दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा है कि राजधानी में क्लाउड सीडिंग के 7 ट्रायल और होंगे. अभी दो ट्रायल हुए हैं, लेकिन बादलों की आर्द्रता कम होने से ट्रायल फिलहाल नहीं हो रहा है.दो ट्रायल के दौरान कुछ बारिश नोएडा के आसपास हुई है, लेकिन ज़्यादातर जगहों पर बरसात नहीं हुई. आज बादलों की नमी केवल 15-20 फीसदी है, जैसे ही बादलों की सांद्रता बढ़ती है तब ये ट्रायल दोबारा होगा. मंगलवार को कानपुर से उड़े सेसना प्लेन के जरिये दिल्ली में छह से ज्यादा जगहों पर क्लाउड सीडिंग कराई गई थी और शाम 6 बजे तक कृत्रिम बारिश की उम्मीद थी, लेकिन बादलों में कम नमी के कारण ऐसा संभव नहीं हो सका.
इससे पहले आईआईटी कानपुर के निदेशक डॉ. मणींद्र अग्रवाल ने कहा है कि क्लाउड सीडिंग का आगे और ट्रायल बादलों की नमी पर निर्भर करेगा. उन्होंने यह भी कहा है कि पूरे सर्दी के सीजन में कृत्रिम बारिश कराई जाती है तो करीब 25 करोड़ रुपये खर्च हो सकते हैं. अग्रवाल ने कहा कि अगले दौर में हम कानपुर की जगह दिल्ली के आसपास किसी जगह से प्लेन की उड़ान कर सकते हैं, जिससे लागत में कमी आने की संभावना है.
दिल्ली में मंगलवार को हुई क्लाउड सीडिंग के दौरान दिल्ली के मयूर विहार से सटे नोएडा के इलाके में कुछ बारिश हुई थी. आईआईटी कानपुर निदेशक डॉ. मणींद्र अग्रवाल ने कहा है कि कृत्रिम बारिश तो नहीं हुई है, लेकिन प्रदूषण में 6 से 10 फीसदी की कमी हुई है.
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