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This Article is From Oct 03, 2016

जयललिता की हालत में सुधार होने तक 'छह लोगों की टीम' है इंचार्ज : सूत्र

जयललिता की हालत में सुधार होने तक 'छह लोगों की टीम' है इंचार्ज : सूत्र
चेन्नई: 22 सितंबर से ही, जब तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता को अस्पताल में दाखिल करवाया गया था, उनकी पार्टी ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) इसी बात को साबित करने में जुटी हुई है कि उनकी हालत गंभीर नहीं है, जबकि डॉक्टरों की तरफ से दिए जाने वाले मेडिकल अपडेटों में बार-बार और काफी अंतर आने की वजह से यह अटकल काफी ज़ोर पकड़े रही है कि उनकी हालत काफी गंभीर है.

अस्पताल से जारी होने वाले बुलेटिन में हर बार का अंतराल खासतौर से राजनैतिक विपक्षियों की ओर से इन अटकलों को जन्म देता रहा कि 68-वर्षीय जयललिता की स्थिति गंभीर रूप से बीमार होने से भी कहीं ज़्यादा खराब है, जिसे उनकी पार्टी एआईएडीएमके के लोग कबूल नहीं कर रहे हैं, और लगातार यही दावा कर रहे हैं कि उन्हें सिर्फ बुखार और डी-हाईड्रेशन की तकलीफ है. शनिवार शाम को जयललिता को देखने अस्पताल पहुंचे तमिलनाडु के राज्यपाल सी. विद्यासागर राव ने भी पुष्टि की कि उनकी 'हालत में सुधार' हो रहा है.

रविवार रात को अपोलो अस्पताल ने कहा कि जयललिता की हालत में सुधार है, लेकिन उन्हें कुछ दिन अस्पताल में ही रहने की सलाह दी गई है. इसमें यह भी पुष्टि की गई कि इंग्लैंड से सेप्सिस (sepsis - यह खून में होने वाला संक्रमण है, और गंभीर बीमारी है) के एक विशेषज्ञ पहुंचे हैं, जो उनकी हालत में सुधार पर नज़र रख रहे हैं.

जानकारों का कहना है कि चूंकि पुष्ट जानकारी की कमी है, इसलिए संभावना है कि अस्थायी रूप से फैसले लेने की ज़िम्मेदारी नौकरशाहों की कोर टीम ने ले ली हो, और वैसे जयललिता सामान्य समय में भी इसी तरीके से काम करना पसंद करती रही हैं.

तमिलनाडु सरकार अन्य राज्यों से उलट ज़्यादा केंद्रीकृत तरीके से चलाई जाती है, जिसमें फैसले लेने की शक्ति लगभग पूरी तरह मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) के पास ही होती है. यहां, चार निजी सचिवों (जिन्हें पीएस 1 से पीएस 4 कहा जाता है) को ज़िम्मेदारी सौंपी गई है कि वे सभी 54 सरकारी विभागों की देखरेख करें. ये चारों निजी सचिव मुख्य सचिव के साथ-साथ मुख्यमंत्री की पुरानी सहयोगी और आधिकारिक सलाहकार शीला बालाकृष्णन को रिपोर्ट करते हैं.

एआईएडीएमके के एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि इस वक्त 'छह लोगों की इसी टीम', जो अस्पताल भी आती रहती है, को इंचार्ज माना जा रहा है.

अस्पताल में इनके अतिरिक्त जयललिता की करीबी सहयोगी शशिकला नटराजन तथा एआईएडीएमके के वरिष्ठ मंत्री भी मौजूद थे, जिनमें ओ. पन्नीरसेल्वम भी शामिल थे, जो जयललिता के वर्ष 2014 में भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार होने पर अस्थायी रूप से मुख्यमंत्री बनाए गए थे.

द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) प्रमुख एम. करुणानिधि जैसे विपक्षी नेताओं ने मुख्यमंत्री की पार्टी से आग्रह किया है कि वे मुख्यमंत्री की तस्वीर जारी करें, ताकि साबित हो सके कि उनकी स्थिति गंभीर नहीं है. एआईएडीएमके का कहना है कि उन्हें ऐसा करने की कोई ज़रूरत महसूस नहीं हो रही है, और इसके अलावा पार्टी ने चार लोगों के खिलाफ पुलिस में मामले भी दर्ज करवाए हैं, जिन्होंने जयललिता की हालत के बारे में सोशल मीडिया पर गलत जानकारी दी थी.

एआईएडीएमके ने यह भी कहा है कि मुख्यमंत्री इस स्थिति में हैं कि वह कर्नाटक से कावेरी नदी को लेकर जारी विवाद पर निगरानी रख सकें, और उन्होंने अस्पताल में रहते हुए ही कई महत्वपूर्ण बयान लिखवाए, जो जल विवाद को लेकर हुई बैठकों में पेश किए गए.

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