विज्ञापन

गुजरात बीजेपी का अध्यक्ष बना, अब राष्ट्रीय अध्यक्ष की बारी?

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव एक निर्वाचक मंडल करता है. इसमें राष्ट्रीय परिषद और प्रदेश परिषदों के सदस्य शामिल होते हैं. बीजेपी के संविधान के मुताबिक निर्वाचक मंडल में से कोई भी बीस सदस्य राष्ट्रीय अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने के इच्छुक व्यक्ति के नाम का संयुक्त रूप से प्रस्ताव करते हैं.

गुजरात बीजेपी का अध्यक्ष बना, अब राष्ट्रीय अध्यक्ष की बारी?
  • बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए कम से कम उन्नीस राज्यों में संगठन चुनाव होना अनिवार्य है.
  • भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष का चयन सामाजिक या क्षेत्रीय समीकरणों से नहीं करना चाहती.
  • भाजपा और आरएसएस के वरिष्ठ नेताओं ने नए अध्यक्ष के नाम सुझाने के लिए लगभग 88 नेताओं से सलाह ली है.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।

गुजरात बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चुनाव के बाद अब यूपी और कर्नाटक पर नज़र है. इन महत्वपूर्ण राज्यों के संगठन चुनाव न होने के कारण बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव अटका हुआ है. पार्टी संविधान के अनुसार राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए कम से कम 19 राज्यों में संगठन चुनाव होना ज़रूरी है. हालांकि, बीजेपी ने अब तक 25 से भी अधिक राज्यों के संगठन चुनाव पूरे कर लिए हैं, लेकिन गुजरात और यूपी के चुनाव न होने के कारण राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव लटका हुआ है.

अब कर्नाटक, यूपी, त्रिपुरा, हरियाणा और दिल्ली के संगठन चुनाव ही बाक़ी बचे हैं. यूपी से पीएम मोदी और गुजरात से गृह मंत्री अमित शाह राष्ट्रीय परिषद के सदस्य बनने हैं.  राष्ट्रीय अध्यक्ष के नामांकन पर उनके हस्ताक्षर होंगे, इसीलिए जब तक यूपी का चुनाव नहीं होता, राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव नहीं हो सकेगा.

बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष सामाजिक समीकरणों या क्षेत्र के आधार पर चयन नहीं करना चाहती. सूत्रों ने यह भी कहा कि कोई चौंकाने वाला नाम नहीं होगा. इसका मतलब साफ है कि जो नाम चर्चा में हैं, उन्हीं में से किसी के अध्यक्ष बनाए जाने की संभावना है. किसी बड़े चेहरे को अध्यक्ष की ज़िम्मेदारी दी जा सकती है. हालांकि, सूत्रों ने यह भी कहा कि अगर किसी कारण से बिहार चुनाव के ऐलान से पहले नए अध्यक्ष का चुनाव नहीं हो पाता है तो फिर यह बिहार चुनाव के बाद ही किया जाएगा, चुनाव के दौरान नहीं. 

अनुभवी नेताओं से ली राय

नए बीजेपी अध्यक्ष के नाम के सुझाव के लिए आरएसएस और बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने करीब सौ नेताओं से संपर्क साधा है. सूत्रों के अनुसार इनमें बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष, वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री और आरएसएस बीजेपी से जुड़े और संवैधानिक पदों पर रह चुके नेताओं से बातचीत की गई है. सूत्रों ने बताया कि ऐसे 88 वरिष्ठ नेताओं से व्यक्तिगत मुलाकात कर बीजेपी के नए अध्यक्ष के बारे में उनसे सुझाव लिया गया है. जहां कई वरिष्ठ नेताओं ने अपनी ओर से कुछ नाम भी सुझाए. वहीं कुछ ने कहा कि जो भी नाम तय हो, उनकी ओर से सहमति रहेगी.

कैसे होता है बीजेपी के अध्यक्ष का चुनाव

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव एक निर्वाचक मंडल करता है. इसमें राष्ट्रीय परिषद और प्रदेश परिषदों के सदस्य शामिल होते हैं. बीजेपी के संविधान के मुताबिक निर्वाचक मंडल में से कोई भी बीस सदस्य राष्ट्रीय अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने के इच्छुक व्यक्ति के नाम का संयुक्त रूप से प्रस्ताव करते हैं. यहां यह जान लेना भी जरूरी है कि यह संयुक्त प्रस्ताव कम से कम ऐसे पांच प्रदेशों से आना जरूरी है, जहां राष्ट्रीय परिषद के चुनाव हो चुके हों. नामांकन पत्र पर उम्मीदवार की स्वीकृति भी जरूर होनी चाहिए. बीजेपी के संविधान मुताबिक अध्यक्ष का चुनाव वही व्यक्ति लड़ सकता है, जो कम से कम चार अवधि के लिए पार्टी सक्रिय सदस्य और कम से कम 15 साल तक प्राथमिक सदस्य रहा हो .बीजेपी ने संगठन के कामकाज को आसान बनाने के लिए देश को 36 राज्यों में बांटा हुआ है. बीजेपी अध्यक्ष के चुनाव के लिए जरूरी है कि आधे से अधिक राज्यों के संगठन के चुनाव हो चुके हों. 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com