अयोध्या मामले (Ayodhya Case) में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की संविधान पीठ ने सुनवाई की. 40वें दिन की सुनवाई के दौरान कोर्ट में तीखी बहस देखने को मिली. सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन (Rajeev Dhavan) ने हिन्दू महासभा के वकील विकास सिंह की ओर से पेश किये गए नक्शे को फाड़ दिया. इसके बाद सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा कि अगर कोर्ट का डेकोरम नहीं बनाया रखा गया तो हम कोर्ट से चले जाएंगे. दरअसल, अखिल भारतीय हिन्दू महासभा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह द्वारा अयोध्या में विवादित स्थल पर भगवान राम के जन्म स्थल को दर्शाने वाले नक्शे का हवाला दिये जाने पर राजीव धवन ने आपत्ति की और पीठ से पूछा कि उन्हें इसका (नक्शे का) क्या करना चाहिए, पीठ ने कहा कि वह इसके टुकड़े कर सकते हैं. इस पर राजीव धवन ने न्यायालय कक्ष में अखिल भारतीय हिन्दू महासभा के अधिवक्ता द्वारा उपलब्ध कराया गया सचित्र नक्शा फाड़ दिया. इसके बाद यह चर्चा का विषय बन गया.
1994 में अयोध्य़ा मामले में अपनी जिरह से चर्चा में आए राजीव धवन सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील हैं. उन्होंने इलाहाबाद और शेरवुड स्कूल, नैनीताल से अपनी स्कूली शिक्षा हासिल की है. वहीं, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, कैंब्रिज विश्वविद्यालय और लंदन विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा हासिल की है. राजीव धवन (Rajeev Dhavan) के पिता शांति स्वरूप धवन ब्रिटेन में भारत के राजदूत, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल और लॉ कमिशन के सदस्य रह चुके हैं. बताया जाता है कि राजीव धवन ने कांग्रेस नेता और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल के साथ वकालत के गुर सीखे और फिर अपनी जिरह के बूते सफलता की सीढ़ियां चढ़ते गए. मंडल मामले में भी उनकी जिरह ने काफी सुर्खियां बटोरी थीं. धवन (Rajeev Dhavan) इंडियन लॉ इंस्टीट्यूट में प्रोफेसर भी हैं. अयोध्या मामले में वे सुन्नी वक्फ बोर्ड की तरफ से केस लड़ रहे हैं.
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