छुटपुट घटनाओं के बीच शुक्रवार का बिहार बंद शांतिपूर्वक गुजरा, हालांकि इस बंद को भाजपा और जनता दल यूनाइटेड को छोड़कर सभी दलों का समर्थन प्राप्त था, लेकिन रेलवे के परीक्षा से नाराज आंदोलनकारी छात्रों की उपस्थिति इस बंद के दौरान खान सर के अपील के बाद काफी कम देखने को मिली. बंद के बाद शुक्रवार शाम बिहार भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्य सभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने सार्वजनिक रूप से इस अपील को जारी करने के लिए खान सर और अन्य शिक्षकों को धन्यवाद दिया. छात्रों के आंदोलन की गंभीरता के मद्देनजर सुशील मोदी ने दिल्ली से पटना तक संकटमोचक की भूमिका निभाई और सार्वजनिक रूप से कहा था कि ग्रूप डी के लिए दो परीक्षा नहीं ली जाएगी.
एक बयान में सुशील कुमार मोदी ने रेलवे भर्ती परीक्षा देने वाले सभी छात्रों को धन्यवाद दिया, जिन्होंने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के स्पष्ट आश्वाशन पर भरोसा किया और शुक्रवार के बंद में हिस्सा नहीं लिया. सुशील मोदी ने कहा कि छात्रों की समझ और खान सर, रहमान सर जैसे कोचिंग शिक्षकों की अपील का सकारात्मक असर रहा कि बंद के दौरान छात्र नहीं, केवल राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता सड़कों पर दिखे.
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उन्होंने कहा कि हम ऐसे शिक्षकों के प्रति आभारी हैं, जो समस्या के समाधान में सकारात्मक योगदान कर रहे हैं. इनके विरुद्ध दमनात्मक कार्रवाई नहीं होनी चाहिए. सुशील मोदी ने कहा कि जब रेल मंत्री वैष्णव ने कल मुझसे नई दिल्ली स्थित संचार भवन में मुलाकात के दौरान साफ कर दिया कि ग्रुप-डी की केवल एक परीक्षा होगी और एनटीपीसी में "एक छात्र-एक रिजल्ट" के आधार पर 3.5 लाख और रिजल्ट निकाले जाएंगे, तब उस पर भरोसा करना चाहिए.
मोदी का कहना है कि छात्र रेलवे द्वारा गठित समिति के समक्ष अपनी मांगों को रखें ताकि सरकार समिति की रिपोर्ट के आधार पर छात्रों के पक्ष में निर्णय ले सके. बिहार बंद से अलग रह कर छात्रों ने न केवल अपने रेल मंत्री पर भरोसा किया, बल्कि उन तत्वों को झटका दिया जो आंदोलन की आग में राजनीतिक रोटी सेंकना चाहते थे.
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