कांग्रेस की पश्चिम बंगाल इकाई के नेता कौस्तव बागची ने बुधवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया और आरोप लगाया कि पार्टी संगठन में नेताओं का सम्मान नहीं किया जाता है. बागची ने अपना इस्तीफा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को भेजा और इस्तीफे की प्रतियां पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख अधीर रंजन चौधरी और महासचिव एवं प्रदेश प्रभारी गुलाम अहमद मीर को भी भेजीं.
संपर्क करने पर बागची ने कहा, "शायद अब लोग मुझे पार्टी विरोधी कहेंगे. लेकिन, मैं एक बात बार-बार कह रहा हूं कि मैं कांग्रेस द्वारा 'भ्रष्ट' तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) से हाथ मिलाने के खिलाफ हूं." कांग्रेस और टीएमसी विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' में शामिल हैं.
उन्होंने कहा, "कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व पश्चिम बंगाल इकाई को कोई महत्व नहीं देता. इसलिए, मैं अपने आत्मसम्मान से समझौता नहीं करना चाहता." उनकी भविष्य की योजनाओं के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने का संकेत दिया.
उन्होंने कहा, "आपको एक या दो दिन इंतजार करना होगा. सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा... लेकिन मैं एक बात कहना चाहूंगा कि फिलहाल केवल भाजपा के शुभेंदु अधिकारी ही हैं जो पश्चिम बंगाल से तृणमूल कांग्रेस की सरकार को हटा सकते हैं."
बागची ने पिछले साल पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ टिप्पणियों को लेकर गिरफ्तारी के बाद जमानत पर रिहा होने पर अपना सिर मुंडवा लिया था.
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