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This Article is From Jul 22, 2019

भारत का गर्व हिमा दास: उम्र 19 साल और 19 दिन में जीते 5 इंटरनेशनल गोल्ड

हिमा दास (Hima Das) ने 19 दिन में 5 गोल्ड हासिल कर इतिहास रच दिया है. देश के प्रधानमंत्री से लेकर कई सेलिब्रिटी ने उन्हें उनकी इस अपार सफलता पर बधाई दी है.

भारत का गर्व हिमा दास: उम्र 19 साल और 19 दिन में जीते 5 इंटरनेशनल गोल्ड
Hima das: 19 साल की हिमा दास अब तक कई गोल्ड हासिल कर चुकी हैं.
नई दिल्ली:

स्टार ऐथलीट हिमा दास (Hima Das) ने 19 दिन के भीतर 5वां गोल्ड जीत कर देश के गौरव को और भी बढ़ाया है. भारत की गोल्‍डन गर्ल हिमा दास ('Golden Girl' Hima Das) 19 साल की कम उम्र बेहद शानदार प्रदर्शन कर रही हैं. 5वां गोल्ड जीतने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें बधाई दी है. पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा, ''भारत को हिमा दास पर बहुत गर्व है. हिमा दास ने पिछले कुछ दिनों में शानदार उपलब्धियां हासिल की हैं. सभी बहुत खुश हैं कि उन्होंने विभिन्न टूर्नामेंटों में पांच पदक जीते हैं. उन्हें बधाई और उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं.

भारतीय धावक हिमा दास (Indian Sprinter Hima Das) ने शनिवार को चेक रिपब्लिक में 400 मीटर की रेस 52.09 सेकंड में पूरी की और भारत के नाम एक और गोल्ड हासिल किया. बता दें कि हिमा ने पहला गोल्ड 2 जुलाई को जीता था. हिमा ने 2 जुलाई को पोलैंड में पोजनान एथलेटिक्स ग्रांड प्रिक्स में 200 मीटर रेस में हिस्सा लिया था. यहां उन्होंने 23.65 सेकंड में उस रेस पूरा कर गोल्ड जीता था.

दूसरा गोल्ड हिमा ने 7 जुलाई को पोलैंड में कुटनो एथलेटिक्स मीट में 200 मीटर रेस को 23.97 सेकंड में पूरा कर जीता था. उन्होंने ने तीसरा गोल्ड 13 जुलाई को चेक रिपब्लिक में हुई क्लांदो मेमोरियल एथलेटिक्स में महिलाओं की 200 मीटर रेस को 23.43 सेकेंड में पूरा कर जीता था. जबकि उन्होंने चौथा गोल्ड इसी देश में 17 जुलाई को ताबोर एथलेटिक्स मीट में 200 मीटर रेस को 23.25 सेकंड में पूरा कर जीता था. आइये जानते हैं हिमा दास के बारे में..
 

हिमा दास के जीवन से जुड़ी 10 बातें
 

1. हिमा दास का जन्म 09 जनवरी 2000 असम के नगांव जिले के धिंग गांव में हुआ.

2. हिमा दास (Hima Das) अभी सिर्फ 19 साल की हैं. 

3. हिमा एक साधारण किसान परिवार से आती हैं. उनके पिता चावल की खेती करते हैं. 

4. हिमा दास स्कूल के समय में लड़कों के साथ फुटबॉल खेलती थीं और एक स्ट्राइकर के तौर पर अपनी पहचान बनाना चाहती थीं. वह अपना कैरियर फुटबॉल में देख रही थीं और भारत के लिए खेलने की उम्मीद कर रही थीं.

5. हिमा ने जवाहर नवोदय विद्यालय के शारीरिक शिक्षक शमशुल हक की सलाह पर उन्होंने दौड़ना शुरू किया.

6. उन्‍होंने 3 साल पहले ही रेसिंग ट्रैक पर कदम रखा था. उनके पास पैसों की उनके थी, लेकिन कोच ने उन्हें ट्रेन कर मुकाम हासिल करने में मदद की.

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7. हिमा के कोच निपोन ने उन्हें अंतर-जिला प्रतियोगिता के दौरान देखते हुए कहा कि “हिमा ने सबसे सस्ते स्पाइक्स पहन रखे हैं और इसके बावजूद भी वह 100 मीटर और 200 मीटर की दौड़ में स्वर्ण जीत जाती हैं, वह हवा की तरह दौड़ रही थी, अपने संपूर्ण जीवन में मैंने इतनी कम उम्र में ऐसी प्रतिभा नहीं देखी.

8. निपोन ने हिमा (Hima) पर गांव से 140 किमी दूर गुवाहाटी में स्थानांतरित होने के लिए दबाव डाला और उसे आश्वस्त किया कि उनके पास एथलेटिक्स में सुनहरा भविष्य है.

9. चेक गणराज्य में आयोजित क्लाड्नो एथलेटिक्स में भाग लेने पहुंचीं हिमा दास ने 17 जुलाई 2019 को मुख्यमंत्री राहत कोष में राज्य में बाढ़ के लिए अपना आधा वेतन दान कर दिया.

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10. हिमा दास का निजी सर्वश्रेष्ठ समय 50.79 सेकंड है, जो उन्होंने पिछले साल हुए एशियाई खेल के दौरान हासिल किया था.

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