व्यापमं के व्हीसिलब्लोवर (बाएं डॉ आनंद राय)
इंदौर:
मध्यप्रदेश के व्यापमं घोटाले के व्हिसिलब्लोअर डॉ आनंद राय ने शुक्रवार को इस बात से इनकार किया कि उन्होंने अपने और अपनी हमपेशा पत्नी के तबादलों के मामले में प्रदेश सरकार को ‘ब्लैकमेल’ करने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से पिछले महीने हुई गुप्त मुलाकात की खुफिया कैमरे से रिकॉर्डिंग की थी।
ब्लैकमेल करने के लिए नहीं की रिकॉर्डिंग
राय ने कहा, ‘मैंने यह खुफिया रिकॉर्डिंग प्रदेश सरकार को ब्लैकमेल करने के लिए नहीं, बल्कि अपने बचाव के लिए की थी। अगर प्रदेश सरकार शिवराज से मेरी मुलाकात की गुपचुप रिकॉर्डिंग कर मुझे बदनाम करने के लिए इसके चुनिंदा अंश सार्वजनिक कर देती, तो मैं अपने बचाव में इस भेंट की असंपादित रिकार्डिंग पेश कर देता।’
कैमरे वाली घड़ी का किया प्रयोग
38 वर्षीय व्हिसिलब्लोअर का दावा है कि उन्होंने खुफिया कैमरे वाली घड़ी की मदद से इस गुप्त मुलाकात की रिकॉर्डिंग की थी, ताकि जरूरत पड़ने पर वह अपने बचाव में इसका इस्तेमाल कर सकें। उनके मुताबिक यह मुलाकात मुख्यमंत्री के भोपाल के श्यामला हिल्स स्थित सरकारी निवास में 11 अगस्त की रात 09:45 बजे शुरू होकर रात 10:50 बजे तक चली थी।
इस खुफिया रिकॉर्डिंग के बारे में संवाददाताओं से राय की बातचीत के कुछ ही देर पहले प्रदेश सरकार की ओर से उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ को यह जानकारी दी गई थी कि उनके (राय के) और उनकी पत्नी के तबादलों को वापस लेने का निर्णय किया गया है।
सार्वजनिक नहीं करेंगे रिकॉर्डिंग
यह पूछे जाने पर कि क्या वह व्हिसिलब्लोअर की जिम्मेदारी निभाते हुए शिवराज के साथ हुई गुप्त मुलाकात की खुफिया रिकॉर्डिंग सार्वजनिक करेंगे, उन्होंने कहा, ‘मैं फिलहाल इस रिकॉर्डिंग को सार्वजनिक नहीं करना चाहता, क्योंकि यह अनैतिक होगा।’
लड़ाई जारी रखूंगा
व्हिसिलब्लोअर ने हालांकि कहा, ‘प्रदेश सरकार ने मेरी और मेरी पत्नी का तबादला आदेश वापस लेकर एक तरह से अपनी गलती मान ली है। मैं व्यापमं घोटाले के खिलाफ अपनी लड़ाई पहले की तरह जारी रखूंगा।’
11 अगस्त को हुई थी मुलाकात
राय और शिवराज के बीच हुई गुप्त मुलाकात की जानकारी तब सार्वजनिक हुई, जब इस व्हिसिलब्लोअर ने अपने और अपनी पत्नी के तबादलों के खिलाफ उच्च न्यायालय में दायर याचिका की सुनवाई के दौरान 2 सितंबर को हलफनामा पेश किया था। इसमें सनसनीखेज आरोप लगाया गया था कि मुख्यमंत्री ने 11 अगस्त की रात व्हिसलब्लोअर से हुई मुलाकात के दौरान व्यापमं और डी-मैट घोटालों के संबंध में उनके और उनके परिवार के खिलाफ अभियान बंद करने को कहा था और इसके बदले उनका (राय) और उनकी हमपेशा पत्नी का तबादला आदेश निस्स्त कर दोनों को फिर इंदौर में पदस्थ करने की पेशकश की थी। बहरहाल, प्रदेश सरकार ने उच्च न्यायालय में जवाबी शपथपत्र पेश कर इस गुप्त मुलाकात के बारे में राय के आरोपों को खारिज कर दिया।
प्रदेश सरकार के इस हलफनामे में कहा गया, ‘राय का यह कथन निराधार है कि मुख्यमंत्री ने उन्हें व्यापमं और डी-मैट घोटालों के संबंध में उनके और उनके परिवार के खिलाफ मामले वापस लेने को कहा था।’
शपथ-पत्र में यह भी कहा गया कि 11 अगस्त की रात शिवराज और राय के बीच हुई मुलाकात का व्हिसलब्लोअर और उनकी पत्नी के तबादले के मसले से कोई लेना-देना नहीं है।
राय दम्पती ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर अपने तबादलों को चुनौती दी थी। व्हिसिलब्लोअर ने आरोप लगाया था कि उन्होंने प्रदेश सरकार के मंत्रियों और रसूखदार भाजपा नेताओं के खिलाफ व्यापमं और डी-मैट घोटालों के संबंध में जांच एजेंसियों को शिकायत की थी। इसलिए ‘बदले की भावना से’ उनका और उनकी पत्नी का तबादला कर दिया गया था।
