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This Article is From Nov 24, 2022

"...नहीं तो एनआरसी के नाम पर आपको डिटेंशन कैंप में भेज दिया जाएगा" : ममता बनर्जी

तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने कहा कि केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी एक अलग राज्य की मांग उठाकर पश्चिम बंगाल में अलगाववाद को उकसाने की कोशिश कर रही है. वह कभी भी बंगाल के विभाजन की अनुमति नहीं देंगी.

"...नहीं तो एनआरसी के नाम पर आपको डिटेंशन कैंप में भेज दिया जाएगा" : ममता बनर्जी
ममता बनर्जी ने कहा कि वह कभी भी बंगाल के विभाजन की अनुमति नहीं देंगी.
कोलकाता:

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि लोगों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनका नाम मतदाता सूची में दर्ज हो, अन्यथा उन्हें राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के नाम पर डिटेंशन कैंप (हिरासत शिविरों) में भेज दिया जाएगा.

बनर्जी ने कहा, "वोटर लिस्ट में अपडेट और करेक्शन का काम चल रहा है. यह प्रक्रिया 5 दिसंबर तक चलेगी. मैं सभी लोगों से आग्रह करती हूं कि वोटर लिस्ट में आपका नाम हो, वरना आपको एनआरसी का नाम लेकर डिटेंशन कैंप में भेज दिया जाएगा."

मुख्यमंत्री ने कहा, "कभी-कभी उन्हें (आम लोगों को) कहा जाता है कि वे भारतीय नागरिक नहीं हैं, लेकिन अगर वे नहीं हैं, तो उन्होंने वोट कैसे दिया? आप हमारे वोटों के कारण पीएम बने और आज आप कह रहे हैं कि आप हमें नागरिकता अधिकार प्रदान करेंगे इसका क्या मतलब है? क्या आप हमारा अपमान नहीं कर रहे हैं?" 

इस महीने की शुरुआत में, पश्चिम बंगाल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि राज्य में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम लागू किया जाएगा और अगर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इसका विरोध करती हैं, तो यह देश की संप्रभुता को चुनौती देने जैसा होगा.

एएनआई से बात करते हुए, मजूमदार ने कहा था, "नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, संसद के दोनों सदनों में पहले ही पारित हो चुका है. अब यह केंद्र सरकार के पास है. इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा. अगर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इसका विरोध करती हैं तो इसका मतलब है कि वह देश की संप्रभुता को चुनौती दे रही हैं. सीएए बंगाल में लागू होगा. अगर वह सीएए नहीं चाहती हैं तो इसका मतलब है कि वह शरणार्थियों को नागरिक नहीं बनाना चाहती हैं."

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जोर देकर कहा था कि वह पश्चिम बंगाल में सीएए को कभी लागू नहीं होने देंगी. उन्होंने आगे आरोप लगाया कि भाजपा आगामी गुजरात विधानसभा चुनावों पर नजर रखते हुए सीएए और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) पर बयानबाजी कर रही है.

भाजपा के खिलाफ आरोपों की एक श्रृंखला में, तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने कहा कि केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी एक अलग राज्य की मांग उठाकर पश्चिम बंगाल में अलगाववाद को उकसाने की कोशिश कर रही है. वह कभी भी बंगाल के विभाजन की अनुमति नहीं देंगी.

2019 अधिनियम ने नागरिकता अधिनियम, 1955 में संशोधन किया, जो अवैध प्रवासियों को नागरिकता के लिए पात्र बनाता है यदि वे (ए) हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी या ईसाई समुदायों से संबंधित हैं, और (बी) अफगानिस्तान, बांग्लादेश या पाकिस्तान से हैं. यह केवल 31 दिसंबर, 2014 को या उससे पहले भारत में प्रवेश करने वाले प्रवासियों पर लागू होता है. संशोधन के अनुसार, पूर्वोत्तर के कुछ क्षेत्रों को प्रावधान से छूट दी गई है.

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