Chhota Rajan : जया शेट्टी मध्य मुंबई के गामदेवी में गोल्डन क्राउन होटल एंड बार की मालकिन थीं. अच्छा-खासा होटल चल रहा था, लेकिन एक नजर लग गई. यह नजर थी अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन की. यह 2001 का दौर था. तब मुंबई में अंडरवर्ल्ड ने गहरी पैठ बना ली थी. छोटा राजन के गुर्गे जया शेट्टी से गुंडागर्दी टैक्स मांगने लगे. उन्होंने मना किया तो धमकियों पर उतर गए. इसके बाद जया शेट्टी पुलिस के पास पहुंची और छोटा राजन गैंग से मिल रही धमकियों की शिकायत की. पुलिस ने तत्काल उन्हें सुरक्षा मुहैया करा दी. इसके बाद धमकियों का आना बंद हो गया और जया शेट्टी ने राहत की सांस ली.
जया शेट्टी को लगने लगा कि अब मामला शांत हो गया है तो उन्होंने पुलिस सुरक्षा वापस कर दी. दो महीने बाद 4 मई 2001 को छोटा राजन गिरोह के दो कथित सदस्यों ने होटल की पहली मंजिल पर जया शेट्टी को गोली मार दी. 23 साल बाद आज मुंबई की एक विशेष अदालत ने माफिया डॉन राजेंद्र एस. निखलजे उर्फ छोटा राजन को जया शेट्टी की 2001 में हुई हत्या के मामले में दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई. विशेष मकोका अदालत के न्यायाधीश एएम पाटिल ने छोटा राजन को दोषी ठहराया. मुंबई में छोटा राजन को दूसरी बार आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. इससे पहले मई 2018 में पत्रकार जेडे की दिनदहाड़े हुई हत्या के लिए उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी.
मुंबई में खूंखार माफिया सिंडिकेट के सरगनाओं में से एक 64 वर्षीय छोटा राजन 1989 में दुबई भाग गया था. लगभग 27 साल फरार रहने के बाद उसे नवंबर 2015 में इंडोनेशिया से भारत प्रत्यर्पित किया गया. सितंबर 2000 में वह बैंकॉक के एक होटल में जानलेवा हमले में बाल-बाल बच गया था. कहा जाता है कि अंडरवर्ल्ड के उसके प्रतिद्वंद्वी दाऊद इब्राहिम ने उस पर हमला कराया था. उस हमले के बाद छोटा राजन फिर से गायब हो गया. अक्टूबर 2015 में उसे इंडोनेशिया की पुलिस ने पकड़ लिया और भारत भेज दिया.
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