चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishore) ने एनडीटीवी के एडिटर इन चीफ संजय पुगलिया (Sanjay Pugalia)के साथ बातचीत की. इस दौरान उनसे बिहार (Bihar) को लेकर भी सवाल किए गए. बिहार के सवाल पर प्रशांत किशोर ने कहा कि उनकी कोशिश बिहार में बदलाव लाने की है. उन्होंने कहा कि वो लोगों के वोटिंग पैटर्न में बदलाव लाकर बिहार में परिवर्तन लाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मैंने अपने जीवन के अगले 10 साल बिहार को देना तय किया है.इस बातचीत में प्रशांत ने केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार के वापसी की भविष्यवाणी की.
कैसी है बिहार की आर्थिक स्थिति?
प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार अभी भी देश का सबसे गरीब और पिछड़ा राज्य है. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में अपने 10 साल के करियर और 10 साल राजनीतिक रणनीतिकार और चुनाव प्रबंधन के रूप में काम करने के बाद, 20 साल के अपने अनुभव और क्षमता के बाद मैंने यह तय किया कि बिहार का होने के नाते मुझे यह प्रयास करना चाहिए कि उस राज्य में परिवर्तन हो.
उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि अगर बिहार में सुधार परिवर्तन लाना है तो वह किसी राजनीतिक दल या व्यक्ति की आलोचना करने या किसी व्यक्ति को जिम्मेदार ठहरा देने से नहीं होगा. इसके लिए समाज को ही पहल करनी होगी. लोगों को ही यह समझना होगा कि जिन लोगों या राजनीतिक दलों को वोट करते हैं, उसमें जबतक वो परिवर्तन नहीं लाएंगे बिहार में बदलाव नहीं होगा.
उन्होंने कहा कि इसी बदलाव को लाने के लिए मैं पिछले दो साल से बिहार के गांव-गांव घूम रहा हूं. अब तक मैंने करीब 48 सौ गांवों की यात्रा की है.इस दौरान मैंने लोगों से बातचीत की है.
बिहार को कितना समय देंगे प्रशांत किशोर?
उन्होंने कहा कि मैं जो काम पहले करता था, वही काम अब भी कर रहा हूं. उन्होंने कहा कि मैं पहले राजनीतिक दलों और उनके नेताओं को सलाह देता था और उन्हें उनकी रणनीति के बारे में बताता था और उन्हें सुझाव देता था. उन्हें अधिक वोट लाने के तरीके बताता था. लेकिन अब मैं जनता को सुझाव दे रहा हूं. उन्होंने कहा कि लोगों को यह बताया जाए कि आप अपने बीच से ऐसे नेताओं को निकाल सकते हैं और संगठित हो सकते है, जन सुराज या प्रशांत किशोर इसमें आपकी मदद करुंगा. मैं उनसे कहता हूं कि आप हमारे साथ आइए जिससे आपके बच्चों का जीवन सुधरे.
उन्होंने कहा कि वो अपने जीवन के अगले 10 साल बिहार को देंगे, जिससे वहां बदलाव आ सके और बिहार देश के अग्रणी 10 राज्यों में शामिल हो सके.
इस बातचीत में प्रशांत किशोर ने कहा कि चार जून को चुनाव का नतीजा क्या होगा यह तो भविष्य ही बताएगा. लेकिन ऐसा लगता है कि पीएम नरेंद्र मोदी 2019 की तरह ही या उससे थोड़ा बेहतर आंकड़ों के साथ सत्ता में वापस लौटेंगे.
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