भारत द्वारा बालाकोट में हवाई हमलों (Balakot Strikes) के बाद, कई देशों ने विशेष दूत भेजने की पेशकश की थी और चीन ने भी सुझाव दिया कि वह तनाव कम करने के लिए भारत और पाकिस्तान दोनों देशों में अपने उप मंत्री भेज सकता है, लेकिन नई दिल्ली ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया. पूर्व राजनयिक अजय बिसारिया (Ajay Bisaria) ने यह दावा किया है. उस (बालाकोट हवाई हमले के) समय इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायुक्त रहे बिसारिया ने अपनी आने वाली पुस्तक में यह भी लिखा है कि भारत विंग कमांडर अभिनंदन वर्द्धमान को वापस लाने के लिए भारतीय वायु सेना का एक विमान पाकिस्तान भेजना चाह रहा था, लेकिन पाकिस्तान ने अनुमति नहीं दी.
भारत एक विमान भेजने वाला था...
वर्द्धमान (अब ग्रुप कैप्टन) ने 27 फरवरी, 2019 को एक पाकिस्तानी जेट विमान को मार गिराया था. इस दौरान उनके मिग 21 बाइसन जेट को मार गिराया गया था. पाकिस्तानी सेना ने वर्द्धमान को बंधक बना लिया था और दो दिन बाद उन्हें छोड़ा गया था. बिसारिया ने लिखा, "हम उन्हें वापस लाने के लिए भारतीय वायु सेना का एक विमान भेजना चाह रहे थे, लेकिन पाकिस्तान ने अनुमति देने से इनकार कर दिया, पिछले तीन दिनों में जो कुछ हुआ उसके बाद इस्लामाबाद में भारतीय वायु सेना के विमान के उतरने की बात, निश्चित रूप से, पाकिस्तान को स्वीकार्य नहीं थी."
चीन की पेशकश को विनम्रतापूर्वक ठुकराया
बिसारिया ने अपनी किताब ‘एंगर मैनेजमेंट: द ट्रबल्ड डिप्लोमेटिक रिलेशनशिप बिटवीन इंडिया एंड पाकिस्तान' में कहा है कि कई देशों ने अपने विशेष राजदूत भेजने की पेशकश की थी, लेकिन इसकी कोई जरूरत नहीं थी. उन्होंने कहा, "यहां तक कि चीन भी पीछे नहीं था. उसने सुझाव दिया था कि वह तनाव घटाने के लिये दोनों देशों में अपने उप मंत्री को भेज सकता है. भारत ने इस पेशकश को विनम्रतापूर्वक ठुकरा दिया था."
प्रधानमंत्री मोदी से बात करना चाहते थे PM इमरान खान
करीब 35 साल तक विदेश सेवा में रहने वाले बिसारिया ने रूपा प्रकाशन से प्रकाशित अपनी पुस्तक में स्वतंत्रता के बाद से भारत और पाकिस्तान के संबंधों के अनेक पहलुओं पर रोशनी डाली है. उन्होंने लिखा है कि बालाकोट पर भारत के हवाई हमलों के एक दिन बाद अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस के राजदूतों को पाकिस्तान की तत्कालीन विदेश सचिव तहमीना जांजुआ ने पाकिस्तान की सेना से मिले एक संदेश के बारे में सूचित किया था. बिसारिया ने यह भी लिखा है कि पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बातचीत करना चाहते थे. उन्होंने लिखा, "आधी रात के आसपास मुझे दिल्ली में पाकिस्तान के उच्चायुक्त सुहैल महमूद से फोन आया, जिन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान प्रधानमंत्री मोदी से बात करना चाहते हैं"
पूर्व राजनयिक के अनुसार, "मैंने ऊपर जाकर देखा और जवाब दिया कि इस समय हमारे प्रधानमंत्री उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन अगर इमरान खान को कोई अत्यावश्यक संदेश देना है, तो मुझे दे सकते हैं. मुझे उस रात वापस कोई फोन नहीं आया." उन्होंने कहा, "दिल्ली में अमेरिका और ब्रिटेन के राजदूत रातों-रात भारत के विदेश सचिव के पास पहुंचे और दावा किया कि पाकिस्तान अब तनाव को कम करने, भारत के दस्तावेज़ पर कार्रवाई करने और आतंकवाद के मुद्दे पर गंभीरता से ध्यान देने के लिए तैयार है."
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