गुजरात सरकार ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने के लिए एक समिति गठित करने का फैसला किया है. इस बारे में जब दिल्ली सीएम और आप पार्टी मुखिया अरविंद केजरीवाल से सवाल किया तो उन्होंने कहा कि उनकी नियत खराब है. संविधान के आर्टिकल 44 में साफ-साफ लिखा है यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करना सरकार की जिम्मेदारी है तो सरकार को यूनिफॉर्म सिविल कोड बनाना चाहिए. ऐसा बनाना चाहिए जिसमें सभी समुदायों की रजामंदी हो, सभी समुदायों को साथ लेकर यूनिफॉर्म सिविल कोड बनना चाहिए.
केजरीवाल ने कहा कि बीजेपी ने क्या किया उत्तराखंड के चुनाव के पहले एक समिति बना दी. उत्तराखंड का चुनाव जीतने के बाद अब वह समिति अपने घर चली गई. अब गुजरात के चुनाव के 3 दिन पहले एक समिति बनाई अब यह भी चुनाव के बाद अपने घर चली जाएगी. मध्यप्रदेश में क्यों नहीं बनाते उत्तर प्रदेश में क्यों नहीं बनाते अगर इनकी नियत यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने की है तो देश में क्यों नहीं बनाते देश में लागू कर दें ये, लोकसभा चुनाव का इंतजार कर रहे हैं क्या? तो पहले आप जाकर उनसे पूछना कि केजरीवाल जी कह रहे हैं कि आपको यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करना नहीं है आपकी नियत खराब है.
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गुजरात सरकार ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने के लिए एक समिति गठित करने फैसले की जानकारी शनिवार को दी. राज्य मंत्रिमंडल की शनिवार को हुई बैठक के दौरान समिति के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी. इसे भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व वाली कैबिनेट की आखिरी बैठक माना जा रहा है, क्योंकि राज्य चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा अगले सप्ताह होने की उम्मीद है. गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी और केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने इस फैसले के बारे में पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले समिति का गठन किया जाएगा.
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