प्रतीकात्मक तस्वीर
यूपी विधानसभा में 150 ग्राम PETN विस्फोटक मिलने के बाद हड़कंप मच गया है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने विस्फोटक मिलने की NIA से जांच कराने की मांग की है. पीईटीएन अब तक ज्ञात सबसे खतरनाक विस्फोटक सामग्रियों की सूची में शुमार है. जब इसको किसी प्लास्टिसाइजर के साथ मिलाया जाता है तो यह बेहद खतरनाक प्लास्टिक विस्टोफक बन जाता है.
PETN
इस विस्फोटक का पूरा रासायनिक नाम पेंटाइरीथ्रीटोल टेट्रानाइट्रेट (PETN) है. सफेद रंग के पाउडर की शक्ल का यह विस्फोटक पेंटाइरीथ्रोटल का नाइट्रेट ईस्टर है. इसका उत्पादन 1912 में शुरू हुआ और प्रथम विश्व युद्ध में जर्मन सेना ने पहली बार इसका इस्तेमाल किया. हाल के वर्षों में आतंकी कार्रवाईयों में इसका इस्तेमाल किया गया है.
चर्चित मामले
- 2001 में अलकायदा के सदस्य रिचर्ड रीड ने अपने जूते के तले में इसको छिपाकर पेरिस से मियामी जा रहे अमेरिकन एयरलाइंस फ्लाइट 63 को उड़ाने का असफल प्रयास किया था. इस वजह से उसको 'शू बॉम्बर' भी कहा जाता है.
- इसी तरह 2009 में नाइजीरियाई मूल के अलकायदा सदस्य उमर फारुक अब्दुलमुतालब के अंडरवियर में इसको पाया गया. वह भी इसके जरिये डेट्राइट से एम्सटर्डम जाने वाले फ्लाइट को उड़ाने की फिराक में था. दरअसल इस विस्फोटक की सबसे बड़ी खूबी यही मानी जाती है कि इसको आसानी से पहचाना नहीं जा सकता. विस्फोटकों को सूंघने की क्षमता रखने वाले खोजी कुत्ते भी इसकी उपस्थिति का आसानी से पता नहीं लगा सकते. संभवतया इसको इसीलिए आतंकियों की पसंद माना जाता है.
उल्लेखनीय है कि यूपी विधानसभा के भीतर 12 जुलाई को मिला सफेद पाउडर विस्फोटक है. एंटी माइनिंग और डॉग स्क्वॉड की टीम जब विधानसभा के अंदर जांच कर रही थी तो इसी दौरान उन्हें सफेद पाउडर मिला था.इस पाउडर को फॉरेंसिंक जांच के लिए भेज दिया गया. जांच में पता चला है कि यह पाउडर प्लास्टिक एक्सप्लोसिव है, लेकिन यह डेटोनेटर के साथ ही काम करती है, इससे अलग से विस्फोट नहीं होता. यह विस्फोटक यह उसी जगह पर रखा था जहां तमाम पार्टियों के नेता बैठते हैं. इस लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने हाईलेवल मीटिंग बुलाई थी. यह विपक्ष वाली लाइन में मिला था. बाद में इसकी पुष्टि करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 150 ग्राम PETN मिला है. यह एक पुड़िया में मिला.
PETN
इस विस्फोटक का पूरा रासायनिक नाम पेंटाइरीथ्रीटोल टेट्रानाइट्रेट (PETN) है. सफेद रंग के पाउडर की शक्ल का यह विस्फोटक पेंटाइरीथ्रोटल का नाइट्रेट ईस्टर है. इसका उत्पादन 1912 में शुरू हुआ और प्रथम विश्व युद्ध में जर्मन सेना ने पहली बार इसका इस्तेमाल किया. हाल के वर्षों में आतंकी कार्रवाईयों में इसका इस्तेमाल किया गया है.
चर्चित मामले
- 2001 में अलकायदा के सदस्य रिचर्ड रीड ने अपने जूते के तले में इसको छिपाकर पेरिस से मियामी जा रहे अमेरिकन एयरलाइंस फ्लाइट 63 को उड़ाने का असफल प्रयास किया था. इस वजह से उसको 'शू बॉम्बर' भी कहा जाता है.
- इसी तरह 2009 में नाइजीरियाई मूल के अलकायदा सदस्य उमर फारुक अब्दुलमुतालब के अंडरवियर में इसको पाया गया. वह भी इसके जरिये डेट्राइट से एम्सटर्डम जाने वाले फ्लाइट को उड़ाने की फिराक में था. दरअसल इस विस्फोटक की सबसे बड़ी खूबी यही मानी जाती है कि इसको आसानी से पहचाना नहीं जा सकता. विस्फोटकों को सूंघने की क्षमता रखने वाले खोजी कुत्ते भी इसकी उपस्थिति का आसानी से पता नहीं लगा सकते. संभवतया इसको इसीलिए आतंकियों की पसंद माना जाता है.
उल्लेखनीय है कि यूपी विधानसभा के भीतर 12 जुलाई को मिला सफेद पाउडर विस्फोटक है. एंटी माइनिंग और डॉग स्क्वॉड की टीम जब विधानसभा के अंदर जांच कर रही थी तो इसी दौरान उन्हें सफेद पाउडर मिला था.इस पाउडर को फॉरेंसिंक जांच के लिए भेज दिया गया. जांच में पता चला है कि यह पाउडर प्लास्टिक एक्सप्लोसिव है, लेकिन यह डेटोनेटर के साथ ही काम करती है, इससे अलग से विस्फोट नहीं होता. यह विस्फोटक यह उसी जगह पर रखा था जहां तमाम पार्टियों के नेता बैठते हैं. इस लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने हाईलेवल मीटिंग बुलाई थी. यह विपक्ष वाली लाइन में मिला था. बाद में इसकी पुष्टि करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 150 ग्राम PETN मिला है. यह एक पुड़िया में मिला.
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