राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को बहुत बड़ी सफलता मिली है. दरअसल, जांच एजेंसी ने बेंगलुरु जेल आतंकी साजिश मामले में बड़ी सफलता हासिल करते हुए लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख सदस्य सलमान रहमान खान को रवांडा से प्रत्यर्पित किया है. रिपोर्ट के मुताबिक, यह प्रत्यर्पण इंटरपोल और केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के सहयोग से संभव हुआ है.
भारत के लिए महत्वपूर्ण है ये आतंकी
एनआईए ने आतंकी सलमान रहमान खान के खिलाफ आपराधिक साजिश, आतंकवादी संगठन का सदस्य होने और आतंकवादी संगठन को सहायता प्रदान करने तथा शस्त्र अधिनियम और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम से संबंधित अपराधों से संबंधित मामले दर्ज किए हैं. देखा जाए तो भारत के लिए सलमान रहमान खान बेहद महत्वपूर्ण है. इसकी गिरफ्तारी से कई बातें बाहर आएंगी.
क्या है आरोप?
आतंकी सलमान खान पर कई तरह के अपराधिक मामले हैं. एनआईए ने कई चार्जशीट भी दायर की है. खान पर आपराधिक साजिश रचने, पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा की सदस्यता और आतंकी अभियानों के लिए सामग्री मुहैया कराने का आरोप है. अधिकारियों का आरोप है कि उसने शहर में आतंकवाद से जुड़ी घटनाओं के लिए हथियारों, गोला-बारूद और विस्फोटकों की आपूर्ति में मदद की.
जानकारी के मुताबिक, एनआईए ने 2023 में खान के खिलाफ शस्त्र अधिनियम, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और आतंकवाद से संबंधित धाराओं सहित विभिन्न प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया. खान की गिरफ्तारी के बाद और भी गतिविधियों पर बारिकी से पूछताछ होगी.
सलमान रहमान खान कौन हैं?
अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य सलमान रहमान खान के खिलाफ 2023 में बेंगलुरु के हेब्बल पुलिस स्टेशन में बेंगलुरु में आतंकी गतिविधियों को आगे बढ़ाने का आरोप है. उस पर हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक मुहैया कराने के अपराध में भी एफआईआर दर्ज की गई है.
एनआईए की जांच से पता चला कि कैसे सलमान कट्टरपंथी बनने के बाद आतंकी गतिविधियों में सक्रिय भागीदार बन गया. उसने आतंकी गुर्गों के लिए हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटकों की खरीद और वितरण में मदद की. नसीर ने अदालत में पेशी के दौरान खुद को भागने में मदद करने की साजिश भी रची, जिसमें सलमान भी शामिल था.
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