने इस मामले को लेकर पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर की. हाई कोर्ट में याचिका दायर करके उन्होंने नूंह हिंसा मामले में एसआईटी के गठन की मांग की थी. उन्होंने अपनी याचिका में कहा था कि एसआईटी टीम का हेड आईजी लेवल का अधिकारी होना चाहिए और उनकी निगरानी में इस पूरे मामले की जांच हो.
नूंह हिंसा मामले जांच में राजनीतिक हस्तक्षेप न करने की मांग
उन्होंने यह भी कहा था कि जब तक एसआईटी की टीम नहीं बनती है तब तक उनकी गिरफ्तारी न हो या उनके खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई न की जाए. मामन खान ने अपनी याचिका में यह भी कहा था कि इस मामले की जांच में राजनीतिक हस्तक्षेप बिल्कुल ना हो.
कोर्ट ने मामन खान को राहत देने से किया इंकार
पंजाब हरियाणा कोर्ट ने कल मामन खान की याचिका पर सुनवाई की थी. इस दौरान कोर्ट ने मामन खान को राहत देने से साफ तौर पर इंकार कर दिया था. कोर्ट ने कहा था कि अगर आपको राहत चाहिए तो आप निचली अदालत में जाएं.
मामन खान की लोकेशन हिंसा स्थल के करीब मिली- पुलिस
सूत्रों के मुताबिक, पुलिस का कहना है कि हिंसा के समय मामन खान हिंसा स्थल पर मौजूद नहीं थे, लेकिन हिंसा को भड़काने में और भीड़ को उग्र करने में उनका हाथ हो सकता है. लेकिन, ममन खान का कहना है कि वह हिंसा से कुछ दिन पहले तक वहां नहीं गए थे. हालांकि, पुलिस का कहना है कि उनके मोबाइल टावर लोकेशन के मुताबिक, उनकी लोकेशन 29 और 30 जुलाई को हिंसा स्थल से डेढ़ किलोमीटर के रेंज में मिली है.
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