- भारत-EU मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत निर्णायक दौर में पहुंच चुकी है और लंबित मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई
- केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने ब्रुसेल्स में यूरोपीय आयुक्त मारोस शेफोविच के साथ कई मुद्दों पर चर्चा की
- दोनों पक्ष श्रम-प्रधान क्षेत्रों के लिए विशेष ट्रीटमेंट की मांगों पर सहमत हुए हैं
भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते (India-EU Free Trade Agreement) पर बातचीत निर्णायक दौर में पहुंच गयी है. केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में अपने तीन दिन के ब्रुसेल्स दौरे के दौरान यूरोपीय व्यापार एवं आर्थिक सुरक्षा आयुक्त (European Commissioner for Trade and Economic Security) मारोस शेफोविच के साथ भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते (India-EU Free Trade Agreement) से संबंधित लंबित मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की.
वाणिज्य मंत्रालय के मुताबिक इस बैठक में लंबित मुद्दों का समाधान तलाशने पर विस्तार से चर्चा हुई. Non-Tariff Measures और नए यूरोपीय संघ के नियमों पर भारत की चिंताओं पर भी चर्चा हुई. वार्ता के दौरान, वाणिज्य मंत्री ने भारत की प्रमुख मांगों, विशेष रूप से श्रम-प्रधान क्षेत्रों (labour-intensive sectors) से संबंधित मांगों के लिए preferential ट्रीटमेंट की ज़रुरत पर ज़ोर दिया. दोनों पक्ष गैर-संवेदनशील औद्योगिक शुल्क दरों (industrial tariff lines) को अंतिम रूप देने के लिए मिलकर काम करने पर सहमत हुए".
दोनों पक्षों ने तय किया है कि इस्पात, ऑटो, CBAM और अन्य यूरोपीय संघ के नियमों से संबंधित मुद्दों पर अभी और चर्चा की आवश्यकता है, क्योंकि ये मुद्दे अधिक संवेदनशील हैं. दोनों पक्षों ने फरवरी 2025 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन के स्पष्ट निर्देशों का पालन करते हुए 2025 के अंत तक भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते (India-EU Free Trade Agreement) को फाइनल करने के प्रति प्रतिबद्धता जताई.
भारत और EU के वार्ताकारों की बातचीत पारस्परिक रूप से लाभकारी, संतुलित और न्यायसंगत व्यापार समझौते (Free Trade Agreement) पर केंद्रित है, जिससे आने वाले वर्षों में दोनों के बीच व्यापार में तेजी आए. उधर विदेश मामलों की संसदीय स्थायी समिति की यूरोपीय संसद की अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मामलों की समिति (European Parliament's Committee on International Trade Affairs) के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक हो रही है.
यह वार्ता 2025 के अंत तक मुक्त व्यापार समझौते (India-EU Free Trade Agreement) पर बातचीत पूरी करने के लिए तय समय सीमा से पहले हो रही है. यूरोपीय संसद की व्यापार समिति का एक सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल यूरोपीय संघ और भारत के बीच व्यापार, आर्थिक और निवेश संबंधों पर चर्चा करने के लिए भारत का दौरा कर रहा है. यूरोपीय संघ की अंतर्राष्ट्रीय व्यापार समिति (EU International Trade Committee) अब तक यूरोपीय संघ और भारत के बीच हुई बातचीत की समीक्षा कर रही है और कोई भी समझौता यूरोपीय संसद की सहमति के बाद ही संभव होगा.
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