ब्लैकमेल करने के लिए नहीं की रिकॉर्डिंग
राय ने कहा, ‘मैंने यह खुफिया रिकॉर्डिंग प्रदेश सरकार को ब्लैकमेल करने के लिए नहीं, बल्कि अपने बचाव के लिए की थी। अगर प्रदेश सरकार शिवराज से मेरी मुलाकात की गुपचुप रिकॉर्डिंग कर मुझे बदनाम करने के लिए इसके चुनिंदा अंश सार्वजनिक कर देती, तो मैं अपने बचाव में इस भेंट की असंपादित रिकार्डिंग पेश कर देता।’
कैमरे वाली घड़ी का किया प्रयोग
38 वर्षीय व्हिसिलब्लोअर का दावा है कि उन्होंने खुफिया कैमरे वाली घड़ी की मदद से इस गुप्त मुलाकात की रिकॉर्डिंग की थी, ताकि जरूरत पड़ने पर वह अपने बचाव में इसका इस्तेमाल कर सकें। उनके मुताबिक यह मुलाकात मुख्यमंत्री के भोपाल के श्यामला हिल्स स्थित सरकारी निवास में 11 अगस्त की रात 09:45 बजे शुरू होकर रात 10:50 बजे तक चली थी।
इस खुफिया रिकॉर्डिंग के बारे में संवाददाताओं से राय की बातचीत के कुछ ही देर पहले प्रदेश सरकार की ओर से उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ को यह जानकारी दी गई थी कि उनके (राय के) और उनकी पत्नी के तबादलों को वापस लेने का निर्णय किया गया है।
सार्वजनिक नहीं करेंगे रिकॉर्डिंग
यह पूछे जाने पर कि क्या वह व्हिसिलब्लोअर की जिम्मेदारी निभाते हुए शिवराज के साथ हुई गुप्त मुलाकात की खुफिया रिकॉर्डिंग सार्वजनिक करेंगे, उन्होंने कहा, ‘मैं फिलहाल इस रिकॉर्डिंग को सार्वजनिक नहीं करना चाहता, क्योंकि यह अनैतिक होगा।’
लड़ाई जारी रखूंगा
व्हिसिलब्लोअर ने हालांकि कहा, ‘प्रदेश सरकार ने मेरी और मेरी पत्नी का तबादला आदेश वापस लेकर एक तरह से अपनी गलती मान ली है। मैं व्यापमं घोटाले के खिलाफ अपनी लड़ाई पहले की तरह जारी रखूंगा।’
11 अगस्त को हुई थी मुलाकात
राय और शिवराज के बीच हुई गुप्त मुलाकात की जानकारी तब सार्वजनिक हुई, जब इस व्हिसिलब्लोअर ने अपने और अपनी पत्नी के तबादलों के खिलाफ उच्च न्यायालय में दायर याचिका की सुनवाई के दौरान 2 सितंबर को हलफनामा पेश किया था। इसमें सनसनीखेज आरोप लगाया गया था कि मुख्यमंत्री ने 11 अगस्त की रात व्हिसलब्लोअर से हुई मुलाकात के दौरान व्यापमं और डी-मैट घोटालों के संबंध में उनके और उनके परिवार के खिलाफ अभियान बंद करने को कहा था और इसके बदले उनका (राय) और उनकी हमपेशा पत्नी का तबादला आदेश निस्स्त कर दोनों को फिर इंदौर में पदस्थ करने की पेशकश की थी। बहरहाल, प्रदेश सरकार ने उच्च न्यायालय में जवाबी शपथपत्र पेश कर इस गुप्त मुलाकात के बारे में राय के आरोपों को खारिज कर दिया।
प्रदेश सरकार के इस हलफनामे में कहा गया, ‘राय का यह कथन निराधार है कि मुख्यमंत्री ने उन्हें व्यापमं और डी-मैट घोटालों के संबंध में उनके और उनके परिवार के खिलाफ मामले वापस लेने को कहा था।’
शपथ-पत्र में यह भी कहा गया कि 11 अगस्त की रात शिवराज और राय के बीच हुई मुलाकात का व्हिसलब्लोअर और उनकी पत्नी के तबादले के मसले से कोई लेना-देना नहीं है।
राय दम्पती ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर अपने तबादलों को चुनौती दी थी। व्हिसिलब्लोअर ने आरोप लगाया था कि उन्होंने प्रदेश सरकार के मंत्रियों और रसूखदार भाजपा नेताओं के खिलाफ व्यापमं और डी-मैट घोटालों के संबंध में जांच एजेंसियों को शिकायत की थी। इसलिए ‘बदले की भावना से’ उनका और उनकी पत्नी का तबादला कर दिया गया था।
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