महाराष्ट्र में महायुति की महाविजय, महागठबंधन पस्त
नई दिल्ली:
महाराष्ट्र में महायुति की महाविजय दर्ज कर ली है, अब सवाल ये खड़ा हो रहा है कि प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा सीटें बीजेपी को मिली हैं. उधर, झारखंड में दूसरी बार हेमंत सोरेन सरकार ने सत्ता में वापसी की है. झारखंड मुक्ति मोर्चा ने कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. हेमंत सोरेन की अब आगे की रणनीति क्या होगी, ये भी लोग जानना चाह रहे हैं. बता दें कि महाराष्ट्र में एनडीए को 235 सीटें और महाविकास अघाड़ी को 49 सीटें मिली हैं. वहीं झारखंड में जेएमएम और कांग्रेस के गठबंधन को कुछ 81 में से 56 सीटें और एनडीए को 24 सीटें मिली हैं.
- महाराष्ट्र के चुनाव परिणाम से सबसे ज्यादा खुश बीजेपी है. यहां बीजेपी ने 132 सीटें जीतकर इतिहास रच दिया है. ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? क्या शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे को फिर मुख्यमंत्री बनाना क्या महाराष्ट्र की जनता के साथ इंसाफ होगा.
- महायुति में एकनाथ शिंदे और अजीत पवार के नेतृत्व में (भाजपा और शिवसेना और राकांपा गुटों का गठबंधन) महाराष्ट्र चुनाव में जीत हासिल की, कुल 288 सीटों में से 235 सीटें जीतीं हैं. भाजपा को सबसे ज्यादा- 132, उसके बाद शिवसेना को 57 और एनसीपी को 41 सीटें मिली हैं.
- महा विकास अघाड़ी, जिसमें कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव ठाकरे) और शरद पवार के नेतृत्व वाले राकांपा गुट शामिल थे, ने मिलकर 49 सीटें जीतीं हैं, जो कि भाजपा की अकेले सीटों के आधे से भी कम है. विपक्षी खेमे में शिवसेना (यूबीटी) के खाते में सबसे ज्यादा 20 सीटों आई हैं, जबकि कांग्रेस 16 सीटों पर सिमट गई. शरद पवार की एनसीपी ने सिर्फ 10 सीटें जीतीं, जो कि अनुभवी राजनेता का अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन है.
- विश्वस्त सहयोगियों की बगावत में अपनी पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह खोने के बाद, उद्धव ठाकरे और शरद पवार दोनों के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई थी और करारी हार अब उनके राजनीतिक भविष्य पर सवालिया निशान उठाती है. उद्धव ठाकरे को महाराष्ट्र के चुनाव परिणाम पर विश्वास ही नहीं हो रहा है.
- शिवसेना के मुखपत्र सामना में आज छपे संपादकीय में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की मतगणना पर कई सवाल खड़े किये गए हैं. संपादकीय में कहा गया है, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव परिणाम जनमत या जनादेश नहीं, बल्कि अस्वीकार्य और विचलित करने वाले हैं. महायुति को 231 सीटें, शिंदे गुट को 57 और अजित पवार गुट को 41 सीटें मिलना हैरान करने वाला है.
- झारखंड में हेमंत सोरेन ने शानदार वापसी की है. यहां इंडिया ब्लॉक ने 81 सीटों में से 56 सीटें जीतीं, जबकि एनडीए 24 सीटों पर सिमट गई. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की झारखंड मुक्ति मोर्चा ने सबसे अधिक सीटें (34) हासिल कीं, जबकि कांग्रेस ने 16, राष्ट्रीय जनता दल ने 4 और सीपीआई (एमएल) ने 2 सीटें जीतीं.
- हेमंत सोरेन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, 'झारखंड में लोकतंत्र की परीक्षा में हम पास हो गए हैं, चुनाव परिणाम के बाद हम अपनी रणनीति को अंतिम रूप देंगे. मैं इस शानदार प्रदर्शन के लिए राज्य की जनता के प्रति आभार व्यक्त करता हूं.'
- कांग्रेस के लिए सबसे अच्छी बात प्रियंका गांधी का वायनाड से चुनावी मैदान में उतरना था, जिसे राहुल गांधी ने अपनी मां की राय बरेली सीट पर चले जाने के कारण खाली कर दिया था. उन्होंने केरल की सीट 4 लाख वोटों से जीती, जो उनके भाई से भी बड़ा अंतर है. कांग्रेस ने महाराष्ट्र के नांदेड़ में अन्य संसदीय उपचुनाव भी जीता है.
- विधानसभा उपचुनाव में एनडीए को कुल 48 सीटों में से 20 पर जीत मिली है. भगवा गठबंधन ने असम, राजस्थान और बिहार में अच्छा प्रदर्शन किया और उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी को झटका दिया. कांग्रेस ने कर्नाटक में तीन सीटें जीतीं, जबकि पश्चिम बंगाल में सभी छह सीटों पर तृणमूल ने कब्जा जमाया.
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद भाजपा मुख्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया और ऐतिहासिक जनादेश के लिए महायुति गठबंधन को बधाई दी. उनके भाषण में एकता का संदेश शामिल था. 'एक हैं तो सेफ हैं' के अपने नारे को दोहराते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हरियाणा विधानसभा चुनाव के बाद महाराष्ट्र से यह बड़ा संदेश है और यह देश का 'महामंत्र' बन गया है.