पटना: बिहार में सत्ताधारी जनता दल यूनाइटेड में मचे घमासान के बीच नीतीश कुमार ने ऐसा बयान दिया है, जिससे उपेंद्र कुशवाहा की विदाई तय मानी जा रही है. जेडीयू में नीतीश कुमार और उपेंद्र कुशवाहा के बीच तल्ख़ी बढ़ती ही जा रही है. कुशवाहा के बारे में पूछे जाने पर बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जिसको जहां जाना हो, जितनी जल्दी जाना हो चले जाए.
पिछले कुछ दिनों से उपेंद्र कुशवाहा की भाजपा में शामिल होने की अटकलें काफी तेज हैं. हाल ही में जब उपेंद्र कुशवाहा दिल्ली के एम्स में भर्ती थे, तब भाजपा के तीन नेता उनसे मिलने भी पहुंचे थे. हालांकि, उपेंद्र कुशवाहा ने इन अटकलों को खारिज किया है कि वह भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं. लेकिन इन अटकलों के बीच नीतीश कुमार ने कहा, "नेता आते हैं और जाते हैं अपनी मर्ज़ी से. हमने किसी को भी नहीं रोका है. जो ख़ुद संपर्क में जाना चाहते हैं, वही बोलते रहते हैं."
नीतीश कुमार ने जेडीयू के टूटने की अटकलों पर कहा, "जो कहता है, उसे कहिए खूब खुशी बनाइए, मस्त रहिए. हमाारी पार्टी की पहले की तुलना में मेंबरशिप ज्यादा हो गई है. लेकिन कुछ बोलते रहते हैं, तो उन्हें खुश होने दीजिए. किस किस को हम कितना पढ़ाएं, कौन कहां चला गया जाने दीजिए. जिसको जब जाना हो, जितना जल्दी जाना हो, जितना बोलना है बोलते रहिए और जिस दिन मन करें उस दिन चले जाइए."
बता दें कि मंगलवार को उपेंद्र कुशवाहा ने बीजेपी में जाने की बात से इनकार करते हुए कहा था कि जेडीयू और नीतीश कुमार को राजनीतिक रूप से कमज़ोर किया जा रहा है और वो हर मुश्किल वक़्त में नीतीश कुमार के साथ खड़े रहे हैं. नीतीश कुमार जब सत्ता में नहीं आए थे, तब हम सब उनके साथ खड़े रहे. बीच में उनके साथ नहीं था, लेकिन फिर से जब वो राजनीतिक रूप से कमजोर हुए, तो फिर से हम उनके साथ आ गए. खड़े है और मजबूती से आज भी उनके साथ हैं. कहीं से उनपर कोई भी प्रहार होता है, तो उपेंद्र कुशवाहा उनके साथ खड़ा रहता है.
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