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This Article is From Sep 01, 2023

जानें जी20 सम्मेलन में क्या है कल्चरल कॉरिडोर, उसकी खासियत और क्या-क्या होगा?

कल्चरल कॉरिडोर में भारत की तरफ से अष्टध्यायी, ऋग्वेद, भीम बेटका की पेंटिंग, योगा, कुंभ, वैदिक चांटिंग, हिमालय, गंगा, इंडियन ओसियन, रॉयल बंगाल टाइगर अलग-अलग श्रेणियों में लगाए जाएंगे.

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जानें जी20 सम्मेलन में क्या है कल्चरल कॉरिडोर, उसकी खासियत और क्या-क्या होगा?
दिल्ली में 9 और 10 सितंबर को जी20 सम्मेलन हो रहा है.
नई दिल्ली:

जी20 सम्मेलन का मुख्य आयोजन स्थल 'भारत मंडपम' में कल्चरल कॉरिडोर बनेगा. यहां हर देश की सांस्कृतिक विरासत का एक जगह समागम होगा. 10 हजार वर्ग फुट के मंडपम के करीब 30% हिस्से में ये कॉरिडोर होगा. यहां जी20 के 20 देशों के अलावा आमंत्रित 9 देशों से उनकी सांस्कृतिक महत्व और पहचान को प्रदर्शित किया जाएगा. यानी भारत सहित 29 देशों से फिजिकल और डिजिटल फॉर्म में वहां की पहचान, सांस्कृतिक विरासत और लोकतंत्र से जुड़ी चीजें होंगी.

सांस्कृतिक महत्व, लोकतंत्र और उस देश की विरासत को बताने वाले इन चीजों को पांच श्रेणियों में बांटा गया है:-

  1. सांस्कृतिक महत्व से जुड़ी चीज़
  2. अमूर्त विरासत
  3. देश का मास्टरपीस
  4. प्राकृतिक विरासत
  5. लोकतांत्रिक विरासत

देशों से आए डिजिटल चीजों को 19x20 फीट के स्क्रीन पर दिखाया जाएगा. जबकि फिजिकल ऑब्जेक्ट को ढाई मीटर ऊंचाई वाले ग्लास के डिस्प्ले में शोकेस किया जाएगा. हर डिस्प्ले के नीचे एक टैब में यूएन की 6 भाषाओं में उस फिजिकल ऑब्जेक्ट के बारे में तमाम जानकारियां होंगी. जो फिजिकल फॉर्म में चीज़ें आएंगी, उनको 4 महीने के बाद वापस उसी देश को भेजा जाएगा.

इसे भी पढ़ें : G-20 शिखर सम्मेलन: दिल्ली में भव्य तैयारी, 43 देशों के प्रतिनिधियों का होगा जमावड़ा; सुरक्षा के तगड़े बंदोबस्त

योजना है कि जी 20 समिट के बाद मंडपम में लगाए गए देशों की सांस्कृतिक विरासत और वहां की पहचान से जुड़ी अहम चीज़ों को लोगों को दिखाने के लिए भी खोला जाएगा.

भारत की तरफ से अष्टध्यायी, ऋग्वेद, भीम बेटका की पेंटिंग, योगा, कुंभ, वैदिक चांटिंग, हिमालय, गंगा, इंडियन ओसियन, रॉयल बंगाल टाइगर अलग-अलग श्रेणियों में लगाए जाएंगे.

वहीं, यूके मैग्ना कार्टा, फ्रांस से मोनालिसा और डिक्लेरेशन ऑफ द राइट्स ऑफ मैन एंड ऑफ द सिटीजन, ऑस्ट्रेलिया से ग्रेट बैरियर रीफ, अमेरिका का ग्रांड कैन्यन और चार्टर्स ऑफ फ्रीडम के अलावा डिजिटल फॉर्म में स्टेच्ययू ऑफ लिबर्टी, चीन का फोहुआ लिडेड जार, इटली का बेलवेद्रे अपोलो, ऑस्ट्रेलिया का वाकिंग थ्रू अ सॉन्ग लाइन, दक्षिण अफ्रीका मिसेज प्लेस, यूएई का अब्राहमिक फैमिली हाउस, जापान का कसोड़े, तुर्की का ट्रेडिशनल आर्चरी, कोरिया का वूमेन डाइवर्स और पहले आम चुनाव की तस्वीर, रूस का बोलशोई बैलेट आदि प्रदर्शित की जाएंगी.

हर देश के डिजिटल वाली चीजों को 30 sec के लिए दिखाया जाएगा और उस देश का म्यूजिक वहां चलता रहेगा.

ये तमाम डिस्प्ले और स्क्रीन सेमी सर्कुलर कल्चरल कॉरिडोर में प्रदर्शित होंगी और ठीक वहीं से गुजरकर अलग-अलग देशों के राष्ट्राध्यक्ष और प्रतिनिधि मीटिंग हॉल में दाखिल होंगे.

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